आदमपुर में आर्थिक तंगी से परेशान तीन बच्चों के पिता ने फांसी लगाकर कर ली खुदकुशी

आदमपुर में आर्थिक तंगी से परेशान तीन बच्चों के पिता ने फांसी लगाकर कर ली खुदकुशी

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में आदमपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले रामकुमार साहू (49) ने शनिवार को घर की दूसरी मंजिल के आंगन में लगी ग्लासपट्टी से पत्नी की साड़ी के सहारे फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना सुबह करीब साढ़े चार बजे की बताई गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों को जब घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी मौके पर पहुंची पुलिस ने राजकुमार के कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को फांसी के फंदे से नीचे उतारा।

मृतक के भाई मनोज ने बताया कि राजकुमार ने रात में परिवार के साथ खाना खाया और अपने कमरे में चले गए। सुबह 10:00 बजे तक जब कमरे से बाहर नहीं आए तो परिजन राजकुमार को बुलाने गए, लेकिन कमरा अंदर से बंद था। खिड़की से जब लोगों ने अंदर देखा तो राजकुमार रोशनदान के सहारे साड़ी के फंदे पर झूल रहे थें। जिसपर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। राजकुमार करीब दो साल से आर्थिक तंगी से परेशान थें। घटना के समय पत्नी विश्वनाथ गली स्थित मायके में थी। पति के मौत की सूचना पर वह पहुंची।

रामकुमार की पहले काशी विश्वनाथ गली में पूजा सामग्री की दुकान थी। श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर निर्माण के दौरान उसकी दुकान अधिग्रहण में चली गई। इसके बाद से वह बेरोजगार हो गया। रामकुमार की पत्नी राशि का मायका विश्वनाथ गली में ही है। उसकी दो बेटियां हैं। इनमें बड़ी बेटी स्तुति बैंगलुरू में नौकरी करती हैं। छोटी बेटी ख्याति बड़ी बहन के साथ पढ़ाई करती है। जबकि उसका 13 साल का बेटा है। पड़ोसियों ने बताया कि रामकुमार के श्वसुर की तबियत खराब रहती थी। उसकी पत्नी राशि अपने पिता को देखने रोज शाम को बेटे के साथ मायके चली जाती थी।

घर में रामकुमार और उसके पड़ोस के साथी पप्पू अक्सर साथ रहते थे। शुक्रवार की रात में पप्पू और रामकुमार साथ थे। पप्पू ने पुलिस को बताया कि भोर में चार बजे तक रामकुमार ने उससे बात की। इसके बाद कहाकि तुम घर के बाहर सो जाओ। जब वह बाहर गया तो रामकुमार ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। इसके बाद दूसरे तल पर जाकर ग्लासपट्टी से पत्नी की साड़ी का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली। 

सूचना मिलने पर पत्नी राशि और परिवार के अन्य सदस्य रोते-बिलखते पहुंचे। परिवारवालों ने बताया कि रामकुमार की बड़ी बेटी की दिसम्बर में शादी थी। उधर, कारीडोर में गई दुकान को लेकर रामकुमार को नोटिस भेजी गई थी। नोटिस में कहा गया था कि नई दुकान लेने के लिए करीब 25 लाख रूपये जमा करें ताकि दुकान दी जा सके। एक तरफ बेटी की शादी और दूसरी ओर कारीडोर में दुकान के लिए 25 लाख का प्रबंध करने के दबाव के कारण वह डिप्रेशन में आ गया था। बेटी की शादी और कारीडोर की दुकान के लिए रूपयों के प्रबंध और बेरोजगारी रामकुमार के तनाव का कारण बनी। उसकी मौत के लिए इन्हीं तीन कारणों को जिम्मेदार माना जा रहा है।