सद्दाम की अवैध इमारत के खिलाफ हरकत में आया वीडीए
सील के बावजूद दबंग ठेकेदार ने खड़ी कर दी 4 मंजिला इमारत
पिछले 1 वर्ष से रणभेरी ने लगातार प्रकाशित की हैं खबरें
आखिर क्यों मेहरबान हो गए वीसी पुलकित गर्ग सद्दाम के इस अवैध इमारत पर ?
वाराणसी (रणभेरी/विशेष संवाददाता)। पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में वीडीए के कारनामों की चर्चा जगजाहिर है। वाराणसी विकास प्राधिकरण एक ऐसा विभाग है जहां भ्रष्टाचार की गंगा खुलेआम बहती है। वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिकारी प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास के नारा को धन्नासेठों का साथ, अपना विकास के रूप में खूब चरितार्थ किया है। वाराणसी विकास प्राधिकरण ने शहर में भ्रष्टाचार की एक नई इबारत लिख डाली है। यही वजह है कि शहर में अवैध निमार्णों की बाढ़ सी आ गई है। वीडीए के भ्रष्ट अधिकारियों की ही मेहरबानी है कि शहर में तमाम अवैध कॉलोनियां बस गई, सैकड़ो अवैध व्यवसायिक भवन निर्मित हो गए। शहर का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां अवैध निर्माण की गंगा न बहती हो। हम आपको बता दे कि यह सारा खेल वीडीए वीसी की सहमति से ही होता है।
मामला सुंदरपुर क्षेत्र के बृज इंक्लेव कॉलोनी का है जहां सद्दाम हुसैन नाम के व्यक्ति ने नियम कानून को ताक पर रखकर अवैध निर्माण कराया है। सूत्रों की माने तो जिस स्थान पर इस भवन का निर्माण कराया गया है उसका बहुतायत हिस्सा कब्रिस्तान का है। सूत्र यह भी बताते हैं कि अशफाक नगर निवासी सद्दाम हुसैन एवं अल्ताफ अंसारी बड़े शातिर किस्म के व्यक्ति है जिन्होंने पहले तो बिल्डर के जरिये अधिकारियों को मिलाकर उस जमीन के एक बिस्वा क्षेत्र के लिए भवन का नक्शा पास करा लिया फिर उसी नक्शे पर बिना मानचित्र स्वीकृत के तीन मंजिल की इमारत खड़ी कर दी। इतना ही नहीं, भवन पर वाकायदा वीडीए द्वारा मानवित्र स्वीकृत का बोर्ड लटकाकर सारे नियम-कानूनों को ताख पर रखते हुए लगभग 5 बिस्वा में अवैध रूप से 4 मंजिला व्यवसायिक भवन का निर्माण करवा लिया।
ब्रिज इनक्लेव कॉलोनी में अवैध निर्माण पर कुंद वीडीए का हथौड़ा
नियमत: भवन निर्माण में सेटबैंक के लिए जगह छोड़ना होता है लेकिन इस भवन का निर्माण सभी नियमों को ताख पर रखकर किया गया है। सेटबैक और रोड बाइंडिंग के नियमों को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से अवैध निर्माण हुआ है। वीडीए के जिम्मेदार अधिकारी जानकर भी अंजान बने बैठे रहे। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अशफाक नगर निवासी सद्दाम हुसैन व अल्ताफ अंसारी की जमीन पर जिस ठेकेदार रिजवान द्वारा यह निर्माण कार्य कराया जा रहा है वह वीडिए का सेटर है। वीडीए वीसी से अपनी सेटिंग कर सील भवन को भी 4 मंजिल बनवाकर पूरा कर लिया। अपनी सेटिंग-गेटिंग के दम पर अवैध निर्माण करने का महारथ रखने वाले ठेकेदार रिजवान द्वारा जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नक्शा पास करा लिया जाता है। वहीं नक्शा से कहीं अधिक निर्माण भी कराया जाता है इस मामले में जी प्लस टू का मानचित्र स्वीकृत कराया गया परंतु निर्माण जी प्लस 4 का हुआ । ऐसे में यह सवाल उठता है की शहर में हो रहे अवैध निर्माण पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करने वाली वीडीए आखिर इस अवैध निर्माण पर क्यों खामोश है! क्या इस अवैध निर्माण को कराने वाले धन्नासेठ ने भी पैसों के बलबूते वीडीए का ईमान खरीद लिया है! यह देखना होगा कि ब्रिज इनक्लेव कॉलोनी में हो रहे इस अवैध निर्माण पर वीडीए का हथौड़ा चलता है या नहीं ?
