छत पर चढ़ा युवक, नीचे खड़ी थी भीड़… 40 मिनट तक गूंजता रहा बस एक ही नारा- “घूस नहीं दूंगा”
(रणभेरी): गुरुवार दोपहर करीब दो बजे जिला पंचायत परिसर में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब डिप्टी लेबर कमिश्नर (DLC) कार्यालय की इमारत की छत पर एक युवक चढ़ गया। छत पर खड़ा होकर वह लगातार चिल्ला रहा था “वादा करो, घूस नहीं मांगोगे… नहीं तो यहीं से कूद जाऊंगा।” युवक का आरोप था कि वह पिछले छह महीनों से सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए दफ्तर के चक्कर काट रहा है, लेकिन उससे लगातार रिश्वत मांगी जा रही है।
छत से आती आवाज सुनकर कार्यालय में काम कर रहे कर्मचारी बाहर भागे। देखा तो युवक छत पर खड़ा था और नीचे लोगों की भीड़ जमा हो चुकी थी। कर्मचारियों ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी बात पर अड़ा रहा—“मैं घूस नहीं दूंगा, ये योजना गरीब मजदूरों के लिए है।”
करीब 40 मिनट तक चला हाईवोल्टेज ड्रामा, पुलिस और डिप्टी लेबर कमिश्नर के मौके पर पहुंचने के बाद खत्म हुआ। अधिकारियों ने युवक को भरोसा दिलाया कि उसके आवेदन पर कार्रवाई होगी, तब जाकर वह नीचे उतरा। मामला सिविल लाइन्स स्थित जिला पंचायत दफ्तर में बने डिप्टी लेबर कमिश्नर कार्यालय का है।
छत पर चढ़ने वाले युवक की पहचान लोकेश, निवासी ग्राम सिरौली, थाना कांठ क्षेत्र के रूप में हुई है। लोकेश ने बताया कि उसने मातृ एवं शिशु बालिका मदद योजना के तहत अपने दो बच्चों की पढ़ाई के लिए आवेदन किया था। इसके अलावा उसने श्रमिकों की पत्नी को गंभीर बीमारी में मिलने वाले अनुदान के लिए भी आवेदन किया था। उसकी पत्नी हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित है।

लोकेश का आरोप है कि श्रम विभाग के अधिकारी जसवंत ने उससे कहा था कि योजना की आधी रकम उन्हें देनी होगी, तभी आवेदन आगे बढ़ाया जाएगा। लोकेश ने साफ इनकार कर दिया। उसका कहना है कि गांव के कई अन्य श्रमिकों से भी इसी तरह घूस ली गई है।
डिप्टी लेबर कमिश्नर का जवाब, जांच के आदेश
डिप्टी लेबर कमिश्नर दीप्तिमान भट्ट ने बताया कि युवक का आवेदन पात्रता के अभाव में निरस्त किया गया था। उनके अनुसार, बच्चे के जन्म पर मिलने वाली सहायता केवल कंस्ट्रक्शन वर्कर स्कीम के अंतर्गत आती है, जबकि युवक ने अपने बयान में खुद को खेती करने वाला बताया था। फिलहाल पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। यदि जांच में युवक की श्रमिक पात्रता साबित होती है, तो उसे योजना का लाभ दिया जाएगा।











