आँख चौंधियाँ दे दिलीप दादा की धोती
                                                                                    वाराणसी (रणभेरी): नेतृत्व क्षमता, वाकपटुता तथा बोल्डनेस के साथ राजनेताओं का व्यक्तित्व भी काफ़ी हद तक उन्हें आगे बढ़ाता है। उनकी लोकिप्रियता में चार चाँद लगाता है। अपने बनारस की बात करें तो विभिन्न दलों के झंऊवा
भर नेताओं के बीच अपने दिलीप दा, यानि समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष दिलीप डे का सुरदर्शन व्यक्तित्व लोगों को इस कदर भाता है कि हर कोई उनकी रूपराशि पर बरबस ही फ़िदा हो जाता है। सांवली काया के साथ झकाझक धोती गजब ढाती है। समझदानी में श्वेत श्याम फिल्मों के उस दौर की कई काली उजली तस्वीरें कौंध जाती हैं।

दादा के पडोसी बताते हैं कि खादी वाली उनकी उजरकी धोती की चकाचौंध का राज सिर्फ बोऊदी जानती हैं। सारी नगरी उनके करिश्मे का लोहा मानती है। आस-पड़ोस के लोग ही बता रहे थे कि धोती के साथ दादा की लंगोटी की बिजली सी चमकार का भी कोई जवाब नहीं है। मगर इसकी पड़ताल तो तभी संभव है जब मीटिंग बुलाई जाये और इस दावे पर गुप्त मतदान की मुहर लगवाई जाये।
                





                                                                                    
                                                                                    
                                                                                    
                                                                                    
                                                                                    
                                                                                    
                
                
                
                
                
                
                

                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    
                    


