शातिर सट्टेबाज़ बन गया है कई परिवारों की तबाही का कारण
- सपा नेता के संरक्षण में फल-फूल रहें हैं सट्टेबाज़
- भैरवनाथ निवासी सटोरी ने बना लिया है एक बड़ा सिंडिकेट
वाराणसी (रणभेरी): सट्टे के धंधे का अवैध कारोबार इतना मजबूत बन चुका है कि सट्टेबाजों की दबंगई के आगे किसी की एक नहीं चलती। ऐसा हो नहीं सकता कि सट्टे के कारोबार की भनक स्थानीय प्रशासन से लेकर शासन सत्ता तक बैठे लोगों को न हो। बावजूद इसके सट्टे का अवैध कारोबार शासन-प्रशासन की चुप्पी की बदौलत अपने पाँव पसारता जा रहा है जिसकी जद में आने वाले लोगों का परिवार सट्टा माफियाओं का शिकार होकर बर्बाद होता जा रहा है। आश्चर्यजनक मामला तो यह है कि जिस शहर के सांसद देश के प्रधानमंत्री हैं। जिस शहर के चप्पे चप्पे पर शासन सत्ता के तमाम खुफिया तंत्रों की पल-पल नज़र रहती है। उस शहर वाराणसी में भी सट्टे का काला कारोबार न केवल चरम पर है बल्कि इसके शिकार होकर बर्बादी की कगार पर पहुचने वालों की तादात दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। वाराणसी के तमाम क्षेत्रों में आनलाइन सट्टा के अवैध कारोबारियों का बोलबाला है जिनकी हनक के आगे किसी की नहीं चलती है। अवैध कमाई के दम पर ऐसे सट्टेबाज़ न केवल स्थानीय प्रशासन की खातिरदारी करके अपने रिश्ते अच्छे रखते हैं बल्कि स्थानीय स्तर पर शासन प्रशासन के बीच पैठ रखने वाले सफेदपोशों का भी इन्हें संरक्षण प्राप्त होता है।
बहरहाल सूत्रों के हवाले से हाल ही में हुए विधानसभा के चुनाव में वाराणसी की दक्षिणी सीट पर लगभग 20 करोड़ के सट्टे का खेल खेलाने वाला वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र का एक शातिर सट्टेबाज़ इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार कालभैरव क्षेत्र के रहने वाले इस सट्टेबाज़ को समाजवादी पार्टी के एक नेता का संरक्षण प्राप्त है। जिसके दम पर यह सटोरी पिछले कई वर्षों से बड़े स्तर पर सट्टे का काला कारोबार संचालित करता आ रहा है। बताया जाता है मुम्बई के सट्टा माफियाओं के साथ मिलकर इस सटोरी ने एक भारी भरकम टीम बना रखी है जिनके दम पर शहर के तमाम हिस्से में यह कारोबार फल-फूल रहा है। इस खेल में शामिल इस सटोरी के गिरोह के लोग पहले तो नए लोगों को अपना शिकार बनाते है और फिर शिकार होने वाले लोग जब सट्टे की लत में डूबकर अपना सब कुछ गवांने के बाद कर्ज के बोझ से दब जा रहे है तो यही लोग उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित करके उनका मकान,दूकान,जमीन तक बिकवा देते है। और जिसके पास कुछ न हो उसे इस कदर प्रताड़ित करते है कि उसके पास घर परिवार छोड़कर भागने या फिर आत्महत्या के अलावा दूसरा कोइ रास्ता नहीं बचता।
