Boat Festival: काशी में बोट यात्रा का शुभारंभ, विजेता टीम को 1.75 लाख रुपये का पुरस्कार

Boat Festival: काशी में बोट यात्रा का शुभारंभ, विजेता टीम को 1.75 लाख रुपये का पुरस्कार

वाराणसी (रणभेरी): दशाश्वमेध घाट से मंगलवार को बोट यात्रा का शुभारंभ हुआ। इसमें 11 टीमों ने भाग लिया, जिनको अलग-अलग कोड और एड्रेस दिए गए थे। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए विधायक नीलकंठ तिवारी ने कहा कि बोट रेस पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। भविष्य में अच्छा परिणाम मिलेगा। इस आयोजन से हमारे काशी का नाम और ऊंचा होगा। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने कहा कि बोट रेस पर्यटन को और बढ़ावा देगा। इस प्रतियोगिता से नाविकों की छुपी हुई प्रतिभा का पता चलेगा। भविष्य में यूपी के अन्य जिलों से भी कई टीमों को रेस में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

इसके पूर्व सौरव गौरव की जोड़ी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। अयोध्या से आए कलाकारों ने भी अवध की पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले स्थानीय टीमों को नाविक सेना, नौका सवार, भागीरथी सेवक, घाट रक्षक, गंगा वाहिनी, जल योद्धा, गंगा लहरी, गंगा पुत्र, काशी लहरी, गौमुख दैत्य, काशी रक्षक, और जल सेना का नाम दिया गया है। नौका दौड़ के विशेषज्ञ काशी की नई पीढ़ी के होनहार खिलाड़ियों को इस अनोखी बोट रेस लीग के लिए ट्रेनिंग दिया है।

चैंपियंस को मिलेगा 1.75 लाख रुपये का पुरस्कार

इस चार दिवसीय खेल प्रतियोगिता के लिए एक नई नियम पुस्तिका बनाई गई है और यह अंक प्रणाली, यानी प्वाइंट सिस्टम पर आधारित है, जिसमें सभी टीमें प्वाइंट हासिल करने के लिए हर दिन एक-दूसरे से मुकाबला करेंगी और कुल मिलाकर सबसे ज्यादा प्वाइंट हासिल करने वाली टीम इस चैम्पियनशिप की विजेता होगी और उसे खिताब दिया जाएगा। चैंपियंस को 1.75 लाख रुपये की पुरस्कार राशि घर ले जाने का शानदार मौका दिया जा रहा है। इस समारोह में हर शाम राजघाट पर नाथू लाल सोलंकी, प्रेम जोशुआ, कबीर कैफे के साथ-साथ काशी की देसी प्रतिभा सुखदेव प्रसाद मिश्रा जैसे देश-विदेश के मशहूर इंडी / लोक संगीतकार भी शामिल होंगे और आम जनता बिना किसी शुल्क के इस भावपूर्ण संगीत का आनंद ले सकते हैं।

इतना ही नहीं, इस कार्यक्रम में शहर के जाने-माने फोटोग्राफरों की फोटोग्राफी प्रदर्शनी की तरह कई अन्य गतिविधियाँ भी शामिल हैं जिनका प्रदर्शन राजघाट में किया जाएगा। इसके बाद, काशी के दिल में बसी कलात्मकता को कैनवास के जरिए दुनिया के सामने लाने के लिए कला एवं चित्रकला प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला भी आयोजित की जाएगी।