एक थी मरियम! प्रदेश की सबसे उम्रदराज शेरनी का निधन

 एक थी मरियम! प्रदेश की सबसे उम्रदराज शेरनी का निधन
 एक थी मरियम! प्रदेश की सबसे उम्रदराज शेरनी का निधन

गोरखपुर। वर्ष 2022 में 2 महीने अगस्त और सितंबर में उसकी तबीयत खराब हुई, लेकिन उपचार ले वह पुनः पूरी तरह स्वस्थ होकर बाड़े में आ गई। अप्रैल 2023 में एक बार फिर मरीयम बीमार हुई तो फिर दोबारा खड़ी नहीं हो सकी। सोमवार दिन में साढ़े दस बजे उसका निधन हो गया। शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणि उद्यान की बब्बर शेरनी मरियम का निधन हो गया। सोमवार को सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर मरियम ने अंतिम सांसे लीं। पिछले कुछ महीनों ने मरियम बीमार चल रही थी और उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। चिड़ियाघर प्रबंधन लंबे समय से इसके स्वस्थ होने का प्रयास कर रहा था। शेरनी अपने सामान्य उम्र 18 वर्ष से अधिक की हो गई थी और इससे बीमार होने के बाद वापस स्वस्थ में उसे काफी दिक्कत उठानी पड़ी रही थी। सोमवार को डीएफओ व निदेशक चिड़ियाघर विकास यादव संग चिकित्साधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह की देखरेख में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित हुआ। सभी ने फूल और माला चढ़ाकर मरियम को याद कर अंतिम श्रद्धांजलि दी। इसके बाद चिड़ियाघर के इंसीनरेटर मशीन में मरियम का अंतिम संस्कार संपन्न किया गया।दरअसल, चिड़ियाघर की शेरनी प्रदेश की सबसे उम्रदराज शेरनी थी। सामान्य उम्र की तुलना में चिड़ियाघर में मरियम की जीवन तीन वर्ष अधिक हो गया है। चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, वर्ष 2021 में 17 वर्ष की उम्र में मरियम की तबीयत अत्यधिक खराब हुई थी। तीन माह सितंबर, अक्टूबर और नवंबर तक लगातार उसका उपचार चला, जिसके बाद वह स्वस्थ हुई और अपनी दहाड़ से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने लगी। दोबारा वर्ष 2022 में 2 महीने अगस्त और सितंबर में उसकी तबीयत खराब हुई, लेकिन उपचार ले वह पुनः पूरी तरह स्वस्थ होकर बाड़े में आ गई।अप्रैल 2023 में एक बार फिर मरीयम बीमार हुई तो फिर दोबारा खड़ी नहीं हो सकी। सोमवार की रात में मरियम ने अंतिम सांसे ली। डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि इस बार जब मरियम बीमार होकर जमीन पर लेट गई थी, तो हम सभी को निराशा होने लगी थी। बताया कि बड़े वन्य जीव बेहद संघर्षशील होते हैं। चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह मरियम को श्रद्धांजलि देते हुए  लेकिन, तबीयत खराब होने पर लेटने के बाद उनका उठना बेहद कठिन हो जाता।  मरियम के साथ भी हुआ। हालांकि, प्रयासों के बाद तरीबन दस दिनों तक फिर से उम्मीद जगी। लेकिन, रविवार की रात में सभी प्रयासों के बाद भी मरियम को नहीं बचा सके।

 इटावा के लॉयन सफारी से आई थी मरियम
इटावा लॉयन सफारी से बाघिन मरियम को गोरखपुर लाया गया था। इटावा में गुजरात के शक्करबाग चिड़ियाघर से इन्हें लाकर रखा गया था। डॉ योगेश सिंह ने बताया कि प्रबंधन की सतर्कता और समय-समय पर चिकित्सकीय उपचार की वजह से अभी तक वह पूरी तरह से स्वस्थ रही है।

 मरियम के भाई-बहन का हो चुका है मौत
गोरखपुर चिड़ियाघर शुरू होने के पूर्व दर्शकों के मनोरंजन के लिए मरियम को शकरबाग से इटावा सफारी पार्क लाया गया जहाँ से 28 फरवरी 2021 को इसे गोरखपुर लाया गया था। मरियम के भाई और बहन की मौत हो चुकी है।
 

चिड़ियाघर मनाता है जन्मदिन
चिड़ियाघर प्रबंधन मरियम की जन्मदिन भी प्रत्येक वर्ष मनाता था। इस बार तबीयत खराब होने से 3 नवंबर को उसका जन्मदिन भी सामान्य तरीके से ही मनाया जा सका। प्रबंधन जन्मदिन के मौके पर मांस के केक को मरियम से कटवा कर खूब धूमधाम से मरियम का जन्मदिन मनाता था। अब मरियम की यादें प्रबंधन के जेहन में कैद होकर रह गईं।  निदेशक चिड़ियाघर डॉ विकास यादव ने कहा कि मरियम की क्षति भर पाना आसान नहीं होगा। चिड़ियाघर में लंबा समय मरियम ने व्यतीत किया था। इसकी स्मृति शेष के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा। हमारा प्रयास रहेगा कि चिड़ियाघर में मरियम की याद को संरक्षित किया जा सके।