बलुआ घाट गुम्बद हादसा: पीएम को पाती लिख समाप्त किया धरना

बलुआ घाट गुम्बद हादसा: पीएम को पाती लिख समाप्त किया धरना

वाराणसी (रणभेरी/रामनगर सं.)। पिछले सोमवार को सर्किट हाउस के सभागार में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रामनगर के बलुआ घाट पर बीते दिनों हुई हृदय विदारक घटना पर पर्यटन विभाग, कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल, नोडल अधिकारी और ठेकेदार ओम प्रकाश पाण्डेय के कार्यों को जांच के आधार पर जवाबदेही तय  कर कड़ी कार्यवाही करने की जैसे ही बात रखी गई। पिछले शनिवार से ठेकेदार की गिरफ्तारी और कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश से ब्लैक लिस्टेड करने की मांग को लेकर बलुआ घाट पर धरना दे रहे श्री नारायण द्विवेदी, कृपाशंकर यादव, धनन्जय साहनी, गोविन्द यादव, दिनेश साहनी, दीपक मौर्या, जयदेव चौहान सहित अन्य लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। तत्पश्चात बुधवार को धरना दें रहे श्री नारायण द्विवेदी सहित अन्य लोगों ने बैठक कर मुख्य्मंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बलुआ घाट पर पूरे कार्यक्षेत्र की बैरिकेडिंग कराने, पत्थरो की जांच कर ही आपूर्ति करने, कार्यदायी संस्था के प्रदेश भर में चल रहे सभी टेंडरों के गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश अधिकारियों को दिए जाने की सन्तुष्टि के साथ पुरजोर समर्थन कर योगी-मोदी जिन्दाबाद के नारे लगाए गए और धरना समाप्त  किया। 

धरना समाप्ति के बाद एक बैठक की गई जिसमे वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्रक रजिस्ट्री द्वारा भेजे जाने का प्रस्ताव लिया गया। कार्यक्रम के संयोजक कृपाशंकर यादव ने बताया कि बलुआ घाट की धार्मिकता, ऐतिहासिकता और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नगर के समाजसेवी धनंजय साहनी द्वारा पांच वर्ष पूर्व 23 दिसम्बर 2019 को तत्कालिन डीएम और मण्डलायुक्त को पत्रक सौपा गया था। जिसके सुखद परिणाम स्वरूप घाट को पक्का कराये जाने का कार्य प्रारम्भ हुआ। लेकिन घाट को पक्का कराये जाने को लेकर शुरू से ही धांधली और खराब गुणवत्ता की चचार्एं आम जनमानस में तेजी से फैलने लगी। जिन चचार्ओं को संज्ञान में ले क्षेत्रीय विधायक सौरभ श्रीवास्तव द्वारा कई बार मौके पर पहुंचकर कार्यदायी संस्था और ओम प्रकाश पाण्डेय द्वारा मानक के अनुरूप निर्माण सामाग्री का इस्तेमाल न किए जाने का रोष भी व्यक्त किया गया। 

इस क्रम में विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने 4 दिसम्बर 2023 को वाराणसी के डीएम को पत्र के माध्यम से शिकायत दर्ज कराया। उसी शिकायत पत्र में प्रतिलिपि के रूप में दशार्या गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री और वाराणसी के मण्डलायुक्त को भी बबुआ घाट पर हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी दी गई थी। लेकिन ठेकेदार ओम प्रकाश पाण्डेय की अधिकारियों और मंत्रालयों में मजबूत पकड़ होने की वजह से ठेकेदार के भ्रष्टाचार युक्त साम्राज्य के सामने विधायक सौरभ श्रीवास्तव भी अकसर असहज और बेबस ही देखे गए। और अन्तत: वही हुआ जिसका डर था। 

 कृपा शंकर यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में यह को लिखा गया है कि गुरुवार को हुए इस हृदय विदारक घटना के पश्चात गिरे गुम्बद के अवशेषों को बाढ़ के पानी में आखिर क्यों बहा जाने दिया गया। जांच अधिकारी एडीएम की नियत साफ होती तो बाढ़ के पानी में बह जाने से पूर्व ही गुम्बद के गिरे अवशेषों को कब्जे में लिया जा सकता था। संदेहास्पद और अभी तक गिरफ्तार नहीं किए गए ठेकेदार ओमप्रकाश पाण्डेय को जिला प्रशासन द्वारा लाभ पहुंचाने जैसा प्रतीत हो रहा है।