छह दिन के बाद खतरा बिंदु से नीचे आईं गंगा, लोगों ने लीं राहत की सांस

गंगा व वरुणा के तटवर्ती इलाके अभी भी जलमग्न, शिविरों में टिके हैं बाढ़ प्रभावित
गंगा व वरुणा का पानी उत्तरने से कीचड़, गंदगी का लगा अंबार, सताने लगा बीमारियों का डर
बाढ़ से घिरे तटीय क्षेत्रों से खिसक रहा है पानी, वरुणा किनारे के लोगों ने भी राहत की सांस ली, रोहनिया में बेटावर का मार्ग खुला
वाराणसी (रणभेरी): गंगा और वरुणा के तटवासियों के लिए राहत भरी खबर है। गंगा का जलस्तर छह दिन बाद खतरा बिन्दु से नीचे आ गया है। संतोष की बात यह भी कि जलस्तर में घटाव तीन सेमी प्रतिघंटे की दर से लगातार जारी है। इसका असर वरुणा के जलस्तर पर भी पड़ा है। ऐसे में उम्मीद जताई जा सकती है कि 24 घंटों में कई इलाकों से पानी हट जाएगा। साथ ही चिंता यह भी कि बाढ़ का पानी हटने के बाद युद्धस्तर पर सफाई नहीं की गई तो संक्रामक रोग भी फैल सकता है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मी से 0.66 मीटर नीचे आ गया। तब तक घटाव की दर भी 6 सेमी प्रतिघंटे रही। ज्ञात है कि शनिवार की रात 10 बजे गंगा में बाढ़ का पानी खतरा के निशान से ऊपर बहने लगा था। लगतार बढ़ाव के कारण लोगों में यह भय सताने लगा कि कहीं जलस्तर अपने उच्चतम बिन्दु 73.90 को भी कही पार न कर ले। लेकिन मंगलवार सुबह 8 बजे खतरा बिन्दु से 97 सेमी ऊपर पहुंच कर 72.23 मीटर पर थम गया था। करीब 20 घंटे तक बुधवार सुबह 6 बजे तक यथावत रहीं गंगा में इसके बाद धीमी गति से घटाव शुरू हुआ, जो गुरुवार की रात 3 सेमी तक पहुंच गया है। इसके कारण वरुणा का जलस्तर पर कम होने लगा है। गंगा-वरुणा में अनवरत घटाव के तटीय इलाकों में दुश्वारियां बरकरार हैं। बाढ़ से जहां 90 गांव और 28 मुहल्ले अभी भी घिरे हैं। उधर पिंडरा तहसील का गांगपुर गांव में कई हेक्टेयर फसलें डूबी हैं। प्रभावित ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों तक राहत किट नहीं पहुंच पा रही है। वे दिनभर सरकारी मदद के इंतजार में है। ग्रामीण इलाकों में तहसील से भेजी गई किट शाम तक पहुंच नहीं पाई थी। मवेशियों के लिए भूसा वितरण होने से पशुपालकों ने राहत महसूस की। लेकिन अब भी उन्हें सरकारी नाव और राहत किट का इंतजार है। रोहनिया संवाद के अनुसार पानी घटने से बंद पड़ा करसड़ा से बेटावर मार्ग खुल गया है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व और आपदा प्रभारी वंदिता श्रीवास्तव का कहना है कि जलस्तर में घटाव को देखते हुए उम्मीद जताई जा सकती है कि दो-तीन दिनों में तटवर्ती लोगों को काफी राहत मिल जाएगी। बाढ़ प्रभावित चाहे राहत केंद्र में हों या बाहर सभी तक सरकारी मदद बांटी जा रही है।
गंगा व वरुणा का पानी उत्तरने से कीचड़, गंदगी का लगा अंबार
जिले में गंगा के जलस्तर में कमी आ रही है, लेकिन दुश्वारियां बढ़ती जा रही है। बीते घंटे में गंगा का जलस्तर करीब एक मीटर नीचे उतरा हैं, लेकिन पानी उतरते ही कीचड़ और गंदगी का अंबार लग गया है। गुरुवार को रात्रि में गंगा खतरे के निशान से नीचे आ गयी। लेकिन बाढ़ की स्थिति अभी भी विकराल बनी हुई हैं। समीपवर्ती इलाकों के लोगों की चिंता गंगा के जलस्तर में कमी होने से कम हुई हैं, लेकिन उन्हें अभी भी राहत नहीं मिली है। गंगा व वरुणा नदी के समीपवर्ती इलाके अभी भी बाढ़ के पानी से लबालब हैं। शहर के लेकर गांव तक बाढ़ से मची त्राहि-त्राहि कम नहीं हो रही है। केंद्रीय जल आयोग ने शुक्रवार को सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 70.60 मीटर रिकार्ड किया। अभी भी बाढ़ राहत शिविरों में हजारों लोग ठहरे हुए हैं। प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत व बचाव के कार्य जारी है। अफसरों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अलावा शिविरों पर पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया। जिले में गंगा व वरुणा के समीपवर्ती इलाकों की हजारों की आबादी प्रभावित है। समीपवर्ती इलाकों में पानी भरने के कारण करीब 10 हजार लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली है। प्रशासन की मानें तो सक्रिय किए गए 23 बाढ़ राहत शिविरों पांच हजार लोगों ने शरण ली है। वहीं अन्य सुरक्षित स्थानों पर