आखिर कब बीएचयू में संचालित होंगी ऑफलाइन कक्षाएं !

आखिर कब बीएचयू में संचालित होंगी ऑफलाइन कक्षाएं !

वाराणसी (रणभेरी): काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय को पूरी तरह खुलवाने और ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करवाने के लिए सेंट्रल ऑफिस पर धरना प्रदर्शन किया, जिसमें 60 से 70 स्टूडेंट्स ने भाग लिया। यह प्रदर्शन भगत सिंह छात्र मोर्चा ने आयोजित करवाया था। सेंट्रल ऑफिस के सामने सभा की गई, जिसमें स्टूडेंट्स ने अपनी-अपनी बातें रखी। छात्रों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर अब पूरे देश में कम हो गई है, सब कुछ सार्वजनिक तौर पर खोल दिया गया है। ऐसे में हमारी कक्षाएं  पूर्ण ऑफलाइन रूप से शुरू क्यों नहीं की जा रही है। आखिर, हमारे भविष्य के साथ क्यों खेला जा रहा है।
 
सभा का संचालन करते हुए उमेश ने कहा कि सभी सार्वजनिक स्थल खुले है, चुनावी रैलियां होती हैं, लेकिन केवल विश्विद्यालय को ही बंद रखा गया है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ विश्वविद्यालय समेत तमाम केंद्रीय विश्विद्यालयों को खोलना का आदेश जारी हो चुका है, केवल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ही बंद पड़ा है, क्यों ? 

इसके बाद नीरज ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बीएचयू प्रशासन और सरकार यह चाहते ही नहीं कि यूनिवर्सिटी को खोला जाए क्योंकि सरकार तमाम विरोधी आवाजों को दबा देना चाहती है, इसलिए यूनिवर्सिटियों में पनप रहे तमाम विचारों और बहसों को रोकने के लिए वे विश्वविद्यालयों को बंद रखना चाहती है। आकांक्षा ने अपनी रखते हुए बताया कि ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई केवल खानापूर्ति के लिए ही होती है। पिछले दो सालों में कई बार स्टूडेंट्स ने विश्वविद्यालय खुलवाने को लेकर धरना दिया है। दिसंबर-2020 में आठ दिनों तक ठंड में दिन-रात हॉस्टल खुलवाने के लिए वीसी आवास के सामने धरना दिया, फिर मार्च-2021 में धरना चला और नवंबर-2021 में तीन दिन तक लंका गेट पर धरना चला, जिसमें बीएचयू प्रशासन और जिला प्रशासन की मिलीभगत से धरनारत छात्रों को भोर में ही पुलिस द्वारा गिरफ़्तार करके थाना ले जाया गया और उन पर एफआईआर दर्ज कर दिए गए। 

नई शिक्षा नीति-2020 पर अपनी रखी और कहा कि इसके तहत सरकार ऑनलाइन शिक्षा और शिक्षा में निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, इसलिए विश्वविद्यालय खुलवाने की लड़ाई के साथ नई शिक्षा नीति और निजीकरण के विरोध की लड़ाई भी जुड़नी चाहिए। इसके अलावा राहुल, आशुतोष, संगीता ने अपनी बात रखी। छात्र-छात्राओं ने गीत गाना और कविता के माध्यम से भी अपना प्रतिरोध दर्ज कराया। धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं से बीएचयू प्रशासन की तरफ से डीएसडब्ल्यू और चीफ प्रॉक्टर समेत कुछ प्रोफेसर मिलने आए। उन्होंने जल्द ही यूनिवर्सिटी खुलने का आश्वासन दिया, लेकिन कोई तारीख नहीं दी। छात्र-छात्राओं से बात-बहस के बाद उन्होंने बीएचयू वीसी के साथ परसो स्टूडेंट्स की एक मीटिंग रखने की बात मानी, जिसमें 5 स्टूडेंट्स जाकर वीसी से अपनी बात रखेंगे। धरनारत छात्र-छात्राओं ने वीसी के नाम का ज्ञापन डीएसडब्ल्यू को सौंपा, जिसमें यह मांग की गई है कि तत्काल आॅफलाइन कक्षाएं शुरू की जाय और सभी को हॉस्टल आवंटित किए जाय। ज्ञापन में छात्र-छात्राओं ने लिखा है कि यह मांग जल्दी ना मानने पर वे एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। धरना-प्रदर्शन में संगीता, तेजस्विता, अमन, राहुल, अभिनव, नीरज, गुंजन, संदीप, आकांक्षा, इप्शिता समेत कई छात्र छात्राएं शामिल रहे।

हॉस्टल में ओबीसी आरक्षण के अनुसार सीट आवंटन की मांग के साथ छात्रों ने किया सेन्ट्रल ऑफिस का घेराव

ओबीसी आरक्षण को लेकर लगातार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र आंदोलन कर रहे हैं। इऑफिस सी क्रम में लगातार मिल रहे आश्वासनों के बीच ओबीसी छात्रों ने सोमवार को सेन्ट्रल ऑफिस  का घेराव किया। इस दौरान छात्र काफी देर तक वीसी प्रॉफेसर सुधीर जैन की कार को भी घेरकर खड़े रहे। छात्रों के घेराव की सूचना के बाद पहुंचे चीफ प्रॉक्टर और छात्र अधिष्ठाता ने दो दिनों में वीसी से मुलाकात करवाने और समस्या के समाधान की बात कही जिसके बाद छात्र शांत हुए और घेराव खत्म किया। वहीं छात्रों ने एक बार फिर बीएचयू प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि अगले दो दिनों में वीसी हमसे मुलाकात नहीं करते हैं और समस्या का समाधान नहीं होता तो वो वीसी आवास का घेराव कर आंदोलन को धार देने का काम करेंगे।