होली से पहले वाराणसी की पंचक्रोशी यात्रा करेंगे नागा साधु, मणिकर्णिका का जल लेकर महादेव का करेंगे अभिषेक

वाराणसी (रणभेरी): महाकुंभ और महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने के बिद नागा साधु-सन्यासी होली की तैयारी में जुट गए है। वह अपने आराध्य के साथ होली खेलेंगे। हालांकि कुछ ही नागा संन्यासी मसाने की होली खेलते है ज्यादा तर अपने अखाड़े में ही होली खेलते है ऐसा कहना है आखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज का। होली से पहले नागा साधु पंचक्रोशी यात्रा करेंगे। 75 किलोमीटर की ये यात्रा पांच मार्च को शुरू होगी और पांचों पड़ाव से होते हुए पांच दिन में पूरी होगी। पांचों पड़ाव के देवस्थलों पर दर्शन-पूजन करेंगे।
श्रीपंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के पूर्व श्रीमहंत रवींद्र गिरि महाराज ने बताया कि पांच मार्च को सुबह छह बजे ये पंचक्रोशी परिक्रमा शुरू होगी। इसमें पांच सौ से अधिक नागा साधु शामिल होंगे। पांच मार्च को सुबह छह बजे शिवाला स्थित अखाड़े से साधु-संत निकलेंगे। मणिकर्णिका तीर्थ पर कूपजल से संकल्प लेकर उनकी पंचक्रोशी यात्रा मणिकर्णिका से निकलकर ये प्रथम पड़ाव कर्दमेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेंगे। यहां दर्शन-पूजन के बाद विश्राम करेंगे। अगले दिन भीमचंडी के लिए रवाना होंगे। इसी तरह रामेश्वर महादेव मंदिर, पांचों पंडवा और अंतिम पड़ाव कपिलधारा पहुंचकर यात्रा पूरी करेंगे। रोजाना पांच कोस चलेंगे यानी 15 किमी पैदल चलेंगे।
अखाड़े के थानापति विवेक भारती ने बताया कि महानिर्वाणी अखाड़े के आराध्यदेव कपिल मुनि हैं और पंचक्रोशी पड़ाव का अंतिम पड़ाव कपिलधारा है। यहां कपिल मुनि ने तपस्या की थी। इसलिए हमारे लिए ये यात्रा और महत्वपूर्ण हो जाती है। यात्रा में नागा साधु अपने आराध्यदेव कपिल मुनि की प्रतिमा को भी लेकर चलेंगे। काशी में अखाड़ों के नागा साधु होली भी खेलेंगे।