प्रयागराज से काशी तक अटूट कतार

काशी में श्रद्धालुओं का सैलाब, सड़क से लेकर घाटों तक भारी भीड़
गौदोलिया में पैर रखने को जगह नहीं, शहर में बाहरी वाहनों के प्रवेश से चौतरफा जाम, गलियां भी हुई चोक
वाराणसी (रणभेरी सं.)। महाकुंभ के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। काशी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। काशी की सड़कों से लेकर घाटों तक पर भारी भीड़ है। काशी में भीड़ कब तक कम होगी इसका आंकलन कोई नहीं लगा पा रहा है। हर रोज श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शनार्थियों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है। सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ इस कदर हुई कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने को घाटों पर से लाइन लगी है। दरभंगा घाट से लेकर अहिल्याबाई घाट, शीतला घाट, प्राचीन दशाश्वमेध घाट, डॉ राजेन्द्र प्रसाद घाट , मानमंदिर, त्रिपुरा भैरवी, मीरघाट, ललिता घाट, मणिकर्णिका घाट द्वार तक दर्शनार्थियों की भारी भीड़ है। सोमवार के चलते दर्शनार्थियों का हुजूम उमड़ पड़ा है। घाट पर तिल रखने की भी जगह नहीं है। रविवार रात 9:30 बजे तक 5.61 लाख से अधिक भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के चरणों में श्रद्धा निवेदित की। वहीं, शनिवार को 6.39 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे। काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए रविवार को 20 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे हैं। दर्शन करने के लिए मंदिर के 4 गेट पर लाइनें हैं। गौदोलिया की तरफ से 5-5 किलोमीटर की 2 लाइनें लगी हैं। बाबा विश्वनाथ के जयघोष लग रहे हैं। इसके अतिरिक्त, दशाश्वमेध घाटकी तरफ से गेट 4 और गंगा द्वार पर भी 3 से 4 किलोमीटर लंबी लाइनें हैं। सिर्फ मंदिर नहीं, गलियां भी श्रद्धालुओं से पटी हुई हैं। गौदोलिया से गंगा घाट का इलाका एकज जोन है, शहर के अंदर बाहर के वाहनों की नो एंट्री चल रही है। काशी के 84 घाटों में से 20 घाट ऐसे हैं, जिन पर सबसे ज्यादा क्राउड है। यहां सिक्योरिटी के अरेंजमेंट कड़े किए गए हैं।
चौतरफा जाम के झाम में फंसा बनारस, सड़क से लेकर गालियां हुई चोक
वाराणसी पिछले एक माह से चौतरफा जाम की चपेट में हैं। एंबुलेंस भी जाम में फंस रही हैं जिससे मरीजों की जान पर बन रही है। सायरन लगातार बज रहे और जाम हटवाने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। गैर राज्यों से आने वाली हजारों गाड़ियों के शहर में प्रवेश करने के कारण वाहनों का दबाव बढ़ गया है। सभी प्रवेश मार्ग पर जाम लगा है। हालात कुछ ऐसे हैं कि मंदिर परिक्षेत्र में पैर रखने की भी जगह नहीं। मैदागिन से गोदौलिया, अस्सी तक चौतरफा लोगों की भीड़ ही नजर आ रही है। दर्शन पूजन के लिए आने वाले यात्री अपने वाहन सड़क किनारे खड़े करके चले जा रहे। सड़क के दोनों तरफ वाहन खड़े होने से जाम लग जा रहा। फोरलेन, रिंग रोड से लेकर शहर की संकरी गलियां तक चोक है। चौराहे, तिराहे पर एक मिनट में ही वाहनों की लंबी कतारें लग जा रही। सोमवार को वाराणसी में वाहनों का अधिक दबाव रहता है। काशी विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से लोग आते हैं। वाराणसी से सटे आसपास के जिलों के कारोबारी भी सोमवार को शहर की मंडियों में खरीददारी को आते हैं। एक तरफ पूर्वांचल के लोगों की भीड़ तो दूसरी तरफ तीर्थ त्रिकोण की यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं का रेला। दोनों के संगम से आज वाराणसी में प्रवेश करने वाले सभी मार्गों के साथ ही नगर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर वाहन रेंगते नजर आए। जाम में फंसे लोगों के सब्र का बांध टूट रहा था।
