गलत आंकड़ा देकर जनता को गुमराह कर रहे उर्जामंत्री और चेयरमैन

गलत आंकड़ा देकर जनता को गुमराह कर रहे उर्जामंत्री और चेयरमैन

वाराणसी (रणभेरी सं.)। बिजलीकर्मियों ने  विरोध प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेताओं ने सवालों की झड़ियां लगा दी और जमकर दहाड़े। उन्होंने वाराणसी के सांसद व प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग किया कि सरकार की छवि खराब करने वाले ऊर्जा मंत्री और चैयरमैन को बर्खास्त करें। विभाग का उच्च प्रबंधन झूठे आंकड़े सरकार के सामने पेश कर गुमराह कर रहा  है। पावर कापोर्रेशन प्रबंधन पर हठवादी रवैया अपनाने और हड़ताल थोपने का आरोप लगाते हुए कहाकि निजीकरण की आड़ में भारी घोटाले की साजिश रची जा रही। संघर्ष समिति 30 प्रतिशत बिजली की दर बढ़ाकर आमजनमानस को महंगी बिजली का दंश नही झेलने देगी। इसका हम पहले से विरोध करते आ रहे हैं और आखिरी दम तक विरोध करते रहेंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले गुरूवार को बनारस के समस्त बिजलिकर्मियों ने  निजीकरण के विरोध में भिखारीपुर स्थित प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन किया। सभा में ई. आईपी सिंह ने बताया कि बिजलिकर्मियों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि ऊर्जा मंत्री और चैयरमैन पावर कारपोरेशन झूठा आंकड़ा देकर जनता और सरकार को गुमराह कर रहे हैं। इन्हें बर्खास्त किया जाय। नही तो हमारा विरोध अगले चुनावी दौर में सत्ताधा दल को महंगा पड़ जाएगा।

उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव और तत्कालीन ऊर्जा मंत्री के समझौते का पालन नही किया गया।  मार्च 2023 में वर्तमान ऊर्जा मंत्री ने बिजलिकर्मियों से समझौता किया और फिर मुकर गये। इससे बिजलिकर्मियों के साथ आमजनमानस में अविश्वास पैदा हो गया है। यही कारण है कि प्रदेश के बिजलीकर्मी आंदोलन के रास्ते पर हैं। इससे सरकार की किरकिरी हो रही है। इसलिए इनको जनहित में बर्खास्त किया जाय और निजीकरण का फैसला निरस्त करें। वर्ना यह आंदोलन अब रूकनेवाला नही। चाहे लाख दमन किया जाय लेकिन हमारी मांगे जायज हैं, सरकार को इस पर गंभीर होना चाहिए। यदि सरकार इस पर गंभीर नही है तो कर्मचारी उसे वोट देने के मामले में जरूरत गंभीरता से विचार करेंगे। ई. मायाशंकर तिवारी कहाकि पावर कापोर्रेशन प्रबंधन निजीकरण की जिद पर अड़ा हुआ है और हठवादी रवैया अपना रहा है। वह अपनी तानाशाही को शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे बिजलीकर्मियों पर थोपना चाहता है। संघर्ष समिति ने कहा है कि निजीकरण की आड़ में अरबों रुपए के घोटाले की तैयारी है। संदीप कुमार ने कहा कि संघर्ष समिति की हड़ताल करने की अभी कोई नोटिस नहीं है। किन्तु पावर कारपोरेशन के चेयरमैन, मुख्य सचिव को और शासन के बड़े अधिकारियों को पत्र भेज कर गुमराह कर रहे हैं कि बिजलीकर्मी हड़ताल पर जाने वाले हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि चेयरमैन के पत्र के आधार पर जिला अधिकारियों द्वारा हड़ताल से निपटने की तैयारी के आदेश जारी किए जा रहे हैं। इससे अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बन रहा है। ई. एसके सिंह ने कहा कि झूठा शपथ पत्र देने वाले ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन, जिस पर अमेरिका में पेनल्टी लगाई गई है, पर कार्यवाही करने के बजाय पावर कॉरपोरेशन संविदाकर्मियों की बड़े पैमाने पर छटनी रहा है और टकराव का वातावरण बना रहा है। जयप्रकाश सिंह ने कहा है कि निजीकरण के विरोध का आंदोलन उपभोक्ताओं को साथ में लेकर लड़ा जा रहा है। ताकि विरोध प्रदर्शन के कारण उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। संघर्ष समिति ने पावर कापोर्रेशन प्रबंधन को चेतावनी दी है कि वे उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को न करें अन्यथा इस भीषण गर्मी में ऊर्जा निगमों में अशांति की पूरी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी। अध्यक्षता ई. मायाशंकर तिवारी ने और संचालन अंकुर पाण्डेय ने किया।