ताबड़तोड़ कार्रवाई सिर्फ दिखावा, हकीकत कुछ और
शहर में इन दिनों अवैध निर्माण पर वीडीए की कार्रवाई जारी है। लेकिन सच ये है कि यह कार्रवाई सिर्फ दिखावा है। इसके पीछे की हकीकत कुछ और ही है। जिस अवैध निर्माण कराने वाले भवन स्वामियों से वीडीए की सेटिंग नहीं हो पाती सिर्फ वहीं सील या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होती है। इसका उदहरण शहर में सिर्फ अवैध मकान ही नहीं बल्कि कई कॉलेनियां और तमाम प्लाटिंग भी है। हकीकत यह है की अगर आपके पास पैसा है तो आप बिना किसी भय के अवैध निर्माण करा सकते हैं क्योंकि वाराणसी विकास प्राधिकरण आपके पैसों के आगे अपना ईमान बेच दिया है। वीडीए के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत और साठ-गांठ से सील भवन का निर्माण भी डील के दम पर पूरा हो जाता है।
वीडीए ने भवन को सील कर पुलिस अभिरक्षा में सौंपा
बृज इंक्लेव कॉलोनी में निर्मित इस भवन का निर्माण बीते एक साल से अधिक समय से हो रहा है। जब से यह निर्माण शुरू हुआ तबसे आपके अपने अखबार ‘गूंज उठी रणभेरी’ ने इस अवैध निर्माण के खिलाफ एक मुहिम चलाया। जब अवैध निर्माण की खबर प्रकाशित की गई तब जोनल अधिकारी ने इस भवन को सील कर दिया था। लेकिन भवन स्वामी और शातिर ठेकेदार ने मिलकर वीडीए के वीसी को अपने पैसे के दम पर खरीद लिया और सील भवन में निर्माण कार्य करवाते हुए तीन मंजिला इमारत खड़ी कर दी। सूत्रों की माने तो इस अवैध निर्माण के पीछे वीडीए वीसी का पूरा संरक्षण प्राप्त था। यही वजह है कि सील भवन में हो रहे निर्माण पर मुकदमा कायम होने के बावजूद निर्माण कार्य नहीं रुका। इससे यह बात साबित होती है कि वीडीए वीसी के मौन सहमति के कारण ही भवन निर्माणकर्ता के मन में न मुकदमे का डर था , न ही भवन के टूटने का। बीते मंगलवार को वीडीए के अधिकारीयों ने सद्दाम हुसैन द्वारा ब्रिज एंक्लेव कॉलोनी में स्वीकृत एकल आवासीय मानचित्र, बी प्लस जी प्लस टू के विरुद्ध किए गए जी प्लस 4 के फ्लैट निर्माण, जिसे पूर्व में सील कर थाना भेलूपुर की पुलिस अभिरक्षा में दिया गया था, तथा चोरी छिपे निर्माण करने पर एफआईआर भी दर्ज करा दी गई थी, को पुन: सील कर डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया गया कि "उक्त अनाधिकृत भवन में फ्लैट का क्रय- विक्रय न किया जाए। अब देखना है कि वीडीए वीसी इस अवैध निर्माण को तोड़वाते है या फिर वीडीए वीसी का बुलडोजर सिर्फ गरीबों के मकान पर चलता है!
सील भवन में भी बेधड़क होता रहता है निर्माण
वीडीए के अधिकारियों की महिमा इतनी निराली है कि शहर भर में सील के बावजूद भी अर्धनिर्मित भवनों के अंदर निर्माण जारी रहता है। कुछ बड़ी इमारतें तो ऐसी हैं, जिन्हें अवैध और अनियमित पाते हुए प्राधिकरण ने सील कर दिया है। मगर, सील लगे भवनों में भी धड़ल्ले से निर्माण किया जा रहा है। सील लगी बहुमंजिला इमारतों में अंदर कभी खुलेआम तो कभी चोरी-छिपे अपने निर्माण का आकार देने में सैकड़ों भवन स्वामी जुटे हुए हैं। इसे प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही कहें या मिलीभगत, महीनों या सालों पहले सील किए गए बड़े-बड़े भवनों को सील लगाकर अधिकारी छोड देते हैं और दोबारा कभी मौके पर जाकर जांच-पड़ताल तक नहीं करते। अब इसे आप उनकी विभागीय व्यस्तता कहिये या फिर सेटिंग-गेटिंग का मासूम तरीका।