मसालों की कीमत ने आमजन की जेब की ढीली
वाराणसी(रणभेरी): दक्षिण भारत के राज्यों में हुई भारी बारिश, आयात निर्यात की नीतियों पर प्रभाव के चलते इन दिनों कई मसालों के दामों में काफी तेजी देखी जा रही है। एक महीने में जिन मसालों में दामों में परिवर्तन हुए हैं उसमें प्रमुख रूप से हल्दी, लाल मिर्च, काली मिर्च, जीरा, लौंग, दालचीनी व जावित्री आदि हैं। इसमें प्रमुख रूप से काली मिर्च के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण दक्षिण भारत में बीते कुछ दिनों में हुई भारी बारिश को बताया जा रहा है। इससे यातायात प्रभावित हुए हैं। वहीं मांग में पूर्ववत वृद्धि है और आपूर्ति उसके सापेक्ष कम हुआ है। दूसरे मसालों की बात करें तो शुक्रवार को हल्दी में मात्र पांच रुपये की वृद्धि के साथ 95 रुपये से 100 रुपये प्रति किलोग्राम रहा है। इसी प्रकार लाल मिर्च 140 रुपये से बढ़कर 175 रुपये प्रति किलोग्राम में बिका।
मसाला कारोबारी विशेश्वरगंज गणेश सेठ बताते हैं कि लगभग सभी मसालों के दामों में वृद्धि हुई है। वहीं मसालों से इतर जिंस की बात करें तो सोंठ 360 से घटकर 280-80 रुपये प्रति किलोग्राम में बिक रहा है। वहीं छुहारा भी 200 रुपये से घटकर 160-70 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण दक्षिण भारत में बीते कुछ दिनों में हुई भारी बारिश को बताया जा रहा है। इससे यातायात प्रभावित हुए हैं। वहीं मांग में पूर्ववत वृद्धि है और आपूर्ति उसके सापेक्ष कम हुआ है। दूसरे मसालों की बात करें तो शुक्रवार को हल्दी में मात्र पांच रुपये की वृद्धि के साथ 95 रुपये से 100 रुपये प्रति किलोग्राम रहा है। इसी प्रकार लाल मिर्च 140 रुपये से बढ़कर 175 रुपये प्रति किलोग्राम में बिका। मसाला कारोबारी बताते हैं कि लगभग सभी मसालों के दामों में वृद्धि हुई है। वहीं मसालों से इतर जिंस की बात करें तो सोंठ 360 से घटकर 280-80 रुपये प्रति किलोग्राम में बिक रहा है। वहीं छुहारा भी 200 रुपये से घटकर 160-70 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है।
दामों में बढ़ोतरी के आंकड़े प्रति किलोग्राम में
काली मिर्च 450 600
लाल मिर्च 140 175
जीरा 155 172
लौंग 600 750
दालचीनी 230 280
जावित्री 1900 2050
'मसालों के दामों में वृद्धि के लिए बारिश के साथ अन्य कारण भी हैं। सोंठ यहां नेपाल व असोम से मंगाया जाता है। नई फसलें आने से इसके दामों में कमी आई है। वहीं आयातित छुहारा मुंबई से मंगाया जाता है। आने वाले समय में मसालों के दामों में परिवर्तन दिखेगा।