दालमंडी की 10 हजार दुकानों पर गरजेगा योगी का बुलडोजर 

दालमंडी की 10 हजार दुकानों पर गरजेगा योगी का बुलडोजर 
  •  दुकानें टूटने की खबर से दुकानदारों में हाहाकार, बोले - दुकानें नहीं मिली तो बर्बाद हो जाएंगे 
  • 8 फीट की सड़क को 23 फीट तक चौड़ा करने की योजना , 900 मीटर की सड़क पर अब तक 10 हजार दुकानों का हो चुका है सर्वे

 वाराणसी (रणभेरी सं.)। वाराणसी के एक मुस्लिम मोहल्ले में 10 हजार से ज्यादा दुकानें टूटने वाली हैं। जिन दुकानों को तोड़ा जाना है वो थोक बाजार दालमंडी की हैं। योगी सरकार के इस फैसले के पीछे बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर के लिये आने वाले भक्तों को होने वाली  दिक्कत है। कॉरिडोर के पास ही एक इलाका है जहां सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करके दुकानें बनाई गई हैं। दालमंडी से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का प्रमुख प्रवेश द्वार है। इस इलाके की संकरी गलियों के कारण विकास कार्यों में सरकारी अमले को दिक्कत आ रही। इसके लिए 8 फीट की सड़क को 23 फीट तक चौड़ा करने की तैयारी है। 900 मीटर की सड़क पर अब तक 10 हजार दुकानों का सर्वे हो चुका है। मगर कई पुश्तों से यहां कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए यह जिंदगी का सबसे बड़ा दर्द साबित होने जा रहा है। 

10 हजार दुकानों पर चलेगा बुलडोजर

इस अभियान के तहत जद में लगभग 10 हजार दुकानें आएंगी। अधिकतर दुकानें अतिक्रमण करके बनाई गई हैं। नापी की प्रक्रिया के बाद नगर निगम संबंधित मकान, दुकान मालिकों को नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस की समय सीमा समाप्त होने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की जाएगी। लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा दालमंडी मार्केट चौक और नई सड़क को जोड़ता है। यहां हमेशा भीड़ रहती है। नगर निगम की टीम ने नापी इस संकरे मार्ग को लगभग 23 फीट चौड़ा करने की योजना बनाई है।

 पूर्वांचल का सिंगापुर कहा जाता है ये बाजार

ये बाजार दालमंडी में है। इस बाजार को पूर्वांचल का सिंगापुर भी कहा जाता है। यहां के लिए कुछ ऐसा ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है कि 150 मीटर दूर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तक लोग आसानी से आ जा सकते हैं। इससे ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा। इसके लिए आठ फीट की सड़क को 23 फीट तक चौड़ा करने की योजना है। 900 मीटर की सड़क पर अब तक 10 हजार दुकानों का सर्वे हो चुका है।

 यहां कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए ये बड़ा दर्द है। मुस्लिम बाहुल्य दालमंडी इलाके के विकास कार्य से संबंधित प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में है। बीते 6 दिसंबर को वाराणसी आए सीएम ने दालमंडी क्षेत्र के विकास के लिए तैयार प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी।

बाबा विश्वनाथ तक पहुंचने के 2 रास्तों को लिंक करती है दालमंडी

इस वक्त बाबा विश्वनाथ धाम जाने के लिए शहर के दो प्रमुख रास्ते हैं। पहला- बेनिया-गोदौलिया। दूसरा- मैदागिन-चौक। दालमंडी इन प्रमुख मार्गों के बीच की लिंक रोड है। इस वक्त बेनिया के रास्ते आने वाले श्रद्धालु बेनियाबाग में वाहन पार्क करते हैं। फिर पैदल 2.5 किलोमीटर का चक्कर लगाकर विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर एक तक पहुंचते हैं। दालमंडी रोड चौड़ी होने के बाद यह दूरी 1 किलोमीटर रह जाएगी।

दुकानदारों का दर्द

दुकानदारों का कहना है कि छोटे दुकानदार पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे। क्योंकि उन्हें कहीं और भी जगह नहीं दी जाएगी। वह दोबारा इस सड़क पर व्यापार नहीं कर पाएंगे। सरकार को चाहिए कि एक-दो फीट अतिक्रमण हटा दे लेकिन 23 फीट तक सड़क के लिये तोड़फोड़ होगी तो हम बर्बाद हो जाएंगे। यहां  चौड़ीकरण हुआ तो होलसेल का मार्केट खत्म हो जाएगा। यहां पर भी सिर्फ खाने-पीने की दुकानें ही चलेंगी, व्यापार नहीं होगा। बताया कि दालमंडी के कारोबारी खफा हैं। वह चाहते हैं कि विकास होता रहे, मगर कारोबार भी बचा रह जाए। अगर अंडरग्राउंड मार्केट बनाकर दुकानें दे दी जातीं तो भी सही रहता।

पूर्वांचल में इस लिए प्रसिद्ध है दालमंडी 

मोबाइल

दालमंडी थोक कारोबार का बड़ा बाजार है। यहां 10 हजार थोक और फुटकर कारोबारी बैठते हैं। पूरे पूर्वांचल में कपड़ा, आढ़त, बर्तन, मोबाइल और इलेक्ट्रानिक मटेरियल की सप्लाई होती है।

चौक के रास्ते बाजार में अंदर आते ही करीब 300 मीटर तक सिर्फ मोबाइल फोन, एसेसरीज और रिपेयरिंग की दुकानें हैं। कैसा भी मोबाइल चाहिए, यहां आपको मिला जाएगा। फोन की गड़बड़ी मिनटों में सही की जाती है। मोबाइल एसेसरीज की तलाश में लोग यहां की गलियों में घूमते रहते हैं।

कपड़ा 

नई सड़क के रास्ते आप जब दालमंडी इलाके में प्रवेश करेंगे तो कपड़े की दुकानें मिलेंगी। बदलते समय के साथ यहां भी कपड़ों का फैशन बदलता रहता है। किसी भी ब्रांड का आपको डी (डुप्लीकेट) मटेरियल यहां आसानी से मिल जाएगा। होली के समय रंग, दिवाली पर पटाखे तो ईद पर कपड़े, टोपी, बुरका, ड्राई फ्रूट्स और जूते यहीं पर मिलते हैं। मकर संक्रांति पर पतंग तक यहीं से सप्लाई होती हैं

इलेक्ट्रॉनिक 

यहां करीब 500 से ज्यादा दुकानें इलेक्ट्रानिक की है। खिलौने, सजावटी आइटम से लेकर बिजली के मटेरियल यहां मिलते हें। ब्रांडेड कंपनियों के डुप्लीकेट इलेक्ट्रानिक गैजेट यहां मिल जाते हैं।