सीएम साहब ! कब होगी जोनल शिवाजी मिश्रा के वायरल आडियों की फोरेंसिक जांच

सीएम साहब ! कब होगी जोनल शिवाजी मिश्रा के वायरल आडियों की फोरेंसिक जांच
  • शिवपुर जोनल अफ़सर जमकर लगा रहा भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी 
  • आखिर कुंभकर्णी निंद से कब जागेंगे वीडीए उपाध्यक्ष ?
  • नौकरी की शुरु होते ही जोनल शिवाजी काट रहे भ्रष्टाचार की फसल 
  • जोनल शिवाजी की मेहरबानी से शिवपुर जोन में हो रहा चौतरफा अवैध निर्माण 

वाराणसी (रणभेरी)। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहे जितनी भी कोशिशें कर लें, लेकिन प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भ्रष्टाचार पर नकेल कसना अब उतना ही मुश्किल लगता है, जितना सुई के छेद में मोटी रस्सी डालना। विकास की नगरी कही जाने वाले शहर वाराणसी में अब विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का खुलेआम नंगा नाच आम बात हो गयी है। वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के शिवपुर जोन में तैनात नयी उम्र के जोनल अधिकारी शिवाजी मिश्रा इन दिनों शहर की चर्चाओं के केंद्र में हैं। कारण साफ है, क्षेत्र में अवैध निर्माणों की भरमार, नक्शों में हेराफेरी, और शिकायतों पर रहस्यमय चुप्पी। जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की बात करते हैं, वहीं शिवपुर जोन में नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ती दिखाई देती हैं। बिना स्वीकृति के बहुमंज़िला इमारतें खड़ी हो रही हैं, नालों पर कब्ज़ा कर प्लॉट काटे जा रहे हैं, और जो कोई विरोध करता है, उसकी शिकायतें महीनों फाइलों में धूल खाती रहती हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि शिवाजी मिश्रा की निगरानी में निर्माण माफिया बेलगाम हैं। कहा जा रहा है कि रुपयों की भाषा समझने वाले इस जोनल अधिकारी के इशारे पर पूरा तंत्र काम कर रहा है। सवाल यह भी उठ रहा है कि अपनी सेवा के शुरुआती दिनों के साथ ही जोनल अधिकारी शिवाजी मिश्रा ने भ्रष्टाचार की फसल काटने का हुनर कैसे सीखा ?
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जोनल अफ़सर शिवाजी मिश्रा वही जोनल है अभी हाल ही में जिनका एक आडियो वायरल हुआ था। विदित हो कि वायरल आडियो में शिवाजी मिश्रा सहित विकास प्राधिकरण के अन्य कर्मियों की बातचीत है जिसमे लेन-देन एवं अवैध वसूली की विधिवत चर्चा सूनी जा सकती है। इस आडियों के वायरल होने के बाद से प्रशासनिक चुप्पी ने पूरे के पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान लगा दिया है। यह एक गंभीर सवाल है कि जब वीडीए के एस भ्रष्ट अफ़सर की आवाज़ भ्रष्टाचार की पुख्ता सूबूत पेश कर रहा है तो फिर अब तक कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं । 

बहरहाल हम आपको यह भी बताते चलें कि आपके अखबार के उप सम्पादक ने सीएम योगी की नीतियों पर तमाचा मारने वाले इस भ्रष्ट जोनल शिवाजी मिश्रा के वायरल आडियों की फोरेंसिक जांच कराते हुए सभी दोषियों के विरूद्ध आपराधिक धाराओं में मुक़दमा पंजीकृत करने की लिखित रूप से मांग कर दी है। इस गंभीर मामले में आईजीआरएस पोर्टल सहित एंटी करप्शन पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा दी गयी है। अब देखना यह होगा कि जीरो टोलरेंस का दम भरने वाली सरकार में इस भ्रष्ट जोनल अफ़सर के विरूद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई कब तक होती है ? दूसरी तरफ इस मामले में वीडीए उपाध्यक्ष की चुप्पी भी गहरी संदेह पैदा करती है। क्या यह चुप्पी मिलीभगत की ओर इशारा करती है, या फिर कोई बड़ा राजनीतिक संरक्षण इसके पीछे है ? सवाल जिंदा है कि विकास प्राधिकरण आखिर कब भ्रष्टाचार प्राधिकरण बनने से बचेगा, और कब तक योगी सरकार की सख्ती इन अधिकारियों तक नहीं पहुंचेगी?

नक्शा पास करवाने का रेट तय, अवैध निर्माण पर मेहरबानी

सूत्रों के मुताबिक, शिवपुर जोन में भ्रष्टाचार खुलेआम फल-फूल रहा है। अवैध निर्माण कराने वालों से मोटी रकम लेकर जोनल अधिकारी नज़रअंदाज़ी का लाइसेंस बेचते हैं, जबकि वैध निर्माण कराने वाले महीनों तक दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते हैं। बताया जाता है कि मिश्रा के कुछ खास बिचौलिए, डेवलपर्स और अधिकारियों के बीच दलाली का काम करते हैं। इन्हीं की मदद से हर महीने लाखों की हेराफेरी होती है। नक्शा पास कराने, अवैध निर्माण रोकने या तोड़ने जैसी कार्रवाइयों के भी रेट तय हैं। साफ है कि शिवपुर जोन में अब कानून नहीं, बल्कि रुपयों का शासन चलता है और भ्रष्टाचार एक खुली दुकान बन चुका है।

शिकायतें पहुँचती हैं लेकिन कार्रवाई गायब

शिवपुर जोन में अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें अब तूल पकड़ चुकी हैं। दर्जनों मामलों की लिखित शिकायतें डीएम वाराणसी और वीडीए उपाध्यक्ष तक पहुँच चुकी हैं, लेकिन हर बार कार्रवाई के नाम पर केवल नोटिस जारी या जांच चल रही है, जैसे औपचारिक बयान देकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह चुप्पी संदेह पैदा करती है कि क्या अधिकारी जानबूझकर ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों को बचा रहे हैं ?

शहर के कई सामाजिक संगठन अब मुखर होकर मांग कर रहे हैं कि शिवपुर जोन के सभी मामलों की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो से कराई जाए। उनका कहना है कि जब तक अधिकारियों की संपत्ति, आय और कामकाज की पारदर्शी जांच नहीं होगी, तब तक वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) पर से जनता का भरोसा उठता रहेगा। संगठनों ने आरोप लगाया कि शिवपुर जोन में रिश्वत के बिना फाइल नहीं चलती और प्रभावशाली बिल्डरों को नियमों से ऊपर रखा जाता है। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेशों के बावजूद भ्रष्टाचार की जड़ें यहाँ और गहरी होती जा रही हैं।


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