महाकुंभ की महाशिवरात्रि पर टूटा सारा रिकॉर्ड

वाराणसी (रणभेरी सं.)। महाकुंभ की महाशिवरात्रि ने अब तक का सारा रिकार्ड तोड़ दिया। न भूतों, न भविष्य। पुराधिपति आदिदेव अड़भंगीनाथ भगवान विश्वनाथ के विवाहोत्सव पर बुधवार को काशी का कोना-कोना हर महादेव व बम-बम के जयकारों से गूंज उठा। चारों ओर से महाकुंभ से स्नान के बाद श्रद्धालुओं का सैलाब काशी पहुंच रहा था। जगह-जगह से शिव बरातें निकलीं, महंत निवास में मंगल गीतों के बीच विवाह की विभिन्न रस्मों के साथ बाबा विश्वनाथ व मां गौरा के विवाह के लोकाचार हुए। पुलकित काशी का कण-कण 'हर-हर महादेव' का उद्घोष कर रहा था। ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में बाबा के दर्शन-पूजन का जो क्रम आरंभ हुआ तो देर रात तक जारी रहा। शाम के सात बजे तक बाबा दरबार में करीब सात लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। रात 10 बजे तक यह संख्या 11 लाख के पार हो गई। बाबा अपने भक्तों को लगातार 47 घंटे तक जागरण करते हुए दर्शन देंगे।
रात से कतारों में लगे भक्त
बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए भक्त अटूट कतारों में लग गए थे। रात 2:15 बजे मंगला आरती के बाद भोर में 3:30 बजे मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। फिर तो बाबा की झांकी दर्शन के लिए अटूट कतार लगातार आगे बढ़ती रही। सुबह साढ़े छह बजे गेट नंबर-4 से नागा, साधु-संतों को प्रवेश दिया गया। इसके पहले मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, सीईओ विश्वभूषण मिश्रा, एसडीएम शंभू शरण समेत कई अधिकारियों ने संतों की पेशवाई का स्वागत किया। इसके अलावा द्वारों से श्रद्धालुओं को बाबा दरबार में गर्भगृह तक ले जाया जा रहा था। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे भक्तों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
मारकंडेश्वर महादेव समेत सभी शिव मंदिरों में भीड़
कैथी स्थित माकंर्डेय महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। भोर से ही भक्तों ने गंगा गोमती संगम में डुबकी लगाने के बाद हाथ मे गंगा जल, बेल पत्र, धतूरा, माला फूल लेकर हर-हर महादेव का उद्घोष करते भक्तों ने महादेव का जलाभिषेक किया जो देर शाम तक चलता रहा। देर शाम तक पांच लाख से अधिक भक्तों ने जलाभिषेक किया। नरहरपुरा स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों ने पार्थिव शिवङ्क्षलग बनाकर पूजन-अर्चन किया। दारानगर क्षेत्र मृत्युंजय महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की कतार रही। रोहनिया क्षेत्र के माधोपुर स्थित गंगा किनारे शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन पूजन के लिए सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
पंचक्रोशी यात्रा के बाद जलाभिषेक
इससे पहले मां गंगा की पावन धारा में स्नान के लिए काशी के सभी 88 घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं की जुटान हो गई थी। सबने हर-हर गंगे का उद्घोष कर गंगा में पवित्र डुबकी लगाई और फिर बाबा के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। घाटों पर सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गई थी। पंचक्रोशी यात्रा पर निकले करीब तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पांवों के छालों की परवाह किए बिना 80 किलोमीटर के यात्रा मार्ग में विभिन्न मंदिरों में दर्शन-पूजन किया।
गंगा में मुस्तैद रही जल पुलिस व एनडीआरएफ
महाशिवरात्रि पर भक्त गंगा स्नान करने के बाद जल लेकर बाबा का अभिषेक करने पहुंचे। वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पंचक्रोशी यात्रा भी की। उनकी सुरक्षा के लिए गंगा में जल पुलिस के साथ एनडीआरएफ व पीएसी मुस्तैद रही। प्रमुख घाटों पर बैरिकेडिंग की गई थी। जल पुलिस प्रभारी आरएस गौतम के अनुसार श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मणिकर्णिका घाट, ङ्क्षसधिया घाट के साथ राजघाट, मान मंदिर, दशाश्वमेध, प्रयाग, शीतला, असि घाट, केदार, शिवाला आदि प्रमुख घाटों पर जवानों की तैनाती की गई थी।
प्रमुख घाटों पर नगर निगम की ओर से बैरिकेडिंग भी कराई गई थी। सात घाटों पर फ्लोटिंग जेटी लगाई गई है जिन पर मौजूद चेंजिंग रूम की वजह से स्नानार्थियों को काफी सहूलियत मिली। गंगा स्नान करने वालों को गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए जगह-जगह संकेतक लगाए गए थे। एनडीआरएफ की टीमें प्रमुख घाटों पर तैनात रहने के साथ ही लगातार गश्त करती रहीं