माघी पूर्णिमा पर काशी में उमड़ेगा महासैलाब

माघी पूर्णिमा पर काशी में उमड़ेगा महासैलाब

काशी विश्वनाथ में 5 किमी लंबी लाइन, रविदास जन्मस्थली बना मिनी पंजाब

काशी में खचाखच भीड़, फर्श पर यात्री, अर्श पर किराया और दौड़ रही परेशानियों की रेल 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। महादेव की नगरी काशी में भीड़ की 'त्रिवेणी' बह रही है। अगले 48 घंटे में यहां 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुचेंगे। भीड़ की यह त्रिवेणी तीन संयोग से बन रही है। पहला माघी पूर्णिमा, दूसरा संत रविदास जयंती और तीसरा महाकुंभ का पलट प्रवाह। मंगलवार दोपहर तक ही 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु काशी पहुंच चुके हैं। चार लाख बाबा विश्वानाथ के दर्शन कर चुके हैं। बुधवार को रविदास जयंती कार्यक्रम में करीब 15-20 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने के आसार हैं। मंगलवार दोपहर तक काशी में घाट से लेकर मंदिर तक श्रद्धालुओं की 5 किमी. लंबी लाइन लगी हुई है। वहीं संत रविदास मंदिर में पांच लाख से अधिक लोग पंजाब से पहुंच गए हैं। लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस और प्रशासनिक अफसरों इमरजेंसी क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया है। 

महाकुंभ से लौटी श्रद्धालुओं की भीड़ से काशी में मंदिर मार्ग से लेकर घाटों तक लोगों का रेला है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए लगी कतार मैदागिन तक और इधर घाट तक पहुंच गई। मंगला आरती के साथ ही गंगाघाट और काशी विश्वनाथ मंदिर की राहें खचाखच भरी हुई हैं।

मिनी पंजाब बना सीर गोवर्धन

बीएचयू कैंपस के पीछे बना रविदास जी का मंदिर सीर गोवर्धन पिछले दो दिनों से मिनी पंजाब नजर आ रहा है। तीन दिन से लगातार पंजाब से स्पेशल ट्रेनों से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। 12 से 14 फरवरी तक चलने वाले इस मेले में पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु सिर्फ पंजाब से पहुंचेंगे। बाकी अन्य राज्यों से दस लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैँ। यहां लगातार भंडारा चलेगा, श्रद्धालु यहां पर अपनी सेवाएं देंगे। मंदिर के आसपास एक छोटा सा गांव बसा दिया गया है। 12 फरवरी को संत रविदास की जयंती के अवसर के लिए मंदिर को जहां रंग रोगन से चमका दिया गया है, वहीं देश दुनिया से आने वाले भक्तों के रहने और खाने के इंतजाम को भी किया गया।

महाकुंभ तीर्थ यात्रियों से पटी काशी

प्रयागराज से लौट रहे तीर्थयात्रियों से काशी दो दिनों से पटी है। हर सड़क-गली ठसाठस। शहर के सभी प्रवेश मार्गों पर कई किमी तक जाम लगा है। शहर के अंदर पैदल चलना मुश्किल हो गया है। जाम का विकराल रूप सोमवार को भी दिखा। तेलियाबाग, मलदहिया, भगवानपुर मार्ग पर वाहन रेंगत रहे। कई स्कूली बसें और एंबुलेंस फंसी रही। जाम के कारण समय पर नहीं पहुंचने से कई की ट्रेन और फ्लाइट छूट गई। गोदौलिया चौराहा, मैदागिन, लक्सा, नई सड़क मार्ग भीषण जाम की चपेट में रहा। हालांकि, पुलिस ने चार पहिया और ई-रिक्शा-आॅटो के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद ई-रिक्शा और आॅटो चालक गलियों से होते प्रतिबंधित क्षेत्रों में पहुंच जा रहे थे। इसके कारण गलियां भी चोक हो गई थीं। पुलिस-प्रशासन को जाम समाप्त कराने में पसीने छूट गए। उधर, शहर को जोड़ने वाले रिंग रोड और हाईवे पर भी कई किमी तक दोनों तरफ वाहन खड़े दिखे। सामने घाट पुल पूरी तरह पैक था। रामनगर से सामने घाट तक लोग जाम से निकले के लिए जूझते रहे।

