न गोली चली न डाका डाला, 74 लोगों ने गंवा दिए 19.53 करोड़ रुपये
वाराणसी (रणभेरी सं.)। न गोली चली और न डाका डाला गया, लेकिन एक जनवरी से अब तक 74 लोगों ने 19 करोड़ 53 लाख 40 हजार रुपये अपने बैंक खाते से गंवा दिए। साइबर फ्रॉड का ये वो आंकड़ा है जो साइबर क्राइम थाने में दर्ज है। जबकि दस हजार से लेकर पांच लाख तक के साइबर फ्रॉड की एफआईआर रोज अलग-अलग थानों में दर्ज होती है।
आपके सारे मोबाइल नंबर थोड़ी देर में बंद हो जाएंगे... आपके खिलाफ सीबीआई / मुंबई क्राइम ब्रांच से गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ है... आपके कूरियर में मादक पदार्थ मिला है... आपके आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल गलत काम में हुआ है... आपके खाते में जमा पैसे को आरबीआई वेरिफाई करना है...। यह वो बातें हैं, जो अनजान नंबर से फोन कर कॉल रिसीव करते ही साइबर फ्रॉड के आरोपी कहते हैं। इसके बाद अपनी बातों में उलझा कर बैंक खाते से विवरण लेते हैं और गाढ़ी कमाई उड़ा लेते हैं।
घबराएं या डरें बिल्कुल नहीं, संयम से काम लें
एडीसीपी क्राइम/ वरुणा जोन सरवणन टी ने कहा कि अनजान नंबर से कॉल कर डराने या धमकाने की कोशिश हो तो घबराएं नहीं, संयम से काम लें। तत्काल 1930 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराएं ।
नजदीकी थाने की साइबर हेल्प डेस्क से भी मदद ले सकते हैं। पांच लाख या उससे ज्यादा का साइबर फ्रॉड हो तो साइबर क्राइम पुलिस थाने जाकर मदद लें। साइबर फ्रॉड की कॉल से जो घबरा जाते हैं या उनकी बातों में उलझ जाते हैं, ज्यादातर वही शिकार बनते हैं।
इन बातों पर अमल कर रह सकते हैं सुरक्षित
- बैंक खाते की जानकारी संबंधी बातचीत की जाए तो समझ लें कि कॉल साइबर फ्रॉड की है।
- फोन पर लिंक भेज कर उसे क्लिक करने या एप डाउनलोड करने को कहा जाए तो कतई न करें।
- किसी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर गूगल से न खोजें। कंपनी की वेबसाइट पर जाएं।
- घर बैठे पैसे कमाने का आफर या कम निवेश में ज्यादा लाभ का मैसेज आए तो सतर्क हो जाएं।
- वारंट, गिरफ्तारी, कूरियर में मादक पदार्थ, आरबीआई से अकाउंट वेरिफाई, बेटा या पिता गिरफ्तार हुए हैं... जैसी बातें फोन पर कोई कहे तो उस पर विश्वास न करें।
- डेबिट-क्रेडिट कार्ड का पिन और नेट बैंकिंग व ई-मेल का पासवर्ड बदलते रहें।
- अनजान नंबर से आए फोन, लिंक वाले मैसेज और वीडियो कॉल को रिसीव करने से परहेज करें।