युवती में नहीं मिली बच्चेदानी पाया गया पुरुस का टेस्टिस

 युवती में नहीं मिली बच्चेदानी पाया गया पुरुस का टेस्टिस

प्रयागराज।  लड़की को मासिक धर्म नहीं आ रहा था। इस समस्या के बाद परिजन उसे दिसंबर 2023 में एसआरएन अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में दिखाने पहुंचे। अल्ट्रासाउंड में पता चला कि उसके शरीर में बच्चेदानी है ही नहीं। स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) में एक 19 वर्षीय युवती में पुरुष के गुणसूत्र मिले। उसके अंदर बच्चेदानी नहीं थी और पुरुष का टेस्टिस विकसित मिला है। मामला सामने आने के बाद परिजनों की सहमति से एसआरएन अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में लड़की का इलाज चल रहा है।  चिकित्सकों के मुताबिक, यह एंड्रोजन असंवेदनशीलता सिंड्रोम बीमारी है, जो जन्मजात होती है और यह बहुत कम देखने को मिलती है। फिलहाल एसआरएन में इस प्रकार का यह पहला मामला है। मेजा निवासी 19 वर्षीय एक लड़की को मासिक धर्म नहीं आ रहा था। इस समस्या के बाद परिजन उसे दिसंबर 2023 में एसआरएन अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में दिखाने पहुंचे। अल्ट्रासाउंड में पता चला कि उसके शरीर में बच्चेदानी है ही नहीं। इसके अलावा उसके अंदर पुरुषों जैसे अंग विकसित हो गए है। उसे यूरोलॉजी विभाग में रेफर कर दिया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. दिलीप चौरसिया व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रीश शुक्ला ने लड़की के पेट की एमआरआई कराई।
जहां लड़की के अंदर पुरुषों का अंडाशय मिला। वहीं लड़की के अंदर मौजूद गुणसूत्रों का अध्ययन करने के लिए कैरियोटाइपिंग जांच कराई गई। जिसके बाद लड़की में पुरुषों वाला 46 एक्सवाई गुणसूत्र पाया गया। जबकि महिलाओं में एक्सएक्स गुणसूत्र पाया जाता है। जिसके बाद यूरो, मनोरोग व स्त्री रोग विभाग ने संयुक्त रूप से इस केस में काम करना शुरू किया। जिसमें सबसे पहले लड़की व उनके परिजनों की अलग-अलग काउंसलिंग कराई गई। उनसे पूछा गया कि वह लड़की चाहते हैं कि लड़का। क्योंकि लड़का चाहते हैं, तो लिंग परिवर्तन करना पड़ेगा, अगर लड़की चाहते हैं, तो ऑपरेशन होगा। इसके अलावा लड़की कभी गर्भवती नहीं हो सकेगी।  वहीं, परिजनों की सहमति से फरवरी माह में लड़की की सर्जरी दूरबीन से की गई। इस दौरान लड़की के अंदर से पुरुषों का अंडाशय निकाला गया। वहीं सर्जरी के बाद लड़की को एंडोक्राइनोलॉजी विभाग में रेफर कर दिया गया। जहां लड़की को कुछ महीनों के अंतराल में हार्मोनल इंजेक्शन लगाया जा रहा है। इसके अलावा लड़की की काउंसलिंग भी चल रही है। 


एंड्रोजन असंवेदनशीलता सिंड्रोम क्या है
एंड्रोजन असंवेदनशीलता सिंड्रोम एक आनुवांशिक स्थिति है जो जन्म से पहले और यौवन के दौरान बच्चे के यौन विकास को प्रभावित करती है। इस सिंड्रोम वाले लोग आनुवंशिक रूप से पुरुष होते हैं (उनमें एक्स और वाई दोनों गुणसूत्र होते हैं), लेकिन वे महिला के सभी या कुछ शारीरिक लक्षणों के साथ पैदा होते हैं। वर्जन लड़की के अंदर पुरुषों का अंडाशय होने के कारण पुरुषों के हार्मोंस बन रहे थे। मगर शरीर इन हार्मोंस को स्वीकार नहीं कर रहा था। जिसकी वजह से लड़की के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। -डॉ. दिलीप चौरसिया, विभागाध्यक्ष, यूरो विभाग, एसआरएन।  इस प्रकार के मामलों को स्वीकार कर पाना मुश्किल होता है। ऐसे में लड़की और उसके परिजनों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि यह ऊपर से लड़की है और अंदर से लड़का। जिसके लिए काउंसलिंग की गई। फिलहाल अब लड़की को सारी उम्र हार्मोनल इंजेक्शन लेना पड़ेगा।