सावधान ! त्योहारी सीजन में लूट के इरादे से आ रहे ऑफर

त्यौहारी सीजन में खरीदारी बढ़ने से साइबर ठगों के लिए बन जाता है लूट का मौका
सोशल मीडिया पर गिफ्ट व सस्ते सामान को लेकर साइबर ठगों द्वारा शेयर किया जा रहा तमाम फेक ऑफर
वाराणसी (रणभेरी): जैसे-जैसे त्योहारी सीजन ने दस्तक दी है, बाजारों के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी ग्राहकों से गुलजार हो गए हैं। इसी बढ़ती ऑनलाइन खरीदारी का फायदा साइबर ठग भी उठाने लगे हैं। सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सस्ते सामान, कैशबैक, गिफ्ट कूपन और लोन ऑफर के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। साइबर पुलिस के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस बार त्योहार शुरू होने से पहले ही ऑनलाइन ठगी के मामलों में करीब 40–50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
सायबर ठग लोगों को भरोसे में लेने के लिए बड़ी कंपनियों या ब्रांड्स के नाम से फर्जी वेबसाइट और लिंक तैयार करते हैं। इन लिंक पर क्लिक करते ही या एप डाउनलोड करने पर मोबाइल में मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है, जिससे खाते की गोपनीय जानकारी ठगों तक पहुंच जाती है। पुलिस का कहना है कि अधिकांश मामलों में लोग सस्ते ऑफर या इनाम पाने के लालच में लिंक पर क्लिक कर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा कर देते हैं।
चितईपुर निवासी मनोज सारस्वत इसके शिकार बने। उन्हें दशहरा ऑफर के नाम पर संदेश मिला कि उनके नाम पर बाइक की स्कीम निकली है और दस्तावेज सत्यापन के लिए 9000 रुपये जमा करने होंगे। उन्होंने जैसे ही राशि जमा की, सामने वाले का मोबाइल नंबर बंद हो गया। वहीं, सामनेघाट निवासी रजनीश गुप्ता को दीपावली फेस्टिवल लोन ऑफर का झांसा दिया गया। उनसे एक ऐप डाउनलोड करवाया गया और कुछ ही देर बाद उनके खाते से 12 हजार रुपये गायब हो गए। साइबर थाना प्रभारी के अनुसार, ठग अब व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भी लोगों को टारगेट कर रहे हैं। वे कंपनी का लोगो और विज्ञापन सामग्री कॉपी कर आकर्षक ऑफर दिखाते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अज्ञात लिंक या ऑफर पर क्लिक न करें और न ही अपनी बैंक डिटेल साझा करें। किसी ठगी की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें। त्योहारी रौनक के बीच यदि सतर्कता न बरती जाए, तो खुशी का यह मौसम नुकसान में बदल सकता है।
त्योहारी सीजन में साइबर ठगी का बोलबाला
नवरात्रि, दशहरा और दीपावली जैसे त्यौहारों के बीच जहां बाजारों में खरीदारी का उत्साह बढ़ा है, वहीं साइबर ठगों ने भी अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। बीते पंद्रह दिनों में 135 से अधिक साइबर ठगी की घटनाएं सामने आई हैं। लालच, जल्दबाजी और आकर्षक ऑफरों के झांसे में आकर लोग ठगों के शिकार बन रहे हैं।पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर सस्ते सामान, गिफ्ट व भारी छूट के ऑफर देखकर खरीदारी की, लेकिन जल्दबाजी में किसी से सलाह नहीं ली। ठग सीमित समय का ऑफर बताकर उन्हें तत्काल भुगतान के लिए प्रेरित करते हैं और जैसे ही रकम ट्रांसफर होती है, लिंक या अकाउंट गायब हो जाता है। ऑनलाइन शॉपिंग साइटों, बुकिंग पोर्टलों और नकली गिफ्ट कार्ड योजनाओं के नाम पर लोगों के बैंक अकाउंट से हजारों रुपये उड़ा लिए जा रहे हैं। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि ठग इस त्योहारी मौसम में भावनाओं और लालच पर खेलते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध लिंक, ऑफर या अज्ञात नंबर से आए संदेश पर भरोसा न करें। खरीदारी केवल विश्वसनीय वेबसाइट या एप से ही करें और किसी भी ऑनलाइन लेनदेन से पहले पूरी जांच-पड़ताल जरूर करें।
साइबर अपराधी अपनाते हैं कई हथकंडे
फेस्टिवल सीजन में बढ़ती ऑनलाइन शॉपिंग के साथ साइबर अपराधियों की सक्रियता भी तेजी से बढ़ जाती है। ठग विभिन्न हथकंडों से लोगों को झांसे में लेकर उनके बैंक खाते, डेबिट-क्रेडिट कार्ड या यूपीआई से पैसे उड़ा लेते हैं। कभी वे ऑनलाइन शॉपिंग साइट का फर्जी लिंक भेजते हैं तो कभी ब्रांडेड कंपनी के नाम पर इनाम या भारी डिस्काउंट का लालच देकर लोगों से ओटीपी या कार्ड डिटेल्स मांगते हैं। कई बार सोशल मीडिया पर आकर्षक ऑफर या नकली गिफ्ट वाउचर का झांसा भी दिया जाता है।
कमिश्नरेट पुलिस ने इस बढ़ते साइबर खतरे को देखते हुए जागरूकता अभियान शुरू किया है। लोगों को समझाया जा रहा है कि कोई भी ब्रांड या ई-कॉमर्स कंपनी फोन पर इनाम या ऑफर नहीं देती। अनजान लिंक या कॉल पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें। किसी भी ऑफर को स्वीकार करने से पहले वेबसाइट की असलियत जांच लें। पुलिस ने सलाह दी है कि अगर कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत 1930 या साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं। जागरूकता और सतर्कता ही ऐसे साइबर अपराधों से बचाव का सबसे कारगर तरीका है।
ऑफर पर नहीं करें विश्वास
साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि इस तरह की कॉल पर बताई जाने वाले ऑफर पर विश्वास नहीं करें। कॉल करने वाला व्यक्ति आप के शहर के किसी भी चर्चित मॉल दुकान का कतना भी नाम लें। उसकी बात पर भरोसा बिल्कुल नहीं करें, कॉल काटकर पहले उस मॉल या दुकान पर खुद जाएं। मॉल या दुकान में मौजूद कर्मचारियों से उस ऑफर के बारे में पूछताछ और अच्छे से पड़ताल करें। किसी भी ऑफर वाली कॉल के कहने पर ऑन न तो पैसा कहीं भेजें और न ही ओटीपी बताएं। कोई भी कंपनी फेस्टिवल ऑफर में कीमत के आधे से भी अधिक कम पैसे का ऑफर नहीं देती। देती भी है तो इस तरह की छूट के लिए मॉल या दुकानदार सेल छूट जैसे ऑफर चलाती हैं। ऐसे ऑफर के बारे में व्यापारी बाकायदे लोकल स्तर पर प्रचार प्रसार भी करते हैं,इसलिए सतर्क रहें।
फेस्टिवल सीजन चल रहा है। ऐसे में साइबर ठग ऑफर जैसी बातों का झांसा देकर लोगों से ठगी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर किसी भी ऑफर पर तुरंत भरोसा न करें। न तो कोई लिंक पर क्लिक करें न पैसा भेजें और कोई भी ओटीपी आदि का नंबर भी नहीं शेयर करें। बताए गए तरीकों पर तो गौर करें तो ऐसे फ्राड से वह बच सकते हैं।-टी सरवणन, डीएसपी साइबर क्राइम