सीएम योगी ने वर्चुअल माध्यम से पुलिस विभाग के 144 आवासीय परियोजना का किया लोकार्पण

सीएम योगी ने वर्चुअल माध्यम से पुलिस विभाग के 144 आवासीय  परियोजना का किया लोकार्पण

(रणभेरी): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ से वर्चुअल माध्यम से बटन दबाकर पुलिस विभाग के 144 आवासीय एवं अनावासीय भवनों का लोकार्पण किया। बता दें कि इनमे आगरा, कौशांबी, अलीगढ़ सहित कई जिलों के पुलिस भवन शामिल हैं।

मुख्यमंत्री बुधवार को लोक भवन में आयोजित पुलिस विभाग के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 160 करोड़ रुपए की 144 आवासीय परियोजना का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश की सभी बीमारू प्रदेश की थी। विकास की कोई सोच नहीं थी। कानून व्यवस्था बदतर थी। हर दूसरे तीसरे दिन बड़े दंगे होते थे। जिसके कारण लोगों के धारणाएं बहुत खराब थी। उत्तर प्रदेश के अंदर कोई भी तथा अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता था। पुलिस कर्मियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। भर्तियां नहीं हो रही थी। पीएसी की 54 कंपनियां समाप्त कर दी गई थी। महिला पीएसी की कोई व्यवस्था नहीं थी। आपदा प्रबंध के लिए कोई बल नहीं था। हमने इन कमियों को दूर किया। 162000 पुलिसकर्मियों की भर्ती की। पुलिस को आधुनिक बनाने का काम किया जा रहा है। प्रदेश के सभी परि क्षेत्रीय मुख्यालयों पर साइबर लैब की स्थापना की गई है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं 260 करोड़ की इन 144 परियोजनाओं को दुनिया के सबसे बड़े पुलिस बल को सौंपते हुए अत्यंत खुश हूं। पांच वर्षों के अंदर किए गए कार्यों का परिणाम हम सब के सामने है। पांच वर्ष पहले उत्तर प्रदेश की छवि एक ऐसे राज्य के रूप में थी जो दुनिया और देश में बीमारु प्रदेश के रूप में गिना जाता था। जहां पर विकास की कोई सोच नहीं की जो धारणा बन चुकी थी उसका कारण था बदतर कानून व्यवस्था। सीएम योगी ने पूर्व की सरकार का नाम लिए बिना हमलावर होते हुए कहा कि हर दूसरे तीसरे दिन एक बड़े दंगे के कारण प्रदेश के बारे में लोगों की धारणाएं अत्यंत खराब थीं। उत्तर प्रदेश के अंदर कोई भी वर्ग अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता था। क्या उद्योग जगत क्या व्यापारी सभी परेशान थे।आगरा के 18 थानों में नवनिर्मित हास्टल, बैरक और विवेचना कक्षों का आनलाइन उदघाटन हुआ। बैरक एवं हास्टल में 532 पुलिसकर्मियों के रहने की सुविधा है। भूतल पर महिला पुलिसकर्मियों के रहने की अलग से व्यवस्था है। पहले और दूसरे तल पर पुरुष पुलिसकर्मियों के रहने के लिए हाल हैं। बैरक में किचन भी है।