ऐतिहासिक मणिकर्णिका घाट की डिजाइन में होगा बदलाव

ऐतिहासिक मणिकर्णिका घाट की डिजाइन में होगा बदलाव

वाराणसी (रणभेरी सं.)। मणिकर्णिका घाट पर बनने वाले अत्याधुनिक शवदाह गृह के निर्माण की डिजाइन में बदलाव किया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। यहां पर पहले 22 शवों को जलाने के लिए प्लेटफॉर्म बनाए जाने थे, लेकिन गंगा किनारे की मिट्टी दलदली होने के कारण अब 18 प्लेटफॉर्म बनाने पर सहमति जताई गई है। कार्यदायी एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार निर्माण कार्य शुरू होने से पहले मिट्टी की जांच कराई गई। लैब रिपोर्ट में मिट्टी दलदली निकली इसकी वजह से यहां पर बहुत गहरी पाइलिंग कराने से खतरा होगा। इसे देखते हुए शवों के प्लेटफॉर्म की संख्या घटाई जा रही है। इसके लिए अब दूसरी डिजाइन से काम कराया जाएगा। 
जी प्लस वन के हिसाब से निर्माण होगा, लेकिन भविष्य में जरूरत को ध्यान में रखकर अतिरिक्त पाइलिंग की जाएगी। गंगा किनारे की मिट्टी दलदली होती है। ऐसी स्थिति में पाइलिंग की गहराई अधिक करनी पड़ती है। यहां पर तकरीबन 15 से 20 मीटर नीचे तक पाइलिंग कराई गई। जहां-जहां सख्त मिट्टी मिली वहां तक पाइलिंग कराई गई, ताकि बाढ़ के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न आने पाए। 
फिलहाल घाटों पर रखे मलबे को हटाया जा रहा है ताकि काम के लिए जगह मिल सके। मणिकर्णिका पर 29350 वर्गफीट पर काम कराया जाना है। यहां 25 मीटर ऊंची चिमनी भी बनाई जाएगी ताकि चिता की राख आसपास के घरों में न जाए। शवों के स्नान के लिए पवित्र जलकुंड, अपशिष्ट ट्रॉलियां, मुंडन क्षेत्र होंगे।  चारों तरफ से कवर दाह संस्कार क्षेत्र में पांच बर्थ, सर्विस एरिया, अपशिष्ट संग्रह की व्यवस्था, सीढ़ियों, वेटिंग एरिया, भूतल पर पंजीकरण कक्ष, खुले में दाह संस्कार के लिए 18 प्लेटफॉर्म, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, सामुदायिक प्रतीक्षा कक्ष, दो सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। यहां पूरा निर्माण कार्य चुनार और जयपुर के पत्थरों से किया जाएगा।