30 फीसदी बढ़ जाएगी रंगीन छपाई की क्षमता
गोरखपुर। गीता प्रेस के स्थापना को 100 वर्ष पूरे होने के बाद गीता प्रेस से प्रकाशित होने वाली पुस्तकों की मांग दुनियाभर में बढ़ गई है। ऐसे में गीता प्रेस मांग की तुलना में 75 फीसदी ही पुस्तकों की छपाई कर पा रहा है। कलर प्रिंटिंग मशीन कोमोरी सोमवार को जापान से गीता प्रेस पहुंच गई। इसके पहुंचने के साथ ही इसे लगाने का काम शुरू हो गया। गीता प्रेस प्रबंधन के मुताबिक मशीन को स्थापित करने में करीब 10 दिनों का समय लगेगा। इसके स्थापित होने के बाद कलर प्रिंटिंग की क्षमता में 30 फीसदी तक की वृद्धि हो जाएगी। वहीं वेल बाउंड बाइंडिंग मशीन को लगाने का काम भी चल रहा है। गीता प्रेस के स्थापना को 100 वर्ष पूरे होने के बाद गीता प्रेस से प्रकाशित होने वाली पुस्तकों की मांग दुनियाभर में बढ़ गई है। ऐसे में गीता प्रेस मांग की तुलना में 75 फीसदी ही पुस्तकों की छपाई कर पा रहा है। ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक गीता प्रेस से पुस्तकें पहुंच सके इसके लिए गीता प्रेस ने जापान से एक और कोमोरी मशीन मंगाई है। 5.50 करोड़ रुपये की इस मशीन से एक घंटे में लगभग 15 हजार बड़े पेज की छपाई हो जाएगी।
चार कलर में छपाई
जापान से आने वाली मशीन का नाम कोमोरी लिथ्रान जी 37 है। यह मशीन 25 इंच लंबे व 37 इंच चौड़े 15 हजार पेपर की छपाई चार रंगों में कर देगी। यह मशीन 27 फीट लंबी, 12 फीट चौड़ी और सात फीट ऊंची है।
स्थापित की जा रही है वेल बाउंड मशीन
छपाई के बाद बाइंडिंग में देरी न हो, इसके लिए गीता प्रेस ने बंगलूरू से 4.50 करोड़ रुपये की आधुनिक वेल बाउंड बाइंडिंग मशीन मंगाई है। गीता प्रेस पहुंचने के बाद इसे लगाया जा रहा है। ये मशीन एक साथ गैदरिंग, बाइंडिंग व कटिंग करेगी। एक घंटे में पांच हजार पुस्तकों को तैयार करेगी। पांच दिनों में इसे पूरी तरह से स्थापित कर दिया जाएगा। गीता प्रेस के उत्पाद प्रबंधक आशुतोष उपाध्याय ने जापान से कोमोरी मशीन गीता प्रेस पहुंच चुकी है। इसे लगाने का काम भी शुरू हो चुका है। मशीन लगने के बाद कलर पेपर की छपाई क्षमता में 30 फीसदी की वृद्धि हो जाएगी। वहीं वेल बाउंड बाइंडिंग मशीन भी पांच दिनों में स्थापित हो जाएगी। इसके बाद पुस्तकों के उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो जाएगी।