बाहरी वाहनों को रिंग रोड पर रोका गया

प्रयागराज से आ रही भीड़ के मद्देनजर पुलिस ने बाहरी वाहनों को सिंहपुर स्थित रिंग रोड पर रोक दिया था। यहां से श्रद्धालु आटो से काशी दर्शन के लिए शहर जा रहे थे। रिंगरोड चौराहे पर राजातालाब से आने वाली और बाबतपुर आने वाले फोरलेन पर रुक-रुक कर जाम लगता रहा। सुबह से ही छोटे और बड़े वाहन रेंगते रहे थे। जाम छुड़ाने में लगे पुलिसकर्मी बेबस दिख रहे थे। डीसीपी गोमती जोन प्रमोद कुमार भी जाम समाप्त कराते देखे गए।

गलियों में भी जाम, फ्लाईओवर भी ओवरलोड

शहर के अंदर तो स्थिति बहुत ही खराब रही। मैदागिन से चौक और गोदौलिया तक श्रद्धालुओं की कतार रही। भीड़ भोर से शुरू हुई तो देर रात तक वैसी ही रही। रामापुरा से जंगमबाड़ी, लक्सा से रामपुरा मार्ग, लक्ष्मी कुंड से लक्सा गली भीड़ से पटी रही। लहरतारा से माधवपुर, महमूरगंज मार्ग पर गाड़ियों की कतार रही। रथयात्रा-गुरुबाग मार्ग पर दो एंबुलेंस भी आधे घंटे तक फंसी रही। कमच्छा से रथयात्रा तक लोग जाम में फंसे रहे। लंका से सामनेघाट और रामनगर चौक और टेंगरा मोड़ तक जाम से लोग बेहाल रहे। सामनेघाट-रामनगर फ्लाईओवर, महमूरगंज फ्लाईओवर, चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर और पांडेयपुर फ्लाईओवर, ककरमत्ता फ्लाईओवर भी ओवरलोड रहा।

दलाली नहीं थमी दो हजार में कराए दर्शन

सोम प्रदोष के कारण काशी विश्वनाथ में दर्शन की लाइन सड़क के साथ साथ गलियों तक में लग गई। मंदिर क्षेत्र से सटे सभी गलियां चोक रहीं। अभी भी दर्शन के नाम पर दलाली हो रही है। गुजरात से आए शिवम जोशी और उनके भाई ने बताया कि गेट नंबर चार से महज आधे घंटे में दर्शन मिल गया। वीआईपी लाइन में एक कांस्टेबल को दो हजार रुपये दिए तो उसने वीआईपी लाइन में लगवाकर दर्शन करवा दिए।

फर्श पर यात्री, अर्श पर किराया और दौड़ रही परेशानियों की रेल

महाकुंभ के पलट प्रवाह और अयोध्या आवाजाही करने वाले यात्रियों से स्पेशल ट्रेनें ठसाठस हैं। अर्श जैसा किराया देने के बावजूद एसी और स्लीपर के यात्री फर्श पर टॉयलेट के पास यात्रा करने को मजबूर हैं। भीड़ ऐसी कि कोच में सवार तक नहीं हो पा रहे हैं। रोजाना ट्रेनें छूट रही हैं। रिफंड तक नहीं मिल रहा। ऐसे में सिर्फ परेशानियों की रेल दौड़ रही है। कैंट स्टेशन से अयोध्या जाने वाली 15743 फरक्का एक्सप्रेस के एस-5 में जनक सिंघल समेत छह यात्रियों का आरक्षण था। सोमवार की सुबह 11.25 बजे ट्रेन कैंट स्टेशन पहुंची, लेकिन यात्री ट्रेन में सवार नहीं हो सके। गेट नहीं खुलने और भीड़ के चलते छह यात्रियों की ट्रेन छूट गई और उनका टिकट भी रिफंड नहीं हो सका। यात्री अतुल कुमार ने बताया कि लिच्छवी एक्सप्रेस के थर्ड एसी में सफर के लिए 3000 रुपये दिए, लेकिन अपनी सीट पर बैठ नहीं सका।  

