वाराणसी : जनसभा में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बनारसी मिठाइयों और मलइयो का किया जिक्र
वाराणसी (रणभेरी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद 10 दिन के अंदर दूसरी बार वाराणसी पहुंचे हैं। यहां से करीब 12 किमी दूर करखियांव स्थित सभास्थल पर सड़क मार्ग से पहुंचे, और 870.16 करोड़ से अधिक लागत वाली 22 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। साथ ही, 1225.51 करोड़ की पांच परियोजनाओं की आधारशिला रखा। सबसे बड़ा प्रोजेक्ट 475 करोड़ से करखियांव में बनास डेयरी संकुल है।
पीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए बनारसी मिठाई मलइयो और लौगंलता का जिक्र किया। बनारसी मिठाइयों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब तो मलइयो का मौसम भी आ गया है। जैसे ही मलइयो का जिक्र किया तो सभा में मौजूद हजारों की भीड़ ने तालियां बजाईं। साथ ही पीएम ने अमूल बनास डेयरी प्लांट के फायदों पर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बनास डेयरी प्लांट जब तैयार हो जाएगा तो पूरा बनारस और उसके आसपास के जिलों के लाखों पशुपालकों को फायदा होगा। यहां आइसक्रीम और मिठाइयां भी बनेंगी।यानि, बनारस की लस्सी और छेने की एक से बढ़कर एक मिठाइयां और लौंगलता इन सबका स्वाद और बढ़ जाएगा। वैसे अब तो मलइयो का मौसम भी आ ही गया है। पीएम मोदी ने जब मलइयों का जिक्र किया उसके बाद कई लोगों ने इस मिठाई के बारे में गूगल सर्च किया।
ठंड के दिनों में मलइयो का जायका लिया जा सकता है। क्योंकि, ये खास मलइयो ओस की बूंदों से बनता है। जैसे जैसे ठंड बढ़ती है, इसकी खासियत भी बढ़ने लगती है। बनारस में पक्के महाल से लेकर चौक, मैदागिन, गोदौलिया, दशाश्वमेध, गिरजाघर चौराहे तक मलइयो की कई दुकाने आपको मिल जाएंगी। मलइयो का दुर्लभ स्वाद बनारस के अलावा दुनिया में कही नहीं मिलेगा। केसरिया दूध की झाग में हल्की मिठास और मनमोहक सुगंध सुबह ए बनारस में चारचांद लगाती है। मुंह में जाते ही इसका स्वाद बनारसीपन घोल देता है। बनारसी मलइयो भरी सर्दी के तीन महीने में बनाई जाती है।