सावधान: बहना का प्यार कहीं कर न दे भाई को बीमार !

सावधान: बहना का प्यार कहीं  कर न दे भाई को बीमार !

रक्षाबंधन पर सक्रिय हैं मिलावटखोर, बाजार में बिक रही मिठाइयों में रहती है मिलावट

वाराणसी (रणभेरी): रक्षाबंधन पर्व पर बहनें अपने भाई की लम्बी उम्र और अच्छी सेहत के लिए दुआ करती हैं। उसका मुंह मीठा कराती हैं। यकीनन दुआ कुबूल होगी और उम्रदराजी भी हासिल होगी लेकिन यह मुंह मीठा कराना सेहत को बिगाड़ने का काम कर रहा है। बाजार ने इसका मुकम्मल इंतजाम कर रखा है। रक्षाबंधन जैसे त्योहार के मौके पर अगर आप मिठाई खा रहे हैं तो सावधान, जो मिठाई आप खा रहे हैं वो सेहत के हानिकारक हो सकती है। त्योहार आता नहीं है कि मिलावट का घिनौना कारोबार शुरू हो जाता है। बड़े से लेकर छोटे शहरों में मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं। दूध से लेकर खोया और घी तक में मिलावट की जाती है और फिर तैयार की जाती है नकली मिठाइयां।

मुंह मीठा कराने में बिगड़ न जाए सेहत

आप भाई की कलाई पर राखी बांधते वक्त उसकी सलामती और सेहत की दुआ कर रहीं हैं तो मुंह मीठा कराते समय सावधान भी रहिए ताकि आपके भाई की सेहत खराब न हो जाए। इस समय शहर के बाजारों में मिलावटखोरी का धंधा जोरों पर है। दूध से लेकर खोवा, छेना में जबरदस्त मिलावट हो रही है। इनसे बनने वाली मिठाई सेहत के लिए सही नहीं है। मिलावटखोरों पर लगाम लगाने के लिए लोकल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से इनके खिलाफ कार्रवाई ही नहीं हो रही है, उनका माल भी जब्त किया जा रहा है। ऐसे में उन दुकानों से मिठाई खरीदें जो प्रतिष्ठित हैं और किसी भी हाल में अपनी क्वालिटी से समझौता नहीं करते हैं। या फिर भाई का मुंह मीठा कराने के लिए कुछ ऐसा चुनें जिनमें गड़बड़ी की संभावना ही न हो। इसके लिए मार्केट में ढेरों विकल्प मौजूद हैं।

जमकर हो रही खरीदारी

रक्षाबंधन पर बहनें बिना मिठाई के भाई के घर कैसे जा सकती हैं। हर बहन अपने भाई की पसंद की मिठाई की खरीदारी में लगी हैं। कई घरों में एक दिन पहले मिठाई की पिटारी आ गयी है। ज्यादातर लोगों की खरीदारी त्योहार के दिन ही होगी। मिठाई की जबरदस्त डिमांड को देखते हुए दुकानों में एक सप्ताह पहले से तैयारी चल रही है।

रोकथाम का खेल केवल दिखावा

मिलावटखोरों पर लोकल एडमिनिस्ट्रेशन कुछ ज्यादा ही मेहरबान है। उनके खिलाफ अभियान नहीं चलाया जाता है। किसी त्योहार के नजदीक आने पर सिर्फ छापेमारी की रस्म अदायगी की जाती है। इस वक्त भी ऐसा ही कुछ किया जा रहा है। जबकि आंकड़े बताते हैं कि मिलावट के मामले में शहर की हालत काफी खराब है।

  • तो क्यों न पहुंचाएं सेहत को नुकसान
  1. जिस दूध का इस्तेमाल मिठाई बनाने में किया जा रहा है उसमें डिटर्जेट मिलाया जा रहा है।
  2. दूध को सफेद दिखाने और लम्बे समय तक फटने से बचाने के लिए यूरिया का इस्तेमाल होता है।
  3. दूध को सफेद दिखाने के लिए व्हाइटनर भी दूधिया यूज करते हैं।
  4. मिलावट वाले दूध से खोआ और छेना तैयार किया जाता है।
  5. खोआ में खराब सोडा और मैदा मिलाया जाना आम बात है।
  6. डिटर्जेट तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले केमिक केमिकल खोआ में मिलाया जाता है।

ऐसे करें पहचान

खाद्य सुरक्षा अधिकारी के अनुसार मिलावटखोरी से बचने के लिए आम लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है। नकली मावा की पहचान के लिए उसे फिल्टर पेपर पर रखकर आयोडीन की दो तीन बूंद डालें, अगर वह काला पड़ता है तो मिलावटी है। अगर अंगुलियों से मसलने पर दाने नजर आते हैं तो भी मावा मिलावटी है। सिंथेटिक दूध की पहचान के लिए उसे हथेली के बीच रगड़ें। अगर साबुन जैसे झाग बने तो फिर दूध सिंथेटिक है। चांदी का वर्क जलाने पर उतने वजन की गेंद सी बन जाती है, लेकिन अगर वर्क नकली है तो फिर सिलेटी रंग का जला कागज बन जाएगा।

 

खाद्य विभाग की टीम ने प्रतिष्ठानों पर मारे छापे

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के दल ने सोमवार को सोनातालाब, पहड़िया, बसनी, जमालपुर, कोईराजपुर, लक्ष्मणपुर, कालिकाधाम, कपसेठी, दौलतपुर के 22 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया और 9 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की।इस दौरान दूध, छेना मिठाई, किशमिश, बर्फी, छेना, कुट्टू चावल, काला नमक, नमकीन आदि के 15 नमूनें गुणवत्ता की जांच के लिए संग्रहित किये गये। इन नमूनों के जांच के नतीजे कार्यालय में प्राप्त होने के बाद नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। इस कार्रवाई में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमित, खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह, अवनीश कुमार सिंह, नितिका केशरी, बेबी सोनम, योगेश कुमार राय, शीत कुमार सिंह, सुरेन्द्र प्रताप नारायण सिंह, सरोज कुमार, सीताराम सिंह कुशवाहा सहायक आयुक्त (खाद्य )/ अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन संजय प्रताप सिंह मौजूद रहे।