प्रयागराज के बाद काशी में जुट रही श्रद्धालुओं की भीड़
वाराणसी (रणभेरी सं.)। पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) और मकर संंक्रांति (14 जनवरी) को बनारस रेल मंडल में ढाई लाख श्रद्धालुओं की आवाजाही हुई। इस आंकड़े के सामने आते ही उत्साहित रेलवे महाकुंभ को सकुशल कराने के लिए व्यवस्थाओं के नट-बोल्ट को और ज्यादा कसा है। इसलिए कि श्रद्धालुओं की भीड़ में इजाफा होने पर भी व्यवस्थाओं की पटरी पर महाकुंभ की रेल रफ्तार भरती रहे। शुरूआती दो दिनों में श्रद्धालुओं का सैलाब संभालने को डीआरएम विनीत कुमार श्रीवास्तव ने पूरी टीम के परिश्रम का परिणाम बताया।कहा कि हमारी रणनीति महाकुंभ के प्रत्येक दिन को पहला मानकर पूरी ऊर्जा से व्यवस्थाओं का उपयोग करके श्रद्धालुओं की राह आसान करना है। प्रयागराज और वाराणसी के बीच ट्रैक का दोहरीकरण और लाइनों के विद्युतीकरण से श्रद्धालुओं की राह आसान हुई है। ट्रेनें 110 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ रहीं हैं। दो दिनों में सामान्य ट्रेनों के परिचालन के साथ ही 150 अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन पिछले कई सालों के मशक्कत का परिणाम है। रामबाग, झूंसी और बनारस स्टेशन पर तीर्थ यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने को 24/7 इलाज के इंतजाम हैं। त्वरित चिकित्सा प्रदान करने को मेडिकल टीम बनी है। दो दिनों के स्नान में 1197 श्रद्धालुओं का इलाज किया गया। छह की हालत गंभीर होने पर उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देकर रेफर किया गया।
व्यवस्था पर नियंत्रण को मुख्यालय पर कंट्रोल रूम
मंडल मुख्यालय पर स्थापित कंट्रोल रूम से व्यवस्थाओं की निगरानी की जा रही है। स्टेशन/कंट्रोलर, टीएक्सआर/कंट्रोलर, पावर कंट्रोल, ट्रैक्शन लोको कंट्रोलर मुख्यालय के कंट्रोल रूम से गवर्न किए जा रहे हैं। क्रू मेंबर को अलर्ट मोड में रखा गया है, जिससे जरूरत पर खाली रैक रेल मंडल में कहीं भी भेजा जा सके। बनारस, झूंसी और रामबाग स्टेशन पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 55 इंच की 18 एलईडी डिस्प्ले बोर्ड, एक वीडियो वाल एवं 30 स्पीकर लगाए गए हैं। यह व्यवस्थाएं पूर्व की व्यवस्था से अलग हैं। विभिनन स्टेशनों पर 61 वाइफाई, 20 रेलवे फोन, नियंत्रण कक्ष के लिए 06 हाटलाइन, ब्राड बैंड कनेक्शन के अलावा दो बीएसएनएल फोन, यात्री आश्रय एवं पूछताछ केंद्र के लिए 44 मोबाइल फोन, आपात स्थिति के लिए कंट्रोल रूम में चार बीएसएनएल हेल्पलाइन नंबर, ट्रेनों के परिचालन की सटीक जानकारी के लिए 02 अतिरिक्त कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। 70 मेगा माइक फोन, यूटीएस, इंक्वायरी एवं पीआरएस काउंटर पर सुविधा के लिए 44 दो तरफा संचार प्रणाली 25 वाट का वीएचएफ सेट, पांच वाट का 130 वीएचएफ वाकी-टाकी की व्यवस्था है। 209 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं
महाकुंभ से निकलकर 6 लाख श्रद्धालु पहुंचे काशी
मकर संक्रांति के अगले दिन बुधवार को वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए करीब 6 लाख श्रद्धालु पहुंचे। पूरा मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयघोष गूंज उठा। स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई है। क्योंकि यहां भीड़ काफी थी। गंगा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की सीढ़ियों तक पहुंच गई हैं। इसके चलते मंदिर के 7 में से 3 गेट बंद हैं। 4 गेट से भक्तों को एंट्री मिल रही है। इस वजह से भक्तों की 5 किलोमीटर लंबी कतारें लगी हैं।
महाकुंभ के शाही स्नान का पलट प्रवाह आज से लगातार 45 दिन काशी में प्रभावी रूप से दिखेगा। हाईवे से लेकर शहर तक पर्यटक, श्रद्धालुओं की भीड़ के लिए पुलिस प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। मंदिर न्यास ने महाकुंभ के दौरान आरती और भोग का नया शेड्यूल जारी किया है। मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि के बाद 28 फरवरी तक बाबा के स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह से रोक रहेगी। केवल मंगला आरती के लिए ही टिकट प्रदान किए जाएंगे। आरती के समय में परिवर्तन किया गया है।
हालांकि महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को काशी विश्वनाथ के कपाट बंद नहीं होंगे। रातभर कपाट खुले रहेंगे। वाराणसी में महाकुंभ के 45 दिन रोज करीब 20 लाख भक्तों के आने का अनुमान है। 26 फरवरी तक का शेड्यूल मंदिर न्यास और पुलिस प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।