विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति के लिए ढाई गुना बढ़ाया गया जमीन
(रणभेरी): अयोध्या में प्रभु श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने के लिए मांझा बरहटा में 241 एकड़ भूमि ली जाएगी। इससे पहले मूर्ति के लिए 86 एकड़ भूमि ही अधिग्रहीत करने का निर्णय हुआ था। लेकिन अब अधिग्रहण का दायरा करीब ढाई गुना बढ़ा दिया गया है।ग्रीन फील्ड टाउनशिप योजना के तहत आवास विकास विभाग जमीन का अधिग्रहण कर यहां विकास कार्य करवाएगा और बाद में भूमि पर्यटन विभाग को हैंडओवर कर देगा। अब अधिग्रहण की जमीनी तैयारी शुरू हो गई है। आवास विभाग ने इसके लिए 24 अप्रैल 2022 को अधिसूचना भी जारी कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनगरी में श्रीराम की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति बनाने की घोषणा उस समय की थी जब राममंदिर का फैसला भी नहीं आया था। सरकार ने श्रीराम की मूर्ति के लिए पिछले कार्यकाल में ही 100 करोड़ रुपये का आवंटन भी कर दिया था। तब से अब तक तीन साल बीत चुके हैं लेकिन मूर्ति को लेकर जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हो सका है।
लेकिन अब सीएम योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बने हैं। ऐसे में इस महत्वाकांक्षी योजना को जमीन पर उतारने की कवायद भी तेज हो चली है। पहले यह योजना पर्यटन विभाग के पास थी लेकिन अब आवास विकास विभाग जमीन खरीदकर व भूमि का विकास करेगा और जमीन पर्यटन विभाग को दे देगा।
अयोध्या में आवास विकास विभाग द्वारा भूमि विकास, गृहस्थान एवं बाजार योजना के तहत मांझा बरहटा, मांझा तिहुरा व मांझा शाहनवाजपुर की 1192 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है। अब तक करीब 73 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो चुका है।वहीं अब 241.63 एकड़ भूमि इसी योजना के तहत और ली जाएगी। ऐसे में पहले 1192 एकड़ का चल रहा अधिग्रहण का दायरा अब कुल 1433 एकड़ हो गया है। श्रीराम की मूर्ति के लिए मांझा बरहटा के पूरब, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण दिशा में विभिन्न गाटा संख्या की जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है। इसको लेकर आवास विकास परिषद ने अधिनियम 1965 की धारा 28 के अंतर्गत अधिसूचना भी जारी कर दी है। ऐसे में अब जमीन अधिग्रहण की भी कार्रवाई तेज हो गई है। जमीन को लेकर 30 दिन के भीतर आपत्तियां मांगी गईं हैं। इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण होगा और फिर किसानों से जमीन लेने की कार्रवाई प्रारंभ हो जाएगी।
श्रीराम की 251 मीटर ऊंची मूर्ति लगाने की योजना तीन वर्षों से चल रही है। सबसे पहले इसके लिए मीरापुर दोआबा गांव में 61 हेक्टेअर भूमि पर मूर्ति लगाने का प्रस्ताव दिया गया था। यह जमीन शवदाहगृह के पास स्थित थी। यहां मुआवजे को लेकर विरोध हुआ। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। कुछ को मुआवजा दिया भी गया।इसके बाद भूमि संरक्षण समिति ने भूमि की जांच की तो मूर्ति के लिए इसे अनुपयुक्त करार दे दिया। इसके बाद मांझा बरहटा में मूर्ति के लिए जमीन चिह्नित की गई। इसके लिए 17 अप्रैल 2021 को नई अधिसूचना जारी की गई। श्रीराम की मूर्ति के आसपास ऐसे कई प्रकल्प स्थापित होंगे जो मूर्ति की भव्यता-दिव्यता बढ़ाएंगे।