विद्युत निजीकरण को लेकर बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव का विरोध दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। भिखारीपुर में शनिवार को एक बार फिर बिजली कर्मचारियों,अभियंताओं ने निजीकरण के फैसले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया,साथ ही सभी कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। बिजली कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करें और निजीकरण के फैसले को वापस लिया जाए।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सचिव अंकुर पांडे ने बताया कि '' पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने अनावश्यक तौर पर निजीकरण का निर्णय लेकर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना दिया है। बिजली कर्मी शांतिपूर्वक बिजली व्यवस्था बेहतर बनाने में लगे थे, लेकिन अब प्रबंधन इसे पटरी से उतारने पर तुला है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का घाटा कम हुआ है और राजस्व में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है, फिर भी निजीकरण क्यों किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से वर्ष 2023-24 में प्रति यूनिट 4.47 रुपया मिल रहा है जबकि निजी क्षेत्र की टोरेंट कंपनी से आगरा शहर में पावर कार्पोरेशन को मात्र 4.36 रुपया प्रति यूनिट मिला है। ये आंकड़े साफ तौर पर बता रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्र और चंबल के बीहड़ रहते हुए भी दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से पावर कार्पोरेशन को अधिक पैसा मिल रहा है और टोरेंट को बिजली देने में पावर कार्पोरेशन को घाटा हो रहा है। निजीकरण न तो आम जनमानस के हित में है, न ही कर्मचारियों के हित में। इससे न केवल उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का सामना करना पड़ेगा, बल्कि बिजली कर्मचारियों को भी कठिनाई होगी।