बाबा के भाल चढ़ेगा काशी, मथुरा व अयोध्या का गुलाल
वाराणसी(रणभेरी)। रंगभरी एकादशी पर 20 मार्च को टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से निकाली जाने वाली काशी बाबा विश्वनाथ की पालकी यात्रा में इस बार अयोध्या और मथुरा के गुलाल की वर्षा भी होगी। अयोध्या से राम भक्त मंडली द्वारा तैयार विशेष अबीर-गुलाल आएगा। वहीं मथुरा कारागार के बंदियों द्वारा तैयार हर्बल अबीर बाबा को अर्पित किया जाएगा। महंत परिवार के प्रतिनिधि पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया कि शिव-पार्वती के गौना उत्सव को खास बनाने के लिए मथुरा जेल में बंद कैदी खास गुलाल तैयार करने में जुटे हैं। जेल में अरारोट में सब्जियों को मिलाकर हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है। हर्बल गुलाल बनाने के लिए अरारोट में पालक को पीसकर प्राकृतिक हरा रंग निकाल कर इसे तैयार किया जा रहा है। इसी तरह मेथी को पीसकर हल्का हरा रंग, चुकुंदर को पीसकर लाल रंग, हल्दी पाउडर का प्रयोग कर पीला गुलाल तैयार किया जा रहा है। इसमें खुशबू बनी रहे इसके लिए बिना केमिकल वाला इत्र मिलाया जाएगा।
काशी में उड़ता है हजारों क्विंटल गुलाल
काशी में बाबा विश्वनाथ की परंपरा से जुड़ा बाबा-माता गौरा के गौना के अवसर पर महंत आवास से निकले वाली पालकी पर हर साल हजारों क्विंटल गुलाल उड़ाया जाता है। इस बार मथुरा जेल के कैदियों द्वारा जो गुलाल के साथ अयोध्या के एक श्रद्धावान द्वारा बाबा के गौना के लिये हर्बल गुलाल भेजा जा रहा है। शिवांजलि के संयोजक अंकशास्त्री पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया मथुरा के अधीक्षक ने बातचीत के दौरान बताया कि कैदियों द्वारा गुलाल बनवाने के पीछे दोहरा उद्देश्य है। एक तो उनमें हो रहे सुधार के बाद उन्हें सामाजिक स्वीकृति मिले दूसरे उन्हें आत्मनिर्भर बनने के योग्य बनाया जाए। ताकि जेल से रिहा होने पर वह समाज के बीच रहकर अच्छा व्यवहार कर सकें। शिवांजलि के सह संयोजक संजीवरत्न मिश्र मथुरा के साथ इस बार अयोध्या के से कर्मकांडी ब्राह्मण आचार्य अनिल तिवारी ने शिव-पार्वती के गौना के लिए विशेष अबीर भेजने की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की खुशी में यह पहल की गई है। अब प्रतिवर्ष बाबा विश्वनाथ के लिए उनके अनन्य प्रिय श्रीराम की नगरी से अबीर-गुलाल भेजा जाएगा।
वहीं विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ के अध्यक्ष रमेश तिवारी ने बताया बाबा के पालकीयात्रा वाले रास्ते में व्यवसायी संघ द्वारा सवाकुतंल हर्बल गुलाल रंगभरी एकादशी पर महंत आवास से विश्वनाथ मंदिर के बीच जुटने वाले भक्तों के बीच वितरित किया जाएगा। बाबा की पालकी पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की जाएगी।