धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में आज होगी याचिका पर सुनवाई
(रणभेरी): ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के बाद वजू करने से हिंदू धर्म की भावना आहत करने पर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों पर केस दर्ज करने की मांग पर सोमवार को सुनवाई होगी। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की कोर्ट में आज ये फैसला लिया जाएगा की ये मामला सुनने योग्य है या नहीं। ज्ञानप्रकाश सिंह ने वाद दायर कर सीआरपीसी की धारा 156-3 के तहत अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन, प्रबंध समिति एक हजार अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग की है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि ज्ञानवापी में शिवलिंग होने की जानकारी के बाद हाथ पैर धोना, थूकना और वजू करने से हिंदू धर्मावलंबियों की धार्मिक भावना आहत हुई है. वादी पक्ष ने कोर्ट में बताया कि इस मामले में पुलिस के अधिकारियों से शिकायत की गई. लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. यहां शनिवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने 6 जून की तारीख नियत की है.
इसमें आरोप लगाया गया है कि ज्ञानवापी में शिवलिंग होने की जानकारी के बाद हाथ पैर धोना, थूकना और वजू करने से हिंदू धर्मावलंबियों की धार्मिक भावना आहत हुई है। वादी पक्ष ने अदालत में बताया कि इस मामले में पुलिस के अधिकारियों से शिकायत की गई, मगर उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां बता दें कि शनिवार (चार जून) को हुई सुनवाई में अदालत ने छह जून की तारीख नियत की है।
ज्ञानवापी में पूजा की अनुमति को लेकर अनशन कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के जिला जज की अदालत में दाखिल श्री आदि विश्वेश्वर की पूजा-पाठ, राग-भोग की अनुमति के प्रार्थना पत्र पर सोमवार को सुनवाई होगी। अधिवक्ता रमेश उपाध्याय की ओर से दायर वाद में जिला जज की अदालत में अवकाश के चलते वेकेशन जज से सुनवाई की मांग की गई है। वादी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मांग की है कि श्री आदिविश्वेश्वर के राग भोग पूजन अर्चन को प्रतिवादियों द्वारा रोक दिया गया है। परिणामस्वरूप भगवान श्री आदि विश्वेश्वर का राग-भोग पूजन-अर्चन नहीं हो पा रहा है। इस मामले में जिला जज की अदालत में छह जून की तारीख तय है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने ज्ञानवापी के लिए कारसेवा का एलान किया है। डॉ. तिवारी ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को आदिविश्वेश्वर मानते हुए उनकी अविलंब पूजा-अर्चना के लिए वह शिव कारसेवा करेंगे। शिव कारसेवा 15 जून के बाद किसी भी दिन शुरू हो जाएगी। कारसेवा में शामिल होने के लिए काशी के सभी मंदिरों के महंत और तीर्थ पुरोहितों को आमंत्रण पत्र भेजा जाएगा। मिर्जापुर के तीर्थ पुरोहित और प्रमुख मंदिरों के महंत भी आमंत्रित किए जाएंगे।