भाजपा से नाराज कायस्थों को साधने में जुटी सपा

भाजपा से नाराज कायस्थों को साधने में जुटी सपा

वाराणसी(रणभेरी)। आगामी लोकसभा चुनाव में सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में बीजेपी को शिकस्त देने के लिए एक जबरदस्त दांव खेला है। आशुतोष भाजपा से नाराज कायस्थों के वोटों में सेंधमारी की तैयारी में जुट गए हैं। बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी में उच्चासीन पदों पर एक भी कायस्थ राजनेता का न होना ही कायस्थों की नाराजगी का कारण बन गई है। जिसका राजनैतिक लाभ उठाते हुए आशुतोष सिन्हा ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में एक पोस्टर लगवाया है। जिसमें लिखा हुआ है कि 'जो कायस्थ हित की बात करेगा वही देश पर राज करेगा’। इस पोस्टर के माध्यम से सपा एमएलसी ने कायस्थों से सपा में जुड़ने की अपील भी की है। एमएलसी ने एक टोल फ्री नम्बर पर मिस कॉल देने को कहा है। जिससे सपा में कायस्थों की संख्या को बल मिल सके। हालांकि इस पोस्टर के वायरल होने के बाद से वाराणसी में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है और कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर बीजेपी इसको चुनाव के पूर्व गंभीरता से नही लेती है, तो वाराणसी लोकसभा सीट पर बड़ी जीत के अंतराल के मंसूबों पर पानी फिर सकता है। बहरहाल यह देखना होगा कि अब बीजेपी इसको लेकर कौन सा पासा खेलती है, जिससे कायस्थ समाज का एक बड़ा बोट बैंक सपा के साधने का प्रयास विफल हो सकेगा।

कायस्थों से साथ आने की अपील

भाजपा के संगठन और टिकटों में लगातार प्रतिनिधित्व न मिलने से कायस्थ समाज मे नाराजगी है। इस आक्रोश को भांपते हुए और शहर के 2 लाख कायस्थ मतों को साधने के लिए कायस्थ नेता और एलएलसी आशुतोष सिन्हा ने लगाए बैनर और जारी किया कायस्थों को पार्टी जॉइन कराने के लिए मिस्ड कॉल नम्बर। पिछले साल बने भाजपा के नए प्रदेश संगठन की मेन बॉडी में एक भी कायस्थ न होना, फिर लगातार एमएलसी और राज्यसभा की सूचियों में कायस्थों का न होना भाजपा से कायस्थों के आक्रोश की मुख्य वजह बताई जा रही है। इस बार हुए राज्य सभा चुनाव में सपा के कायस्थ प्रत्याशी आलोक रंजन को जोड़तोड़ से भाजपा द्वारा हराये जाने पर ये आक्रोश और बढ़ा। कायस्थों का कहना है कि न भाजपा खुद कायस्थों को टिकट देती है और कोई और दल कायस्थ को टिकट दे तो उसे जोड़तोड़ कर हराती है। गौर करने वाली बात यह है कि इस बार वाराणसी संसदीय क्षेत्र में बीटर टर्न आउट कम होने की स्थिति में ये कायस्थों के 2 लाख मत भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।