सूत्र बताते है कि कालभैरव क्षेत्र के निवासी इस मास्टर माइंड सटोरी के सट्टे के खेल में फंसकर दर्जनों लोगों ने अपनी जान और सम्मान बचाने के लिए अपना घर,मकान या फिर दूकान तक इसके हवाले कर दिया। कुछ घर छोड़कर भाग गए तो कुछ ने खामोशी के साथ आत्म ह्त्या कर लिया। लेकिन सट्टे के खेल का यह कुख्यात अपराधी अपनी काली कमाई के जरिये खुद को दिन पर दिन मजबूत करता चला गया। मोबाइल फोन के जरिये सट्टे का खेल शुरू करने वाले इस सटोरी ने बदलते दौर के साथ सट्टे के कारोबार का तरीका भी बदल दिया है। इसके लिए बाकायदा गूगल क्रोम के जरिये अलग-अलग कंपनी के एप डाउनलोड कराये जाते है। खेल में शामिल करने के लिए ग्राहकों से मोटी रकम लेने के बाद उनको आईडी और पासवर्ड मुहैया कराया जाता है। जिसके साथ ही लेन-देन के लिए रूपयों के बदले उनको आनलाइन टोकन दिए जाते है जिसके साथ जीत हार का यह खेल खेला जाता है।
फिलहाल सट्टे के खेल का यह मास्टर माइंड सटोरी बड़ी ही तेज़ी के साथ अपने काले कारोबार का साम्राज्य बढ़ाता जा रहा है। इसने एक बड़ा सिंडिकेट बना लिया है यदि वक्त रहते जिला प्रशासन ने इस सटोरी पर अपना शिकंजा कस लिया तो कई सफेदपोश संरक्षणदाताओं के बेनकाब होने के साथ-साथ सैकड़ो ज़िन्दगिया बर्बाद होने से बच जायेंगी।
भैरवनाथ निवासी शातिर सट्टेबाज़ की चलती हैं कई कम्पनियां
सूत्र बताते हैं की शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी शातिर सट्टेबाज़ ने अलग अलग नाम से कई कंपनिया बना रखी हैं जिनके जरिये लोगों को आन लाइन सट्टे के खेल में फसाया जाता है। गूगल क्रोम पर जाकर डायमंड एक्सचेंज, यूपी एक्सचेंज, ड्रैगन, अमर अकबर एंथोनी, ट्रिपल सेवन, क्रिकेट क्लब जैसे नामों से इन कंपनियों के एप देखे जा सकते है।
ज्वैलरी व्यवसायी से लिखवा लिया दूकान
भैरवनाथ निवासी इस शातिर सट्टेबाज़ की दबंगई का यह आलम है कि लाकडाऊन से पहले गायघाट मोहल्ले के एक सर्राफा व्यवसायी को इसने सट्टे के शिकंजे में फसाकर अपना शिकार बना लिया था और फिर पूरे तरीके से उस सर्राफा व्यवसायी से सब कुछ हासिल करने के बाद हारे हुए रकम की वसूली के नाम पर रेशम कटरा गोविन्दपुरा स्थित भुक्तभोगी सर्राफा व्यवसायी के जीविकोपार्जन का एक मात्र ज़रिया उसकी दूकान तक अपने नाम से लिखवा लिया।
...जब लगा था गोली मारने का आरोप !
लाकडाऊन के शुरूआती दौर में कोतवाली थाना अंतर्गत ब्रह्माघाट क्षेत्र में सट्टा विवाद में जब एक युवक को गोली मारी गयी थी तो उस समय गोली के शिकार युवक ने घायलावस्था में अस्पताल के बेड से अपने बयान में भैरवनाथ निवासी इसी युवक का नाम बताया था। उस वक्त भी पैसों के बल पर इस शातिर सटोरी ने सब कुछ मैनेज कर लिया था और इस मामले से बड़े सफाई के साथ अलग निकल गया। सूत्र बताते है कि उस समय में इस शातिर सट्टेबाज़ को बचाने में उसी सपा नेता ने अहम् भूमिका निभाई थी जिस सपा नेता के संरक्षण में शहर के सट्टेबाज़ सैकड़ो ज़िंदगिया बर्बाद कर रही है।
प्रताड़ित युवक ने कर लिया आत्महत्या
सट्टे के खेल में माहिर इस मास्टर माइंड सटोरी के अपराध जगत के लोगों से भी बड़े अच्छे रिश्ते हैं। जिनके दम पर सट्टा बाज़ार में हारने वाले ग्राहकों से डूबे रकम की वसूली कराई जाती है। सूत्र बताते है की ऐसे रकम का आधा हिस्सा वसूली करता का हो जाता है बाकी का हिस्सा सटोरी का होता है। सूत्रों की माने तो पिछले कई माह से ये सट्टेबाज़ कोतवाली थाना क्षेत्र के ही एक हारे हुए युवक को रूपयों के लिए प्रताड़ित कर रहा था जिससे हारकर उपरोक्त युवक ने विधानसभा चुनाव के दौरान ही आत्महत्या भी कर लिया।