ओलावृष्टि ने बढ़ाई किसानों की चिंता,फसलों का हुआ नुकसान

ओलावृष्टि ने बढ़ाई किसानों की चिंता,फसलों का हुआ नुकसान
  • बारिश के बाद बढ़ी गलन, आसमान में छाए घने बादल

वाराणसी (रणभेरी): बीते रात गरज-चमक और तेज हवा के साथ बारिश हुई। कुछ ही देर में ओले भी गिरने लगे। बारिश 0.1 मिलीमीटर हुई, मगर हवा 19 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बह रही थी। बारिश कुछ देर में थमी, मगर रूक-रूककर यह कई बार हुई। यह बारिश किसानों के 6 महीने के मेहनत पर पानी फेर सकता है। खड़ी गेहूं और दलहनी फसलें ओले पाकर गिर जाएंगी या पानी से फुल जाएंगी। फसलों में सड़न भी हो सकती है। किसान भगवान से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि कुछ दिन न बरसाओ। गरज चमक संग बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। जानकारों के अनुसार, सब्जियों के साथ-साथ गेहूं और सरसों की फसलों को नुकसान होगा। साथ ही जायद की फसलों की बुआई भी प्रभावित होगी। कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर के प्रभारी डॉ. नरेंद्र रघुवंशी के मुताबिक, बारिश और ओलावृष्टि से फूल वाली फसल जैसे सरसों, चना, मटर को पांच से 10 प्रतिशत तक नुकसान होगा। बारिश के बाद अगर तेज हवा चली तो गेहूं के फसल गिरने की संभावना है। जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त ने बताया कि बौर लगने वाले आम के पेड़ों पर इस बारिश का कोई असर नहीं होगा। 

आज के बाद बारिश की संभावना कम

फिलहाल, आज सुबह पूरी तरह से घने बादल छाए हैं। ठंड महसूस हो रही है। हालांकि कोहरा नहीं है और विजिबिलिटी 2 किलोमीटर दर्ज की गई। वाराणसी का औसत तापमान 15.2त्उ दर्ज किया गया। वहीं गुरुवार को अधिकतम तापमान 23त्उ और न्यूनतम तापमान 12.त्उ तक रिकॉर्ड किया गया था। हवा में 93% नमी है। वाराणसी के आसमान में छाए बादलों की मोटाई 600-1000 मीटर के आसपास है। यानि कि बारिश हो सकती है मगर बहुत ज्यादा होने की कोई संभावना दूर-दूर तक नहीं है।बारिश वाला यह मौसम पूरे पूर्वांचल भर में बना हुआ है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, आज के बारिश बंद हो सकती है। वहीं शनिवार को हल्के-फुल्के बादल छा सकते हैं। इसके बाद मौसम कोहरा और ठंड वाला हो जाएगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक  के अनुसार नमी बढ़ने बारिश हुई है