दीक्षांत समारोह: काशी विद्यापीठ में मेधावियों को बांटी जा रही है उपाधियां, संस्कृत विवि में 17,400 छात्रों को दी जाएगी डिग्री

दीक्षांत समारोह: काशी विद्यापीठ में मेधावियों को बांटी जा रही है उपाधियां, संस्कृत विवि में 17,400 छात्रों को दी जाएगी डिग्री

(रणभेरी): वाराणसी के दो विश्वविद्यालय में आज महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 44वां और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 40वां दीक्षांत समारोह है। काशी विद्यापीठ में 85,192 और संपूर्णानंद में 17,400 छात्रों को स्नातक और परा स्नातक की डिग्री दी जाएगी, और 1 लाख दो हजार 592 छात्रों को उपाधियां और 124 गोल्ड मेडल मिलेंगी। 

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल काशी विद्यापीठ में पहुंच चुकी हैं। दीक्षांत समारोह के मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई। मुख्य मंच से 10 टॉपर छात्रों को गोल्ड मेडल दिए जाएंगे। वहीं, कुल 65 मेधावियों को 76 गोल्ड मेडल दिए जाएंगे। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 44वें दीक्षांत समारोह का शुभारंभ हो गया है। कुलपति प्रो एके त्यागी और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने समारोह का शुभारंभ किया। कलश में जल भरकर दीक्षांत समारोह का शुभारंभ हुआ। विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ही आधार पर चल रहा है। महिला अध्ययन केंद्र, राष्ट्रीय सेवा योजना और छात्र कल्याण केंद्रों द्वारा शिक्षा के काम को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। वहीं, कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर कई बार कैंप भी लगाए गए हैं। इस विश्वविद्यालय परिसर में 40 कंपनियों ने कैंपस प्लेसमेंट के लिए रोजगार मेला लगाया। यहां पर यूपी के 17 जिलों के 5 हजार से ज्यादा छात्रों ने सहभागिता की। हम पुरातन और संस्कृति को सहेजने का भी काम कर रहे हैं। यहां पर नवाचार भी किया जा रहा है।

बता दें कि आज 65 मेधावियों को 76 स्वर्ण पदक मिलेंगे। स्नातक में बीकॉम की आंचल राय और स्नातकोत्तर में एमबीए की छात्रा निष्ठा द्विवेदी सर्वोच्च अंक हासिल कर ओवरऑल टॉपर बनी हैं। कार्यपरिषद ने 85737 विद्यार्थियों को स्नातक, परास्नातक और शोध की उपाधि देने पर मुहर लगा दी है। सर्वाधिक स्वर्ण पदकों पर आधी आबादी का कब्जा है। 65 मेधावियों में 49 छात्राएं हैं। 

संपूर्णानंद में बटेंगी 17 हजार से ज्यादा उपाधियां

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 6 तरह की कुल 17 हजार से ज्यादा उपाधियां दी जाएंगी। इसमें डी. लिट की एक , PhD की 39, शिक्षाशास्त्र, आयुर्वेद, आचार्य की 5088 उपाधियां, शास्त्री की 7954 और मध्यमा की 1088 उपाधियां दी जानी हैं। शिक्षाशास्त्र, आयुर्वेद और अन्य 519 डिग्रियां भी दी जाएंगी। दोपहर 2 बजे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल संस्कृत विश्वविद्यालय के 31 मेधावियों को 60 गोल्ड मेडल देंगी। इसके बाद अलग-अलग जगहों पर पूरी 17,400 उपाधियां बांट दी जाएंगी।

संपूर्णानंद के अभिषेक शुक्ल को सबसे ज्यादा 9 मेडल दिए जाएंगे। अभिषेक नव्य व्याकरण के छात्र हैं। शाश्वत निर्भय को 4 मेडल और स्मिता-आराधना पांडेय को 3-3 मेडल दिए जाएंगे।डिग्रियां , आचार्य की 5088 उपाधियां, शास्त्री की 7954 और मध्यमा की 1088 उपाधियां दी जानी हैं। 31 दिसंबर को दोपहर 2 बजे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल संस्कृत विश्वविद्यालय के 31 मेधावियों को 60 गोल्ड मेडल देंगी। इसके बाद अलग-अलग जगहों पर पूरी 17,400 उपाधियां बांट दी जाएंगी। संपूर्णानंद के अभिषेक शुक्ल को सबसे ज्यादा 9 मेडल दिए जाएंगे। अभिषेक नव्य व्याकरण के छात्र हैं। शाश्वत निर्भय को 4 मेडल और स्मिता-आराधना पांडेय को 3-3 मेडल दिए जाएंगे।