राजातालाब में पेयजल को मचा हाहाकार

राजातालाब में पेयजल को मचा हाहाकार

वाराणसी (रणभेरी): राजातालाब के कचनार, रानी बाजार और परसुपुर में विगत दो साल से पानी की आपूर्ति बंद है। भिखारीपुर से संचालित जल निगम के ओवरहेड के दूसरे ट्यूबवेल की मोटर विगत दो साल पहले जलने से यहाँ पेयजल की रफ़्तार धीमी रहने के कारण हर दिन लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। भीषण गर्मी में भूगर्भ जल स्तर काफी नीचे चले जाने से पानी के बीना जनजीवन अस्त ब्यस्त होकर रह गया हैं।

गांव के लगभग सभी सरकारी हैंडपंप सूख जाने के कारण भी यह दिक्कत पैदा हुई है। फरियाद के बाद भी जल निगम समस्या के प्रति सक्रिय नहीं है जिससे समाधान नहीं हो रहा है। हालांकि क्षेत्र के नीजी समरसेबुल से पानी देकर नागरिकों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। लोग दूसरे के समर सेबुल के भरोसे किसी तरह पानी का जुगाड़ कर यहाँ के ग्रामीण अपनी जिÞंदगी जीने को विवश हैं आए दिन ट्यूबवेल में तकनीकी दिक्कतों के चलते क्षेत्र में पानी की किल्लत पैदा हो जाती है। प्यास बुझाने के लिए लोगों को घंटो इंतजार कर पानी लाना पड़ रहा है।

पिछड़ी जाति बाहुल्य उक्त मुहल्लों में यूं तो कई समस्याएं लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किए हुए है, लेकिन इन दिनों पेयजल किल्लत ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पानी आपूर्ति को लगे दूसरे ट्यूबवेल की मोटर जलने से घरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा। क्षेत्र के अधिकतर लोग पाइप लाइन के जरिए उपलब्ध पानी पर ही निर्भर हैं। ऐसे में समस्या की गंभीरता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। पानी नहीं पहुंचने से लोग बिलबिला उठ रहे है । जल निगम की कार्यप्रणाली से आक्रोशित भी हैं। कारण इस तरह की परेशानी आए दिन समस्या खड़ी करती रहती है। कुछ दिन पहले भी ट्यूबवेल में आई तकनीकी खराबी से लगभग दो माह तक पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी थी।

ग्रामीणों को एक दफा फिर इस समस्या का सामना करना पड़ा रहा है। क्षेत्र के प्रदीप कन्नौजिया, सिब्बू, भैयालाल, मुख़्तार, इरफान, कल्लू आदि का कहना है कि प्रशासनिक और ग्राम पंचायत की उपेक्षा का शिकार है। प्रतिदिन नालियों का गंदा पानी निकासी के अभाव में घरों में घुसने लगता है और अवजल सड़कों पर उफना रहा है तो कभी ट्यूबवेल खराब होने से पेयजल की आपूर्ति बंद हो जाती है। कई दिनों तक इस समस्या से लड़ते रहते हैं। नहाने और भोजन बनाने तक को पानी नहीं मिल पाता। बावजूद जिम्मेदार इस समस्या को नजरअंदाज किए हुए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने चेताया कि इसी तरह चलता रहा तो आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।