घाटों को जलमग्न करने के बाद गलियों की ओर बढीं गंगा

घाटों को जलमग्न करने के बाद गलियों की ओर बढीं गंगा

ढाब क्षेत्र के लोग ज्यादा चिंतित, 4 सौ बीघे में सब्जियों की फसल  प्रभावित 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। गंगा में बाढ़ का पानी अब आबादी की ओर बढ़ चला है। घाटों को जलमग्न करने के बाद गंगा गलियों की ओर बढ़ने लगी हैं। ढाब क्षेत्र की खेती प्रभावित होने लगी है। शहर में सोमवार को पानी दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस चौकी तक पहुंच गया। सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 68.48 मीटर पर पहुंच गई है। रफ्तार 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे हो गया है। गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार लगातार जारी है। बनारस में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से महज 2.14 मीटर नीचे है। रविवार को जलस्तर बढ़ने के कारण हरिश्चंद्र घाट की गलियों में शवदाह शुरू हो गया है। शीतला मंदिर में गंगा के प्रवेश होने की आशंका को देखते हुए पुजारी ने मंदिर से सामान हटाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। वही, वाराणसी का अस्सी घाट भी जलमग्न हो गया है।

नमस्ते स्क्ल्पचर से आगे बढ़ी गंगा

नमो घाट पर बने सबसे बड़ा नमस्ते स्क्ल्पचर से आगे गंगा बढ़ चुकी हैं। वरुणा में पलट प्रवाह से पलायन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रविवार को केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार शनिवार रात से रविवार रात आठ बजे तक 24 घंटे में जलस्तर सवा दो फीट की बढ़ोतरी हुई है। 

गंगा का जलस्तर एक मीटर और बढ़ा तो वरुणा, असि एवं गोमती में गंगा का पलट प्रवाह तेज होने की आशंका है। गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से चिरईगांव ब्लॉक का ढाब क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आता जा रहा है। सबसे अधिक प्रभावित इलाके में रामचंदीपुर से मोकलपुर तक के किसानों की सब्जियों की फसलें जलमग्न होने लगी हैं।

कलेक्ट्रेट में 24 घंटे काम करने लगा बाढ़ कंट्रोल रूम

बाढ़ की संभावना को देखते हुए जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने अफसरों को मानीटरिंग तेज करने के साथ ही राहत व बचाव के सभी समुचित प्रबंध करने के निर्देश दिए है। उन्होंने बाढ़ राहर शिविरों को सक्रिय कर वहां लोगों के ठहरने के सभी समुचित इंतजाम कराने का निर्देश दिया। उन्होंने बाढ़ संबंधित शिकायत व समस्या के निस्तारण के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में स्थापित बाढ़ कंट्रोल रूम में शिफ्टवार अधिकारियों व कर्मचारियों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम के दूरभाष संख्या- 0542-2508550, 2504170 व व्हाट्सएप नम्बर- 9140037137 पर बाढ़ से संबंधित कोई भी शिकायत या सूचना दर्ज करायी जा सकती है। उन्होंने कंट्रोल रूम में दर्ज सूचना व शिकायत की जानकारी संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। वहीं गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा घाट जलमग्न हो गये है। गंगा घाटों की सीढ़ियों से ऊपर बढ़ने को आतुर दिख रही है। घाट पर स्थित मंदिर और चबूतरे पानी में डूबने के कारण पंडित-पुजारियों ने अपनी चौकी ऊपर की तरफ लगा ली है। वहीं गंगा का जलस्तर बढ़ने से दशाश्वमेध, शीतला व अस्सी घाट पर आरती का स्थान भी लगातार बदला जा रहा है।

सप्ताह भर हो सकती हल्की से मध्यम वर्षा

वाराणसी (रणभेरी सं.)। बंगाल की खाड़ी में बना निम्नवव दक्षिणी-पूर्वी पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश के आसपास घनीभूत होकर मानसून अवदाब में परिवर्तित हो रहा है। यह अब पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। जिससे मानसूनी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होगी और आगामी एक सप्ताह के दैरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना बन रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के लखनऊ स्थित आंचलिक कार्यालय के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बुधवार से वर्षा में वृद्धि एवं भारी वर्षा होने की संभावना है जबकि गुरुवार 17 जुलाई को पूर्वांचल में एक-दो स्थानों पर बहुत भारी वर्षा भी हो सकती है। राजधानी लखनऊ में भी 16 जुलाई से वर्षा की तीव्रता में वृद्धि होने तथा अनेक स्थानों पर मध्यम वां होने की संभावना है। हालांकि इसके पूर्व छिटपुट वर्षा का क्रम बना रहेगा। बनारस की बात करें तो रविवार की सुबह से लेकर आधी रात के बाद तक रुक-रुक कर हुई कभी मध्यम कभी तेज वर्षा ने शहरी क्षेत्र में 77 मिमी तो बावतपुर क्षेत्र में 18 मिमी पानी गिराया। सोमवार को पूरे दिन बादलों की आवाजाही बनी रही, मौसम सुहावना रहा। कुछ देर के लिए हल्की सी धूप दिखी लेकिन बादलों ने फिर उसे ढक लिया। वर्षा न होने से पूरा दिन सूखा रहा। हालांकि रात में वर्षा की संभावना बनी रही। रात में हुई अनेक चक वर्षा और दिन में बादलों के चलते अधिकतम तापमान में 2.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई और यह सामान्य से 0.4 डिग्री नीचे 33.6 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान दो सेमी घटकर सामान्य से 2.6 डिग्री नीचे 24 डिग्री सेल्सियस रहा।