वाराणसी में देश का पहला अर्बन रोपवे: ऑस्ट्रिया टीम कर रही सुरक्षा जांच, 1 में घंटे 6, हजार यात्री कर सकेंगे सफर

वाराणसी (रणभेरी): काशी में देश का पहला अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे बनकर तैयार होने की कगार पर है। सरकार रोपवे के संचालन में सुरक्षा और सुगमता का विशेष ध्यान दे रही है। कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक बनने वाला यह रोपवे अब ट्रायल फेज में है, इस रोपवे को पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए ऑस्ट्रिया से आई इंजीनियरों की टीम इसकी जांच-पड़ताल कर रही है।
रोपवे के पहले सेक्शन में कैंट स्टेशन से रथयात्रा तक ट्रैक बिछाया गया है। 14 जुलाई से इसका ट्रायल शुरू हुआ है, जो एक महीने तक चलेगा। इस दौरान कुल 90 गोंडोला (ट्रॉली) की जांच की जा रही है। हर बार तीन-तीन ट्रॉलियों को चलाकर उनकी मोटर, केबल, कंट्रोल सिस्टम, ब्रेकिंग, स्पीड और सेफ्टी का परीक्षण किया जा रहा है।
विदेशी एक्सपर्ट टीम वाराणसी में डेरा डाले हुए है। इस पूरे काम की निगरानी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, अभी रोपवे का कमीशनिंग यानी ट्रायल चल रहा है। ऑस्ट्रिया से आए एक्सपर्ट रोपवे की जांच पड़ताल कर रहे हैं। पहले फेज में तीन स्टेशन कैंट, विद्यापीठ और रथयात्रा होंगे। वहीं दूसरे फेज में रथयात्रा से गोदौलिया तक का काम तेजी से हो रहा है। पूरा प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद हर 1.5 से 2 मिनट में एक ट्रॉली (गोंडोला) यात्रियों को मिल जाएगी।।
एक दिशा में हर घंटे 3,000 लोग रोपवे से सफर कर सकेंगे। दोनों तरफ से कुल 6,000 लोग एक घंटे में आ-जा सकेंगे। गोदौलिया से कैंट स्टेशन पहुंचने में अब सिर्फ 16 मिनट लगेंगे। कुल 148 ट्रॉली कार चलेंगी और हर एक ट्रॉली में 10 लोग बैठ सकेंगे। रोपवे का संचालन रोज 16 घंटे तक होगा। इस प्रोजेक्ट का मकसद है कि वाराणसी आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों को एक आरामदायक और प्रदूषण-मुक्त सफर का अनुभव मिल सके। सरकार का कहना है कि रोपवे शुरू होते ही शहर का ट्रैफिक भी काफी हद तक कम हो जाएगा।