मासूम के हत्यारे ने की हैवानियत की सारी हदें पार, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र के सूजाबाद में आठ वर्षीय बच्ची की हत्या का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दिल दहलाने वाली बाते सामने आयी है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का एक हाथ कंधे से तोड़ दिया गया था। आंख फोड़ने की कोशिश की गई, प्राइवेट पार्ट को कुचला गया। बच्ची के सिर, गला, होठ, पेट पर करीब 10 चोट के निशान मिले हैं। मगर इन चोट से बच्ची की मौत नहीं हुई थी। रेप करने की कोशिशों के बीच दरिंदगी इस कदर हुई कि बच्ची को पत्थर पर पटक दिया गया। इससे बच्ची की मौत हो गई।
रामनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले दिव्यांग ऑटो ड्राइवर की 7 वर्षीय बेटी मंगलवार (24 दिसंबर) की रात लापता हुई थी। 25 दिसंबर की सुबह उसकी खून से लथपथ लाश बोरे में कंपोजिट विद्यालय में पड़ी मिली। शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। पैर में उसका पायजामा फंसा हुआ था। सिर पर चोट के निशान थे। मासूम का शव उसी स्कूल में मिला, जिसमें वह पढ़ती थी। 20 साल पहले गांव में ऑटो ड्राइवर ने घर बनवाया था। यह गांव वाराणसी-चंदौली जिले बॉर्डर पर है। खुशबू अपने 5 भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थी। उसकी मां ने कहा- घर में मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती खत्म हो गई थी। उसे ही लेने दुकान पर भेजा था। उसी दुकान पर इसके पिता रोजाना पान खाते थे, इसलिए वो उस दुकान को जानती थी। कई चक्कर सामान लेने वहां जाती थी।
मां ने रोते हुए कहा- जब 8 बज गए और वो नहीं लौटी तब हमने पति से कहा। वो दुकान पर गए। दुकानदार ने कहा कि आपकी बच्ची तो बहुत पहले वापस जा चुकी है। फिर पूरा परिवार बच्ची को ढूंढने में लग गया। रात 9.30 बजे डायल 112 पर फोन किया। 10.30 बजे तक सड़क पर खड़े रहे कि शायद पुलिस आएगी, लेकिन कोई नहीं आया। मेरी बेटी को कुछ नहीं होता, अगर पुलिस एक्टिव हो जाती। मेरी बेटी को उन्होंने ढूंढा ही नहीं। बेटी की रिपोर्ट लिखवाने गए तो फोटो और नंबर लेकर वहां से लौटा दिया। हमने वो रात जागकर काटी। सुबह नमाज की वक्त मस्जिदों से ऐलान करवाया, लेकिन बेटी नहीं मिली। सुबह बच्चे पतंग लूटने स्कूल की छत पर चढ़े तो बोरी में बेटी की लाश देखी। मां ने कहा कि अब हमें बस इंसाफ चाहिए और कुछ नहीं चाहिए। मेरी बेटी जिस स्कूल में पढ़ती थी, उसी में उसकी लाश मिली है। जो हत्यारे हैं, उन्हें सरकार जेल भेजे।
बृहस्पतिवार को डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि इरशाद ने बच्ची का हाथ पकड़ कर घर में खींचा तो वह शोर मचाने लगी थी। इरशाद को लगा कि वह पकड़ा जाएगा, इसलिए उसने बालिका को मार डाला था। घटना के खुलासे के बाद पुलिस ने बुधवार की देर रात मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगने से घायल सूजाबाद निवासी इरशाद को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
वारदात के खुलासे में इलाके में लगे चार सीसी कैमरों की फुटेज की अहम भूमिका रही। खुलासे पर डीसीपी काशी जोन ने रामनगर थानाध्यक्ष और एसओजी प्रभारी के साथ उनकी टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया।