ब्लैक मेलिंग का जरिया बन रहा फटाफट लोन का फर्जी कारोबार

ब्लैक मेलिंग का जरिया बन रहा फटाफट लोन का फर्जी कारोबार
  • मिनटों में लोन देने वाले एप्स के झांसे में आकर लोग हो रहे ठगी के शिकार 

  • मजबूरी का फायदा उठाकर गैंग के शातिर लोगों से अतिरिक्त रुपए ऐंठने का करते हैं काम

  • एप्लीकेशन इंस्टाल कराकर चुराते है मोबाइल से डेटा, पुलिस में रिपोर्ट करने व रिकार्ड खराब करने की धमकी देकर करते है वसूली

वाराणसी (रणभेरी): अगर आपको पैसे की जरूरत है ,आप लोन लेना चाहते है ,और अगर ऑनलाइन लोन लेने के बारे में  सोंच रहे है तो  सावधान हो जाइए। मिनटों में लोन देने वाले ऐप्स के झांसे में आकर लोग बर्बाद हो रहे हैं। असल में पूरा एक गिरोह लोगो को ठगने में लगा हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इंस्टेंट लोन एप्लीकेशन से बचने हेतु अलर्ट जारी किया है।एक पूरा एक गैंग है, जिसमें ज्यादा अनाधिकृत लोग लगे हैं जिन्हें रिजर्व बैंक से लोन देने का अधिकार नहीं मिला है, इसके बावजूद वे खुलेआम मिनटों में लोन का ऑफर देकर लोगों को फंसा रहे हैं।

लॉकडाउन के दौरान से ये सारे एप्लीकेशन एक्टिवेट हुए है ,और पैसों की कमी से जूझ रहे लोगो को सस्ते दर पे लोन मुहैया कराने का झांसा देकर अपने जाल में फंसा रहे है। गैंग द्वारा कस्टमर से तीन महीने का बैंक स्टेटमेंट, आधार कार्ड या पैन कार्ड की कॉपी लेकर तुरंत यानी कुछ मिनटों में ही लोन दे दिया जाता है। जिसे चुकाने के लिए निश्चित समयावधि ढ़ी जाती है ,अगर एक एप्लीकेशन से ली गई लोन आप चुका नही पाते तो दूसरी एप्लीकेशन का नाम बता कर उसे इंस्टाल करा कर उससे लोन लेकर पिछले लोन की भरपाई करने को कहा जाता है। ग्राहक को गूगल प्ले स्टोर से एप्लिकेशन को डाउनलोड करने को कहा जाता है ,ऐप्प को इंस्टाल करते समय ग्राहक , पर्सनल डिटेल (जैसे फोटो गैलरी) और कॉन्टैक्ट लिस्ट साझा करने की परमिशन ऍप्लिकेशन को दे देते है ,जिससे ग्राहक के मोबाइल की पूरी डाटा सारे संपर्क नम्बर सहित चुरा लिया जाता है ,और ग्राहक को लोन दे दिया जाता है।

  • इस तरह बना रहे शातिर लोगों को शिकार

जब कर्जदार गूगल प्ले स्टोर से ऐसे ऐप डाउनलोड करते हैं तब ही यह शर्त स्वीकार कराई जाती है कि ऐप को उनकी पर्सनल डिटेल (जैसे फोटो गैलरी) और कॉन्टैक्ट लिस्ट साझा की जा रही है। जब कोई ग्राहक इस ऐप को डाउनलोड कर जरूरी दस्तावेज अपलोड करता है तो उसके कुछ मिनटों के बाद ही उसके बैंक एकाउंट में रकम डाल दी जाती है। इसके बाद शिकार फंसने के बाद वसूली का खेल शुरू हो जाता है।

  • बिना जरुरत के लेते हैं लोन

ऐसे करीब 20-30 ऐप्स के टेलीकॉलर ग्राहक को फोन कर बताते हैं कि उनके अच्छे रिकॉर्ड की वजह से उनकी कंपनी भी उन्हें लोन देना चाहती है। वे बताते हैं कि उन्होंने जिस ऐप से लोन लिया है उससे उन्हें आपके अच्छे रिकॉर्ड का पता चला है। बहुत से ग्राहक इस लालच और जाल में फंस जाते हैं और बिना जरूरत भी लोन लेते हैं।

  • सोशल मीडिया करते हैं डिफॉल्टर घोषित

इसके बाद इनके टेलीकॉलर और रिकवरी एजेंट इस तरह से लोगों को प्रताडि़त करते हैं कि वह मानसिक तनाव में आ जाते हैं। यहां तक कि ये कंपनियां लोन लेने वाले लोगों के पर्सनल डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर देती हैं और इतने सामाजिक अपमान सेI परेशान कई लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जबकि कुछ एक आत्मघाती जैसा कदम भी उठा लेते हैं। पहले उन्हें दर्जनों कॉल कर परेशान किया जाता है। फिर उनके परिवार के सदस्यों को फोन कर धमकाया जाता है। दोस्तों को फोन कर, उन्हें व्हाट्सऐप मैसेज भेजकर ग्राहक को अपमानित किया जाता है। यही नहीं प्रताडऩा के लिए उसकी पर्सनल जानकारी भी सोशल मीडिया पर साझा कर दी जाती है। उन्हें चीटर बताया जाता है। उनके यहां फर्जी लीगल नोटिस भेजी जाती है। 

  • इन तरीकों से करते हैं ग्राहक को प्रताड़ित

समय पर नहीं भरा तो कई गुना पेनाल्टी लगाएंगे।
किस्त न चुकाने पर डेली 3000 रुपए तक की पेनल्टी लगा देते हैं।
किस्त नहीं दी तो लोन लेने वाले की फोटो सार्वजनिक कर देते हैं।
पर्सनल डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्हें करते हैं डिफॉल्टर घोषित।
कर्जदार के कॉन्टैक्ट लिस्ट के लोगों को फोन कर उसे बदनाम कर देते हैं।
परेशान होकर कर्ज लेने वाले बदनामी के डर से अतिरिक्त रकम देकर पीछा छुड़ाते नजर आते हैं।

  • ये करें उपाय

ग्राहकों को लोन लेने के लिए सुरक्षित ,अधिकृत फाइनेंसियल बॉडीज का चुनाव करना चाहिए ,जो आरबीआई से पंजीकृत हो ,किसी भी  अनजान ऍप्लिकेशन के माध्यम से लोन लेना घातक हो सकता है ,ऐसी किसी भी प्रकार की घटना होने पर नजदीकी पुलिस थाने अथवा साइबर सेल से तत्काल संपर्क करें।