सीपीएफ में सामने आया घोटाला
वाराणसी रणभेरी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ) में एक घोटाला सामने आया है। यह मामला नगरीय विद्युत वितरण खंड-पंचम (इमिलिया घाट) और विद्युत परीक्षण खंड (चितईपुर) का है। यहां 40 कर्मचारियों के छठे वेतन आयोग और मंहगाई भत्ते में हुई बढ़ोतरी के लगभग 14 लाख रुपये सीपीएफ में जमा करने की बजाय हजम कर गए। इसका खुलासा कर्मचारियों को मिले सीपीएफ क्रेडिट शिड्यूल के एरियर के कॉलम में ह्यनिलह्ण लिखा मिलने के बाद हुआ है। इतनी बड़ी रकम खातों में न जाने से कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। इस गड़बड़ी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के परिक्षेत्रीय लेखा कार्यालय (वितरण) के अधिकारी संदेह के घेरे में हैं। लेखा कार्यालय से बिना धनराशि का मिलान किए सूची फाइनल कर दी गई। सभी पीड़ित कर्मचारी टीजी-2 के पद पर तैनात हैं। प्रकरण सामने आने के बाद अब जिम्मेदार अफसर लीपापोती में लगे हैं। नगरीय विद्युत वितरण खंड-पंचम में 10 व विद्युत परीक्षण खंड चितईपुर में 30 कर्मचारी टीजी-2 पद पर तैनात हैं। वर्ष 2013 से 2015 तक की अवधि में छठे वेतन आयोग एवं समय-समय पर महगाई भत्ते में की गई बढोतरी के 14 लाख रुपये उक्त कर्मचारियों के सीपीएफ खातों में जमा नहीं किए गए। सूत्रों के पंचम डिवीजन में तैनात 10 कर्मचारियों के दिसंबर 2014 के वेतन से लगभग 45 हजार रुपये सीपीएफ की कटौती हुई थी। तब यह राशि कर्मचारियों के खातो में जमा नहीं की गई थी। दबाव बनाने पर अफसरों ने वर्ष 2018-19 में धनरिाश खाते में भेजी। दस साल बाद राशि जमा होने पर कर्मचारियों को ब्याज के हजारों रुपये का नुकसान सहना पड़ा।
विद्युत मजदूर पंचायत ने जताया विरोध
इस मामले में विद्युत मजदूर पंचायत के पदाधिकारियों ने विरोध दर्ज कराया है। पंचायत के प्रांतीय उपाध्यक्ष आरके वाही और सचिव अंकुर पांडेय ने घोटाले की जानकारी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक (वित्त), मुख्य अभियंता (वितरण), अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल, विद्युत परीक्षण खंड चितईपुर के अधिशासी अभियंता और उपमुख्य लेखाधिकारी को दी है।