दर्शन-व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा और दर्शन व्यवस्था को मजबूत किया है। मंदिर न्यास के अनुसार, श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन के लिए अलग-अलग कतारें लगाई जा रही हैं, जिससे भीड़ का बेहतर प्रबंधन किया जा सके।
पार्किंग हो जा रही फुल, वाहन खड़े होने लगते हैं बाहर
शहर में हल्के चार पहिया वाहनों के लिए कई जगह वाहन पार्किंग स्थल निर्धारित किए गए हैं। मगर, बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इतनी ज्यादा है कि पार्किंग फुल हो जा रही है। रविवार को भेलूपुर स्थित सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज की पार्किंग फुल हो गई तो श्रद्धालु सड़क के किनारे ही वाहन खड़ा करने लगे।
भोर में बाहरी गाड़ियां शहर में आ जा रही
पुलिस ने गैर राज्यों से आने वाले चार पहिया वाहनों को शहर क्षेत्र में प्रवेश करने पर मौजूद कालेज को पार्किंग स्टैंड दिया है। यूपी कालेज, संपूणार्नंद संस्कृत यूनिवर्सिटी, एंग्लो बंगाली इंटर कालेज कैंपस में बाहरी गाड़ियों के लिए पार्किंग स्टैंड बनाए गए हैं। सुबह से शाम तक चौराहों मौजूद पुलिस बाहरी गाड़ियों को संबंधित कॉलेज ग्राउंड भेज रही वाहनों की पार्किंग के लिए। देर रात से लेकर सुबह आठ बजे तक पुलिस की गैर मौजूदगी के कारण गैर शहरों से आने वाले वाहन शहर में प्रवेश कर जा रहे और मैदागिन, अस्सी, नमो घाट, सामने घाट, लंका, बेनिया समेत अन्य आसपास की कालोनियों में वाहन खड़े कर शहर में दर्शन पूजन के लिए निकल जा रहे जिससे जाम की स्थिति पैदा हो जा रही है।
रोज आ-जा रहे 70 हजार लोग
महाकुंभ आवाजाही को लेकर कैंट, सिटी और बनारस स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भीड़ बरकरार है। भीड़ का क्रम दोपहर में टूट रहा है, लेकिन सुबह और रात होते ही इन स्टेशनों पर पैर रखने तक की जगह नहीं बच रही है। श्रद्धालुओं की भीड़ अलग-अलग स्टेशनों पर 70 हजार के पार है लेकिन टिकट बिक्री 25 फीसदी ही है। यानी सभी स्टेशनों को मिलाकर महज 17 हजार टिकट ही बिक पा रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी सिटी से रोजाना 8000 श्रद्धालु आवाजाही कर रहे हैं लेकिन जनरल टिकट की बिक्री महज 400 है। स्पेशल के अलावा नियमित ट्रेनों में भी जनरल टिकट की बिक्री रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। बिहार और झारखंड से अप-डाउन करने वाली ट्रेनें ठसाठस हैं। मगर, अधिकतर श्रद्धालु बेटिकट हैं। बनारस स्टेशन से रोजाना 20000 श्रद्धालुओं की आवाजाही है, लेकिन जनरल टिकट की बिक्री 8000 ही है। यही हाल कैंट स्टेशन का भी हैं, यहां रोजाना 35 से 40 हजार श्रद्धालुओं की आवाजाही हो रही है लेकिन टिकट की बिक्री 25 फीसदी है। जबकि स्टेशन परिसर समेत होल्डिंग एरिया में भी एटीवीएम की सुविधा बढ़ाई गई हैं। कैंट स्टेशन के सभी यात्री हॉल, दोनों प्रवेश द्वार और होल्डिंग एरिया के अलावा यात्री आश्रय के जनरल टिकट काउंटर संचालित हो रहे हैं। बावजूद श्रद्धालु जनरल टिकट नहीं ले पा रहे हैं। यूटीएस का उपयोग भी कम है।