एनईआर ने 1700 कुम्भ स्पेशल ट्रेन चलाईं: डीआरएम

प्रयागराज महाकुम्भ में आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुगम यात्रा के लिए पूर्वोत्तर रेलवे (वाराणसी मंडल) ने अब तक 1700 कुम्भ स्पेशल ट्रेनें (अप और डाउन) चलाई हैं। माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि पर रुटीन स्पेशल ट्रेनों के साथ ही भीड़ बढ़ने पर आॅन डिमांड गाड़ियां भी चलाई जाएंगी। यह जानकारी एनई रेलवे (वाराणसी मंडल) के डीआरएम विनीत कुमार श्रीवास्तव ने दी। वह सोमवार शाम लहरतारा स्थित मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 10 जनवरी से लगातार विशेष गाड़ियां चलाई जा रही हैं। स्नान पर्वों पर इनकी संख्या बढ़ जाती है। बनारस, वाराणसी सिटी, प्रयागराज रामबाग और झूंसी स्टेशनों से अब तक करीब 34 लाख तीर्थयात्रियों ने सफर किया। सिर्फ सोमवार को इन स्टेशनों से लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा की। डीआरएम ने बताया कि प्रयागराज रामबाग और झूंसी स्टेशनों पर 10-10 बेड के अस्पताल बनाए गए हैं। इनमें चिकित्सा उपकरण, एम्बुलेंस और एम्स (नई दिल्ली) का विशेष मेडिकल बैग भी है। तीर्थयात्रियों की सुगम यात्रा, सुरक्षा और स्वास्थ्य प्राथमिकता है।

5 किमी. तक लंबी लाइन में लगकर लोग दर्शन कर रहे हैं

यूपी के विभिन्न जिलों के अलावा बिहार, मप्र, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत विदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी पहुंचे हैं। वर्तमान में काशी में 15 लाख से अधिक श्रद्धालु हैं। काशी विश्वनाथ और रविदास मंदिर में इस बार बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भी पहुंचे हैं। जर्मनी, इंग्लैंड, फ्रांस मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, मॉरीशस, मलेशिया, नेपाल और भूटान सहित अन्य देशों से भक्त पहुंचे हैं। एनआरआई शहर के विभिन्न होटलों में ठहरे हैं। कुछ मंदिर के गेस्ट हाउस में रुके हैं। सोमवार को सर्वाधिक श्रद्धालु गंगा आरती में शामिल हुए थे। गंगा आरती में 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने से घाट जाम हो गए। प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर दोनों ओर रातभर हजारों वाहनों की कतार नजर आई। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर 20 किमी. तक जाम लगा रहा। काशी आने वाले हाईवे पर वाहनों को बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है। शहर के अंदर काशी विश्वनाथ धाम से आठ किमी. रेडियस में नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है।

तीन जोन के डीएम-कमिश्नर और अफसर सड़कों पर

सीएम योगी के आदेश के बाद काशी की सड़कों पर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल समेत 10 आईपीएस, तीन जोन के एडीसीपी समेत 17 पीपीएस सड़क पर उतरे हुए हैं। इसके अलावा डीएम समेत 5 आईएएस, 11 पीसीएस अफसर भी व्यवस्थाओं में लगे हुए हैं। कंट्रोल रूम से एडीसीपी और एडीएम की निगरानी रख रहे हैं। पुलिस कमिश्नर ने शहर के प्रमुख इलाकों का निरीक्षण किया। पाकिंर्गों की क्षमता भी वाहनों से हाउसफुल हो गई। यूपी कॉलेज, कटिंग मेमोरियल, संपूणार्नंद विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ समेत पाकिंर्गों में हजारों वाहन खड़े हैं। शहर में छोटे-बड़े मिलाकर 18-20 हजार से अधिक बाहर वाहन आए हैं।