बलिया के डीएम और एसपी अफसरों की कारगुजारी, पत्रकारों पर बर्बरता रोकी जाये
- मंत्री दयाशंकर बोले-पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई निंदनीय
- बलिया पर्चा लीक मामला, पत्रकारों पर बर्बरता रोकी जाये
वाराणसी (रणभेरी): यूपी के बलिया मे प्रश्न पत्र लीक होने के मामले मे पत्रकारों के साथ किया गया बर्बरता और जेल भेजने की कार्यवाही प्रश्न की तरह लोगों के सामने हैं। इस मामले मे मुख्यमंत्री योगी की चुप्पी भी प्रदेश सरकार के निष्पक्षता पर बार-बार सवाल खडा कर रहा है। वही बलिया के डीएम इंद्रविक्रम सिंह और एसपी राजकरन नय्यर सरकारी आदेश को भी नहीं मानते। पर्चा लीक प्रकरण में उनके कारनामे इस तथ्य को जाहिर कर रहे हैं। बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने से पहले 22 मार्च को जारी सरकारी विज्ञप्ति के मुुताबिक, प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना अधिकारियों को देने पर संबंधित व्यक्ति को दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण मिलेगा, लेकिन 29-30 मार्च को जिला विद्यालय निरीक्षक व जिलाधिकारी को संस्कृत व अंग्रेजी के वायरल पर्चे भेजने पर पत्रकारों को ही गिरफ्तार कर लिया गया।
माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, परीक्षा खत्म होने से पहले प्रश्नपत्र या हल कॉपी को किसी माध्यम से प्रसारित करना उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-1998 की धारा-4/10 के तहत दंडनीय अपराध है। लेकिन, ऐसे कृत्य की सूचना जनहित में अपर मुख्य सचिव, डीएम-एसपी, जिला विद्यालय निरीक्षक समेत अन्य अफसरों को देने पर यह धारा लागू नहीं होगी।
पत्रकार अजीत ओझा ने जनहित में ही जिला विद्यालय निरीक्षक व डीएम को वायरल पेपर भेजे थे। पत्रकार का मकसद छात्रहित में नकल व नकल माफिया पर अंकुश लगवाना ही था। फिर भी, सरकारी आदेश को दरकिनार करते हुए पत्रकार अजीत ओझा समेत दो अन्य पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया।
डीएम इंद्रविक्रम सिंह और तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश मिश्र को कार्रवाई के लिए भेजे व्हाट्सएप संदेश। सिंह ने तो खुद फोन कर मांगे थे वायरल पर्चे। फिर भी संस्कृत का प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना सरकार को नहीं दी। जाहिर है, नकल माफिया को मिला इसका लाभ।
बलिया में पत्रकारों का उत्पीड़न और जेल भेजना निंदनीय है। मैंने इसको संज्ञान में लिया है। उनको न्याय मिलेगा। यह बात बलिया सदर से विधायक एवं परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने बलिया जाते समय पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर कासिमाबाद में रविवार को पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि बलिया में नकल माफिया की करतूत को उजागर करने वाले पत्रकारों के खिलाफ की गई कार्रवाई निंदनीय है।