भी पांच हजार से ज्यादा लोगों ने आश्रय लिया है। शहर में गंगा व वरुणा के पास के नगवां, अस्सी, गंगोत्री नगर, सामने घाट, नक्खी घाट, पुलकोहना, सरैयां, बधवा नाला समेत दो दर्जन से ज्यादा इलाकों में पानी भरा है। गंगा घाट पूरी तरह से डूब हैं और सीड़ियों से ऊपर सड़क तक पानी है। जलस्तर कम होने से पानी कम हो रहा है। लेकिन पीछे कीचड़ और गंदगी से स्थिति नारकीय हो रही है। राहत शिविरों में टिके लोगों को प्रशासनिक इंतजाम उपलब्ध कराए जा रहे है। लोगों के खाने-पीने, साफ-सफाई, दवा व ठहरने के इंतजामों का अफसरों ने शिविरों में पहुंचकर जायजा लिया। सबसे ज्यादा परेशानी नक्खी घाट, तीन पुलिया, पुलकोहना, सरैयां, बघवा नाला, कोनिया, सलारपुर, देलवरिया, हुकुलगंज में है। डीएम ने राहत शिविरों में साफ-सफाई, फागिंग, एंटी लावां, ब्लीचिंग पाउडर, चूने का छिड़काव कराने का निर्देश दिया है।
किसानों की फसल तबाह मुआवजे की आस
बाढ़ से बड़ी आबादी प्रभावित, रोजी रोजगार, खेती-किसानी चौपट, राहत सामग्री बांटने गए अफसरों से किसानों ने मांगा फसल का मुआवजा
जिले में गंगा व वरुणा में बढ़ाव ने बड़ी आबादी प्रभावित हुई हैं। बाढ़ का पानी सौ से ज्यादा इलाकों में पहुंचने के कारण रोजी रोजगार के साथ ही खेती-किसानी पर भी बुरा असर पड़ा है। पिछले करीब 20 दिनों से गंगा व वरुणा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं। जनपद में फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जनपद में 2200 हेक्टेयर से ज्यादा में लगी फसलें डूब गयी हैं। फसलों को नुकसान पहुंचने से किसानों पर आर्थिक मार पड़ी है। किसान नष्ट फसलों के बदले मुआवजा की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को ग्रामीण क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरण को पहुंचे अफसरों से किसानों ने नष्ट हुई फसलों के बदले मुआवजा की मांग की। अफसरों ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार बाढ़ से 90 ग्रामीण क्षेत्र और 28 शहरी क्षेत्रों में पानी भर गया है। इन क्षेत्रों में आबादी के साथ ही कृषि भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई हैं। कई गांवों में फसल पूरी तरह डूब गयी है जिससे किसानों को आर्थिक कठिनाईयों का भी सामना करना पड़ेगा।
इन इलाकों में कृषि को भारी नुकसान
ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ से कृषि को काफी नुकसान पहुंचा है। रामपुर ढाब, रमचंदीपुर, मुस्तफाबाद, छितौना, लूठा, अंबा, बर्थरा खुर्द, गोबरह।, मोकलपुर, शिवदशा, जाल्हूपुर, हरिहरपुर, पिपरी, नखवां, तुदीपुर, फुलवरिया, शहंशाहपुर, जविखनी, सिरोवा, जमुनीपुर, मरूई, पिसौर, हडियाडीह, रौनाकला, गरौली, बेला, कैची, टेकुरी, लक्ष्मीसेनपुर, राजापुर, तातेपुर, वभनपुर, कुकुडहा, बर्णरा कलां, धोबही, सरैया, रैमला, धौरहरा, श्रीष्टी, सेहवर, चांदपुर, दुदुवा, धरहरा, रमना, टेकुरी, लच्छीपुर कोरौना, हीरमपुर, रामेश्वर, परसीपुर, जगापट्टी, लच्छीपुर, गॉगवा, शाहशाहपुर, करदसा, खेवली, भतसार, तिलांगा, परशुपुर, लोहारपुर, वीरसिंहपुर, सिहोरवा, जविखनी, बंदेपुर, गांगपुर, टेकरी, नरोत्तमपुर, पंडितपुर, बर्थरा गंगवार, गौरा उपरवार, गौरा गंगवार, धर्मपुर, अजगरा, व्यासपुर, परनापुर, झांझपुर, पिसौर, गोवर्धनपुर, अहिरान, कोईरान, पश्चिमपुर, चमांय, कैलहट, शहाबुद्दीनपुर, कोईराजपुर, छपका, घरवारपुर, गोसाईपुर, करोमा, औसानपुर व अनौरा में बाढ़ से कृषि को नुकसान पहुंचा है।
ऐक्टिव बाढ़ राहत शिविर
प्रावनिक विद्यालय, सलारपुर प्राथमिक विद्यालय सरैया, आरके पैलेस, सरैया, यूनाइटेड पब्लिक स्कूल, सरैया, आलिया गाउँन, सरैया सिटी गर्ल्स स्कूल, बड़ी बाजार चित्रकूट कान्वेंट स्कूल, नवखीघाट नवोदय स्कूल, दानियालपुर सुभाष इंटर कॉलेज, कोनिया अम्बेडकर इंटर कॉलेज, कोनिया रामजानकी मंदिर, बेलवरिया प्राथमिक विद्यालय, बेलवरिया नवयुग विद्या मंदिर, बेलवरिया दीप्ती कान्वेंट स्कूल, हुकुलगंज तुलसी निकेतन, हुकुलगंज सरस्वती विद्या मंदिर, हुकुलगंज जेपी मेहता इंटर कॉलेज, सिकरौल गोपीराधा इंटर कॉलेज, रविंद्रपुरी प्राथमिक विद्यालय, डोमरी कन्या प्रथमिक विद्यालय, नगवां प्राथमिक विद्यालय, रामपुर दाब एसकेवी स्कूल, चौकाचाट प्राथमिक विद्यालय, लूता खुर्द