काशी में बढ़ते अवैध स्पा और हुक्काबार का जिम्मेदार कौन?

काशी में बढ़ते अवैध स्पा और हुक्काबार का जिम्मेदार कौन?

कुछ दिनों तक जबरदस्त चेकिंग, फिर क्यों ठंडे बस्ते में चली जाती है पुलिसिया कार्रवाई !

गैंगरेप मामले में आईपीएस चंद्रकांत मीणा डीजीपी आफिस से अटैच, कई जिम्मेदार पुलिस अफसरों पर गिर सकती है गाज

वाराणसी (रणभेरी सं.)। काशी, जिसे मोक्ष, धर्म और संस्कृति की राजधानी माना जाता है, आज आधुनिक नशे और अनैतिक गतिविधियों का अड्डा बनती जा रही है। एक ओर यह नगरी भगवान भोलेनाथ की तपोभूमि है, जहां आध्यात्मिकता की गूंज सदियों से रही है, वहीं दूसरी ओर आज यह शहर हुक्का बार, स्पा सेंटर और मसाज पार्लर के नाम पर फैले अंधेरे में डूबता जा रहा है। शहर के महमूरगंज, मलदहिया, लंका, रथयात्रा, शिवपुर, सारनाथ और चित्तईपुर जैसे प्रमुख इलाकों में ऊँची-ऊँची इमारतों के अंदर संचालित हो रहे हुक्का बार अब किसी से छुपे नहीं हैं। महमूरगंज में एक बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर खुलेआम नहीं, लेकिन छिपाकर परोसे जा रहे हुक्के और नशीले पदार्थों का नजारा बनारस की संस्कृति पर सवाल खड़े करता है। पुलिस द्वारा समय-समय पर की जाने वाली कार्रवाई केवल दिखावा बनकर रह गई है। छापेमारी होती है, जुमार्ने लगाए जाते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में यह अवैध कारोबार फिर से चालू हो जाता है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इन गतिविधियों को कहीं न कहीं पुलिस संरक्षण प्राप्त है। जब ऊपरी दबाव आता है, तो कार्रवाई होती है, अन्यथा सब कुछ वैसे ही चलता रहता है। और केवल हुक्का बार ही नहीं, स्पा सेंटर और मसाज पार्लर की भी भरमार हो चुकी है। शहर के लगभग हर चौराहे पर इनका देखा जाना आम बात हो गई है। दुर्भाग्यवश, इन जगहों पर केवल सौंदर्य और स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दी जा रही हैं, बल्कि देह व्यापार और नशे का गोरखधंधा भी चल रहा है। 
 बीते दिनों एक छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की शर्मनाक घटना ने इस सच्चाई को उजागर किया, जब जांच में यह सामने आया कि आरोपी युवक एक ड्रग्स और सेक्स रैकेट से जुड़े हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को इस घटना पर नाराजगी जाहिर करनी पड़ी। उन्होंने जिले के आला अधिकारियों और पुलिस प्रशासन को फटकार लगाई और स्पष्ट निर्देश दिए कि इस तरह की अनैतिक गतिविधियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। इसके बाद आम बनारसी नागरिकों ने भी आवाज उठाई और शहर से ऐसे स्पा सेंटर, मसाज पार्लर और हुक्का बार को बंद करने की मांग की। काशी, जिसे दुनिया भर के श्रद्धालु धर्म और मोक्ष की खोज में आते हैं, अब पर्यटन और इवेंट आधारित शहर के रूप में विकसित हो गया है। लेकिन इस विकास के साथ-साथ बड़े महानगरों की भोगवादी संस्कृति और सामाजिक बुराइयां भी यहां आ पहुंची हैं। इस पूरे परिदृश्य में सवाल उठता है—इन सबका जिम्मेदार कौन है? पुलिस प्रशासन, जो आंखें मूंदे बैठा है? स्थानीय प्रशासन, जो केवल ऊपरी कार्रवाई करके इतिश्री कर लेता है? या फिर समाज, जो चुपचाप सब कुछ सह रहा है?

 उत्तर साफ है—अगर काशी की आत्मा को बचाना है, तो अब केवल बयानबाजी नहीं, बल्कि ठोस, सख्त और लगातार कार्रवाई की जरूरत है। प्रशासन को चाहिए कि वह इन अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाए, दोषियों को गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलवाए और धार्मिक नगरी की गरिमा को बहाल करे। काशी सिर्फ एक शहर नहीं, भारत की आत्मा है। 

छात्रा की आज मेडिकल हिस्ट्री बीएचयू ट्रामा भेजी जाएगी

पीड़ित छात्रा हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव है। उसकी बीमारी गंभीर स्टेज पर है। डॉक्टरों का कहना है- लंबे समय तक नशे के चलते उसको जॉन्डिस यानी पीलिया हुआ है। रिपोर्ट में छात्रा के ब्लड काउंट भी कम आए हैं। छात्रा को दीनदयाल के महिला अस्पताल में 11 अप्रैल को एडमिट कराया गया। उसकी कई जांचें जारी हैं। उसकी मेडिकल हिस्ट्री आज बीएचयू ट्रामा सेंटर और आईएमएस-बीएचयू को भेजी जाएगी। 

