आखिर क्यों नहीं अतिक्रमण मुक्त हो रहा असि घाट !

आखिर क्यों नहीं अतिक्रमण मुक्त हो रहा असि घाट !

खानापूर्ति के लिए हटाई जाती है दुकानें, कुछ दिन बाद फिर सज जाता है माल-असबाब 

घरेलू गैस सिलिंडर और स्टोव दे रहे हादसों को दावत, 14 जनवरी को हुई थी घटना, फिर भी नहीं चेते जिम्मेदारान 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। काशी के घाटों पर अतिक्रमण और सुरक्षा की लापरवाही एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। गंगा किनारे स्थित विश्वविख्यात घाटों पर चाय विक्रेताओं, ठेले वालों और खोमचा दुकानदारों द्वारा अवैध रूप से गैस सिलेंडर और स्टोव का इस्तेमाल किया जा रहा है। हाल में असि घाट पर एक चाय विक्रेता का स्टोव फटने से दो लोग घायल हो गए थे, जिससे घाट पर कुछ समय के लिए अफरातफरी का माहौल बन गया था। यह घटना काशी के घाटों पर अतिक्रमण और सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करती है।

बीते 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान के लिए घाटों पर मौजूद थे। इस समय भी घाट पर भीड़ थी, लेकिन विस्फोट के बाद राहत की बात यह रही कि यह घटना दिन के बाद हुई, जब घाट पर भीड़ कम हो चुकी थी। हालांकि, यदि यह हादसा उस समय हुआ होता जब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ घाटों पर थी, तो भगदड़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते थे। महाकुंभ के समय काशी में लाखों तीर्थयात्री आते हैं और ऐसे में किसी भी हादसे का असर बड़ा हो सकता है।

दो बार आतंकी घाट को बना चुके निशाना

वाराणसी में दहशतगर्द दो बार घाटों को निशाना बना चुके हैं। पहली बार 23 फरवरी 2005 को कुकर और सिलेंडर के जरिए आतंकियों ने धमाका किया था जिसमें पांच लोग मारे गए। पहले पुलिस ने सिलेंडर ब्लास्ट कहा था लेकिन जांच में पुलिस की कहानी झूठी निकली थी। घाट पर पांच साल बाद यानी 2010 में आतंकियों ने एक बार फिर ब्लास्ट किया। शीतला घाट पर हुए बम विस्फोट में एक बच्ची की मौत हो गई थी जबकि 50 से अधिक लोग जख्मी हुए थे।

हटाने के बाद फिर सज जाती है दुकानें 

नगर निगम द्वारा घाटों से अतिक्रमण हटाने के कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन ये प्रयास अस्थायी साबित हो रहे हैं। ठेले वाले और दुकानदार अपनी गुमटी और स्टोव को हटा तो लेते हैं, लेकिन कुछ समय बाद वही फिर से लगाकर सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हैं। इसके अलावा, अग्निशमन उपकरणों की अनुपस्थिति भी सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। कई दुकानदार बिना किसी सुरक्षा उपाय के गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं, जो किसी भी समय एक बड़ा हादसा पैदा कर सकता है। 

कुल मिलाकर, काशी के घाटों पर बढ़ते अतिक्रमण और सुरक्षा की लापरवाही से एक बड़ा हादसा होने की आशंका जताई जा रही है। नगर निगम और प्रशासन को चाहिए कि वे घाटों पर नियमित निरीक्षण और सख्त सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करें ताकि इन स्थानों पर श्रद्धालुओं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।