रातों रात हटाया गया सीएम योगी के फोटो वाला बोर्ड
वाराणसी (रणभेरी)। बीते मंगलवार को रणभेरी मीडिया ने कौशल प्रशिक्षण केंद्र के बदहासी को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। दरअसल, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के शिवपुर थाना अंतर्गत महेशपुर स्थित पूर्व में संचालित अग्रवाल विद्या मंदिर में विगत 6 महीना से फर्जी कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र का संचालन हो रहा है।
सीएम योगी के फोटो वाली पोस्टर लगाकर इस प्रशिक्षण केंद्र का संचालन शुरू हुआ। अपने सुबे के मुखिया की फोटो देखकर इस फर्जी प्रशिक्षण केंद्र में दाखिला प्राप्त करने के लिए भारी संख्या में लोग प्रशिक्षण के लिए इकट्ठा होने लगे। जब धीरे-धीरे लूट का व्यापार तेजी से आगे बढ़ने लगा तो बच्चों का भविष्य धूमिल होना शुरू हुआ। प्रकरण गूंज उठी रणभेरी के संज्ञान में आया। इसके बाद आपके अपने अखबार रणभेरी मीडिया ने अपने तेज तर्राक जज्बे के साथ इस पूरे मामले को बारीकी से देखा तो सारा सच खुद ही सामने आने लगा।
एक दूसरे पर मढ़ने लगे आरोप
जब सच सामने आया तो इस कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र के मैनेजर व ट्रेनिंग पार्टनर सेजल एजुकेशन के जिला स्तरीय प्रबंधक सभी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने लगे। जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह चोरों का एक गिरोह है, जो जनता की आंखों में धूल झोंकर लाखों का लूट कर रहे हैं। ऐसे अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर कार्रवाई करते हुए तुरंत जेल भेज देना चाहिए।
हिम्मत की देनी होगी दाद
पहले तो इस गिरोह ने सीएम योगी की फोटो वाली पोस्टर लगाकर प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की। जिससे अपने उज्जवल भविष्य के लिए प्रशिक्षण हेतु महिलाएं व पुरुष भारी संख्या में आगे बढ़े। परंतु संस्था व मैनेजमेंट के इस रवैया से बच्चों का भविष्य धूमिल होता दिखाई देता है। जानकारी की माने तो लूट का यह गिरोह बहुत पहले से एक्टिव है और पूर्व में भी लूट का व्यापार कर चुका हैं।
प्रशिक्षण केंद्र पर नियुक्त मैनेजर प्रवीण कुमार की पत्नी एकता वहां पर ट्रेनर के पद पर नियुक्त हैं। भवन मालिक का बेटा अखिलेश वहां पर पुरुष ट्रेनर के रूप में नियुक्त है।
बच्चों ने ही किया भंडाफोड़
प्रशिक्षण कर रहे कुछ बच्चों ने अपना नाम व पहचान ना बताने की शर्त पर फर्जी प्रशिक्षण केंद्र में चल रहे पूरे मामले का भंडाफोड़ किया। बच्चों ने बताया कि मैनेजर प्रवीण कुमार नियम अनुसार यहां उपस्थित नहीं रहते हैं। ट्रेनिंग करते एक बच्चे ने कहा कि ट्रेनिंग के नाम पर यहां कुछ भी नहीं होता। सिर्फ कभी-कभी फोटो खींचने के लिए बच्चों की भीड़ इकट्ठा की जाती है। बच्चों ने बताया कि भवन मालिक पवन कुमार का इस संस्था से कोई वास्ता नहीं है, परंतु संस्था की पूरी बागडोर पवन कुमार के हाथों में है। अब सवाल यह खड़ा होता है की लूट के इस बड़े पैमाने के गिरोह को सरकार व प्रशासन किस नजरिया से देखाता है।
रणभेरी ने उजागर किया था प्रकरण
बीते मंगलवार को रणभेरी मीडिया ने बदहाली की जो सच्चाई जनता के सामने रखी। उसे कौशल विकास अधिकारियों ने तत्काल संज्ञान में लेते हुए कौशल प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया। जिसमें केंद्र से संबंधित समस्याओं से अवगत हुए और अधिकारियों ने केंद्र को सुचारू रूप से चलने का आदेश दिया। परंतु बच्चों के अनुसार अधिकारियों व बच्चों के बीच एग्जाम और सुविधाओं की उपलब्धता पर कोई विशेष बातचीत नहीं हुआ।