कतर दिए गए डिप्टी सीएम केशव के पंख!

कतर दिए गए डिप्टी सीएम केशव के पंख!
  • योगी सरकार 2.0 में विभागों का बंटवारे 
  • मंत्रिमंडल बंटवारे के बाद केशव और नंदी ने साधी चुप्पी

(रणभेरी): विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब योगी सरकार 2.0 में विभागों के बंटवारे को लेकर एक बार फिर राजनीति तेज हो गई। सोमवार शाम को योगी सरकार 2.0 के मंत्रियो के विभागों का बंटवारा हो गया है। योगी कैबिनेट में पहली बार मंत्री बने नए चेहरों के साथ निष्ठावान मंत्रियों को सबसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्रिपरिषद के बीच काम का बंटवारा करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग समेत 34 विभाग अपने पास रखे हैं। जिसमें गृह, सतर्कता, आवास एवं शहरी नियोजन, नागरिक सुरक्षा, राज्य संपत्ति, प्रशासनिक सुधार, खाद्य एवं रसद प्रमुख हैं।

वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से लोक निर्माण विभाग लेकर ग्राम विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को स्वास्थ्य विभाग सौंपा गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी और कैबिनेट मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को नगर विकास विभाग दिया गया है। स्वतंत्र देव सिंह को सिंचाई विभाग दिया गया है। नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' से उड्‌डयन की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है। अब उनको औद्योगिक विकास और निर्यात प्रोत्साहन विभाग दिया गया है। भूपेंद्र चौधरी के प्रभार में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उनके पास पंचायती राज बरकरार है।

योगी सरकार पार्ट वन में जितने दमदार विभाग केशव को मिले थे उसकी अपेक्षा पार्ट टू में मिले मंत्रालय पहले की अपेक्षा कम महत्व वाले माने जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस भी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि सिराथू से विधानसभा चुनाव हारने का खामियाजा केशव को भुगतना पड़ा है। विभाग के बंटवारे में उनकी नहीं चली। विधानसभा चुनाव 2017 में मिले ऐतिहासिक जनादेश का श्रेय एक प्रकार से केशव प्रसाद मौर्य को दिया गया था। तब केशव भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे और उनके नेतृत्व में पार्टी ने इतना बड़ा आंकड़ा छुआ था। 2022 का विधानसभा चुनाव योगी के चेहरे पर लड़ा गया और उनकी सख्त छवि और कानून व्यवस्था की बेहतर स्थित और माफिया और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को प्रचारित किया गया। इसका फायदा भी मिला और भाजपा ने योगी के चेहरे पर दोबारा सत्ता में वापसी की। केशव प्रसाद मौर्य सिराथू से करीब सात हजार मतों से चुनाव हार गए। सपा की पल्लवी पटेल ने उन्हें कड़े मुकाबले में शिकस्त दी। यह केशव के लिए किसी जोरदार झटके से कम नहीं था। चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा सैनी, शाक्य, कुशवाहा बिरादरी के नेताओं के भाजपा में छोड़कर जाने के चलते केशव प्रसाद की अहमियत पार्टी में बढ़ गई और उन्हें पूरी मेहनत के साथ चुनाव प्रचार किया और भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया। चुनाव हारने के बाद भी केशव को उप मुख्यमंत्री पद देकर उनका कद तो बरकरार रखा गया लेकिन विभागों के बंटवारे में उनके पंख कतर दिए गए ऐसा भाजपा के नेता दबी जुबान बोल रहे हैं।

पिछले कार्यकाल में उनके पास पीडब्लूडी जैसा अहम मंत्रालय था। जिसके चलते उन्होंने प्रयागराज, कौशांबी सहित पूरे प्रदेश में सड़क, पुल और ओवरब्रिज का निर्माण कराया। कई जगह गंगा पर पुल को भी स्वीकृति प्रदान की। अब यह मंत्रालय छिन जाने के कारण प्रस्तावित योजनाओं की गति या तो धीमी हो सकती है और ठंडे बस्ते में भी जा सकती हैं। प्रयागराज शहर में ही कई योजनाएं अभी लंबित हैं। आमतौर पर सोशल मीडिया पर छोटे-बड़े मौके पर प्रतिक्रिया देने वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने  योगी सरकार 2.0 में खुद को मिले विभाग को लेकर टिवटर, इंस्टाग्राम, कू आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया सोमवार रात 11 बजे तक नहीं दी।