संविवि : सेमेस्टर परीक्षा के लिए जारी हुए दिशा-निर्देश

संविवि : सेमेस्टर परीक्षा के लिए जारी हुए दिशा-निर्देश

वाराणसी (रणभेरी सं.)। सम्पूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षा आगामी 25 अप्रैल से शुरू हो रही है। इसके पहले विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी केंद्र संचालकों को 23 पॉइंट्स में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर सुधाकर मिश्रा ने बताया- सभी केंद्राध्यक्षों को यह बता दिया गया है कि सभी 23 बिंदुओं पर सख्ती से अमल लाएं, लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसमें छात्रों के लिए भी गाइडलाइन है। जिसमें साफ कहा गया है कि उत्तर पुस्तिकाओं में अनुक्रमांक और विषय के स्थान पर कोई चिह्न या धर्म संबंधी वाक्य लिखने पर उस छात्र की परीक्षा को निरस्त माना जाएगा। साथ ही केंद्र पर केंद्र व्यस्थापक के सगे-संबंधी यदि परीक्षा देते मिले तो केंद्र को डिबार कर दिया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर सुधाकर मिश्रा के अनुसार संस्कृत विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेजों में शास्त्री की सेमेस्टर परीक्षाएं 25 अप्रैल से शुरू हो रही हैं। ये परीक्षाएं 4 मई तक चलेंगी। सभी केंद्राध्यक्षों को उत्तर पुस्तिकाएं 22 से 23 अप्रैल को दी जाएगी। जिसे वो सुरक्षित अपने सेंटर तक ले जाएंगे। परीक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालय ने गाइडलाइन जारी की है। जिससे केंद्राध्यक्षों को अवगत करा दिया गया है।

23 बिंदु के निर्देश जारी, छात्र नहीं कर सकेंगे ये काम

परीक्षा नियंत्रक के अनुसार परीक्षा को लेकर सभी केंद्राध्यक्षों के साथ एक बैठक कर उन्हें आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। 23 बिंदुओं पर चर्चा कर उन्हें सख्ती से लागू करने को कहा गया है। उन्हें बताया गया है कि यदि कोई भी छात्र उत्तर पुस्तिका पर कोई कोड चिह्न, कोई धार्मिक चिह्न या कुछ लिखता है तो वह नकल प्रयोग माना जाएगा और उस छात्र की वह परीक्षा निरस्त कर दी जाएगी। जिससे वह फेल हो जाएगा।  ऐसे में कोई भी छात्र ऐसा न करे। इसके अलावा इस कक्ष में मौजूद कक्षा निरीक्षक पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में वह यह सुनिश्चित करने के बाद ही कॉपी पर हस्ताक्षर करे की उसपर कुछ और न लिखा हो।

सगे-संबंधी दे रहे एग्जाम तो करें ये काम

परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि पिछले वर्ष इस बात की सूचना मिली थी की केंद्र पर केंद्राध्यक्षों के सगे-संबंधी परीक्षा दे रहे हैं। इसपर कार्रवाई की गई थी और केंद्राध्यक्षों और प्राचार्यों को कार्यमुक्त किया गया था।  ऐसे में इस वर्ष भी यदि किसी केंद्र पर ऐसा हो तोई केंद्राध्यक्ष स्वयं विश्वविद्यालय को लेटर लिख कर इस बात की जानकारी दे ताकि वहां नया केंद्राध्यक्ष नियुक्त किया जा सके। अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।