इसमें कई बड़े डॉक्टरों की ओपीनियन के बाद आगे का इलाज शुरू किया जाएगा। सावधानी के अलावा संक्रमण से बचाने के लिए अलग से इलाज चलेगा। डॉक्टरों की मानें तो जरूरत के अनुसार, कई बार जांच करवाई जा सकती है

आरोपियों का डीएनए सैंपल लिया गया

छात्रा के हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव होने से गैंगरेप के आरोपी भी डरे हुए हैं कि कहीं वे भी इस बीमारी की चपेट में न आ जाएं। जेल में सभी ने एक-दूसरे से संपर्क कम कर दिया है। एक बैरक में होकर भी कई आरोपी दूसरे से बचने का प्रयास कर रहे हैं। उधर, डॉक्टरों की मानें तो लक्षण दिखने पर आरोपियों के फिर सैंपल कराए जा सकते हैं। फिलहाल तो उनके डीएनए मैच कराने के लिए अलग से सैंपल भेजा गया है। अब तक 13 आरोपियों के ब्लड, सीमैन और बाल के सैंपल लिए गए थे।

सीरम जांच के लिए छात्रा का सैंपल लेकर भटकती रही महिला सिपाही

खजुरी इलाके की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जहां पुलिस एक ओर 11 अज्ञात आरोपियों की तलाश में तेजी से दबिशें दे रही है वहीं दूसरी ओर, जांच प्रक्रिया में लालपुर पांडेयपुर पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, पीड़िता की पैथोलॉजिकल जांच और मेडिकल प्रक्रिया नियमानुसार घटना के 72 घंटे के भीतर पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन पुलिस इसे भी समय से अंजाम नहीं दे सकी। शुक्रवार को छात्रा के सीरम और रक्त जांच के लिए महिला कांस्टेबल को सैंपल लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय भेजा गया। जहां, पैथोलॉजिस्ट न होने के चलते उसे राजकीय महिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। वहां भी समय अधिक बीत जाने के कारण जांच नहीं हो सकी। 

महिला कांस्टेबल सैंपल लिए घंटों चिकित्सालयों के चक्कर लगाती रही, लेकिन कहीं जांच नहीं हो पाई। जब काफी इंतजार के बाद वह दोबारा राजकीय महिला चिकित्सालय पहुंची तो प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर नीना वर्मा ने लिखित रूप से जांच कि स्वीकृती दी, जांच अगले दिन शनिवार को सुबह आकर कराने की बात कही। उन्होंने तत्काल फोन कर पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर संजीव वर्मा को इस प्रकरण में अगले दिन जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने की बात कही।

पीएम ने कमिश्नर से जताई थी नाराजगी

शुक्रवार सुबह पीएम मोदी अपने 50वें दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर उतरते ही पीएम ने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से छात्रा से गैंगरेप केस को लेकर सवाल-जवाब किए थे।   उन्होंने कमिश्नर से जताई थी। कहा था- सभी दोषियों पर सख्त एक्शन हो। साथ ही, ऐसी घटना दोबारा न होने पाए। कमिश्नर ने पीएम मोदी को केस की पूरी स्टेटस रिपोर्ट बताई थी।

ये था पूरा मामला,गैंगरेप का पूरा केस समझिए

19 साल की ग्रेजुएशन की छात्रा 29 मार्च को घर लौट रही थी, तभी रास्ते में उसका दोस्त राज विश्वकर्मा मिल गया। उसे घुमाने ले गया। राज उसको लेकर एक होटल में रुका। उसने होटल में छात्रा के साथ रेप किया। वीडियो बना लिया। 30 मार्च को छात्रा घर जाने लगी तो राज के जानने वाले समीर,आयुष सिंह समेत कुछ और लड़के होटल में पहुंच गए। उन्होंने छात्रा को जबरन होटल में रोक लिया। फिर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर सभी ने उसके साथ रेप किया। अगले दिन उन लड़कों ने अपने अन्य दोस्तों सोहेल, अनमोल, दानिश, साजिद और जाहिर को भी बुला लिया। इन लोगों ने छात्रा को नशीला पदार्थ सुंघा दिया, फिर गाड़ी में बैठाकर कांटिनेंटल कैफे ले गए। वहां बेहोशी की हालत में छात्रा से रेप किया। 3 अप्रैल की रात साजिद ने छात्रा को कार वाले के साथ बैठा दिया। कार में 5-6 लड़के पहले से मौजूद थे। उन लड़कों ने चलती कार में छात्रा के साथ रेप किया। फिर उसे सड़क पर फेंक कर भाग गए। घटना के बाद पुलिस को जब लड़की मिली, तब वह ड्रग्स के नशे में थी।