रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण क्यों किया? पुतिन ने बताई ये वजह

रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण क्यों किया? पुतिन ने बताई ये वजह

(रणभेरी): रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से तनाव चल रहा था। जो अब गुरुवार को युद्ध में बदल गया। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने आखिरकार रूसी सेना को यूक्रेन के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन की हरी झंडी दे दी। पुनित के इस फैसले से पूरी दुनिया में हलचल मच गई। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि इसका मकसद नागरिकों की रक्षा करना है। पुतिन ने टीवी पर अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन की तरफ से जो खतरा पैदा किया जा रहा है उसके जवाब में यह कार्रवाई की जा रही है।

पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन की सेना हथियार डाल दे। यूक्रेन के अलग-अलग शहरों से लगातार धमाके की खबरें आ रही हैं।  पुतिन ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई का आदेश देते हुए कहा कि रूस का कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है। लेकिन अगर कोई बाहरी खतरा होता है तो उसका फौरन जवाब दिया जाएगा। 

पुतिन के आदेश के बाद यूक्रेन पर रूस का मिलिट्री एक्शन जारी है। यूक्रेन पर रूस की तरफ से हवाई हमले भी किए जा रहे हैं। रूस के हमले के बाद बेलारूस की ओर से भी हलचल हुई है। इसी दौरान खेरसन एयरपोर्ट पर भी हमला हुआ। जहां पर आग की ऊंची-ऊंची लपटें देखने को मिलीं। अब रूस की सेना ने बताया है कि उन्होंने यूक्रेन के सैन्य और हवाई अड्डों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया है। दूसरी ओर यूक्रेन ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा है कि वो हार मानने वाला नहीं है। 

जानें क्यों किया? रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण 

पुतिन ने कहा, 'पूर्वी यूक्रेन में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी था। उन्होंने ये भी कहा काफी समय से अमेरिका (US) की ओर से झूठी भविष्यवाणियां की जा रहीं थी कि हम हमला करने के बहाने बनाएंगे। यूक्रेन और रूसी सेनाओं के बीच संघर्ष अपरिहार्य, जरूरी और समय की मांग था.' 

पुतिन ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकने और मास्को सुरक्षा गारंटी की पेशकश की अनदेखी का आरोप भी लगाया। उन्होनें ये भी कहा, 'हम यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन शुरू कर रहे हैं, जिसका मकसद डिमिलिटराइजेशन है। हमारा मकसद पूरे यूक्रेन को हथियाना नहीं है। यूक्रेन के लोग खुद तय करेंगे कि देश कौन चलाएगा.'

पुतिन ने बेहद सख्त और सीधे शब्दों में युद्ध का पैगाम भेजा। अपने संदेश में पुतिन ने कहा है, 'ये हमारा मामला है इसमें बाहरी कोई देश दखल देने की हिमाकत ना करे, अगर किसी ने दखल देने की जुर्रत की को नतीजा भुगतने को तैयार रहे, दखल देने वालों को ऐसे नतीजे भुगतने जो पहले कभी ना देखे-ना सुने गए.' साथ ही उन्होंने कहा, 'सारे फैसले हो चुके..अब कदम वापसी का रास्ता बंद हो गया। दुनिया सुन रही है..सब समझ रही है।  यूक्रेन ने रेडलाइन पार कर लिया है, अब सेना हथियार डाले, वापस जाए.' पुतिन आमादा हैं। यूक्रेन पर पश्चिमी देशों की पकड़ उन्हें कतई मंजूर नहीं। यूक्रेन की नाटो से दोस्ती उन्हें नागवार लगा है।