10 साल से बंद पड़ी यज्ञशालाओं में प्रज्वलित हुई अग्नि

10 साल से बंद पड़ी यज्ञशालाओं में प्रज्वलित हुई अग्नि

वाराणसी(रणभेरी)। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 10 साल से बंद पड़ी यज्ञशालाओं में मंगलवार को अग्नि जलाई गई है। इसी के साथ  संस्कृत विश्वविद्यालय में विश्व कल्याण के लिए महायज्ञ की शुरुआत हो रही है। वेद विभाग रोज छात्रों और प्रोफेसरों के द्वारा यज्ञ और हवन कराएगा। विश्वविद्यालय में 234 के इतिहास में पहली बार विश्वविद्यालय में हर दिन यज्ञ और हवन का काम शुरू किया गया है। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि शास्त्रीय रीति से यज्ञ कराया जा रहा। वनस्पतियों की पवित्र औषधियों से की हवन-सामग्री तैयार की गई है। इनकी आहुति से पर्यावरण से गंदगी दूर होगी। इस यज्ञ के नाम “चतुर्वेद स्वाहाकार विश्वकल्याण महायज्ञ” से क्लियर है कि चारों वेदों का पाठ होगा। विश्व कल्याण के लिए यहां पर महायज्ञ किया जा रहा है। वाराणसी के आर्किटेक्ट आरसी जैन और व्यवसायी आर के चौधरी इस हवन के लिए नियमित तौर पर हवन सामग्री मुहैया कराएंगे। शास्त्रीय रीति-नीति से यज्ञ कराने और बाकी व्यवस्था के लिए विश्वविद्यालय के वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. महेंद्र पांडेय और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार शर्मा को जिम्मेदारी दी गई है। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि प्राचीन कला से ही सनातन परंपरा में सुख-सौभाग्य और पर्यावरण की शुद्धि के लिए यज्ञ और हवन करने का प्रचलन रहा है। कई तरह के रोगाें, कीटाणुओं और वायरस के संक्रमण से बचा जा सकेगा। ऐसा करने वालों को पॉजिटिव एनर्जी आती है। शरीर स्वस्थ और विचार शुद्ध होते हैं।