वाराणसी में आंगनबाड़ी भर्ती में बड़ा घोटाला, जांच शुरू

वाराणसी में आंगनबाड़ी भर्ती में बड़ा घोटाला, जांच शुरू

डिप्टी सीएम ने दिया था नियुक्ति पत्र अब उन्हीं में से कई नियुक्तियों पर खड़े हो रहे है सवाल

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी जिले में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की हालिया भर्तियों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिन पदों पर डिप्टी सीएम ने 10 चयनित अभ्यर्थियों को बीते 26 मार्च को नियुक्ति पत्र थमाया था। अब उन्हीं में से कई नियुक्तियों पर सवाल खड़े हो गए हैं। 10 से अधिक नियुक्तियों पर सवाल खड़े करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी के दफ्तर में जांच के लिए प्रार्थना पत्र पहुंचे हैं। नौकरी पाई कतिपय महिलाओं पर फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप लगे हैं। अब इन शिकायतों की जांच शुरू कराई जा रही है। प्रमाण पत्रों के आधार स्थलीय सत्यापन कराया जाएगा।

वाराणसी में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के लिए रिक्त 199 पदों के सापेक्ष 10 हजार 689 आवेदन पत्र आए थे। चयन में प्रथम वरीयता बीपीएल कार्डधारकों को दी जाती है। शहरी क्षेत्र में बीपीएल कार्डधारक की वार्षिक आय 56 हजार रुपए तो ग्रामीण क्षेत्र में 46 हजार रुपए मानक रखा गया था।

विकास भवन में जिला कार्यक्रम अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के दफ्तर पहुंचे शिकायती पत्रों में अभी तक 10 चयनित अभ्यर्थियों पर फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर नौकरी हथियाने के आरोप लगे हैं। शिकायती पत्रों में तहसील से जुड़े राजस्वकर्मियों पर आरोप लगाए हुए हैं कि रिश्वत लेकर ऐसे लोगों के फर्जी आय, निवास प्रमाण पत्र बनाए गए हैं जिनके पास अपनी कार, मकान से लेकर अन्य चल अचल संपत्ति है। जांच की बात सामने आने पर स्थानीय तहसीलों में बेचैनी का माहौल है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक लेखपाल ने बताया कि इस खेल में संविदा पर तैनात कम्प्यूटर ऑपरेटरों की भूमिका भी संदिग्ध है। इन्हें अधिकारियों के लॉगिन कोड पता रहते हैं। जांच में ये लोग भी पकड़ में आएंगे।

पड़ोसी जनपद गाजीपुर में भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती हुई थी। वहां भी कई नियुक्ति के खिलाफ शिकायत हुई थी। डीएम ने जांच कराई तो तहसील की भूमिका सामने आने पर 07 लेखपाल समेत 10 लोग सस्पेंड कर दिए गए थे। गाजीपुर का प्रकरण सामने आने के बाद वाराणसी में भी जांच शुरू होने की जानकारी मिलते ही वाराणसी के एक सपा नेता की तहसील में दौड़भाग बढ़ गई है। सूत्रों ने अनुसार उक्त सपा नेता ने भी अपनी एक रिश्तेदार की नियुक्ति फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कराई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी के दफ्तर में उक्त सपा नेता की रिश्तेदार की भी शिकायत पहुंची है। बताते हैं कि उक्त सपा नेता को वाराणसी पुलिस एक मामले में तलाश भी कर रही है।