नवंबर में हुआ था सील, अप्रैल में हो गई डील

रसूखदारों का तरकीब आया काम, वीडीए के अधिकारियों के ईमान का खूब लगाया दाम
पीएम और सीएम की साख पर वीडीए वीसी ने लगाया बट्टा, वीसी के संरक्षण में शहर में आई अवैध निर्माणों की बाढ़
बिना मानचित्र स्वीकृति हुए भवन निर्माण की मची होड़, अवैध निर्माण पर सीएम की सख्ती को भी संज्ञान लेते वीडीए के जिम्मेदार
वाराणसी (रणभेरी सं.)। "अंधेर नगरी चौपट राजा"... प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में यह मुहावरा तब चरितार्थ हो जाता है जब चारों तरफ अवैध कामों की होड़ मची हो और जिम्मेदार बेखबर हो। वाराणसी के तमाम विभागों में से एक विभाग है जिसका नाम है वाराणसी विकास प्राधिकरण। विकास प्राधिकरण का काम होता है कि सरकार द्वारा नियोजित विकास सुनिश्चित करने और शहर में बुनियादी ढांचे के विकास और निर्माण कार्य करने के लिए वो ईमानदारी से प्रतिबद्ध हो। लेकिन वाराणसी विकास प्राधिकरण की कहानी ठीक इसके विपरीत है। जिस वीडीए अधिकारियों के ऊपर शहर में अवैध निर्माण के रोकने और उसके ध्वस्तीकरण का जिम्मा है आज उसी वीडीए के अधिकारी पूरी तरीके से भ्रष्ट और निकम्मा बन चुके है। यही वजह है कि धार्मिक नगरी काशी के कोने-कोने में अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आ गई है। वीडीए के भ्रष्ट अधिकारियों की ही मेहरबानी है कि शहर में तमाम अवैध कॉलोनियां बस गई, सैकड़ो अवैध व्यवसायिक भवन निर्मित हो गए। शहर का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां अवैध निर्माण की गंगा न बहती हो। ऐसा नहीं कि इस अवैध निर्माणों की जानकारी प्राधिकरण का जिम्मा संभाल रहे वीसी को नहीं होती, लेकिन रसूखदारों के आगे वीसी की भी जहमत नहीं होती कि वो रसूखदारों के अवैध निर्माण को ध्वस्त कर सके।
फर्जी मानचित्र और नियमों को ठेंगे पर रखकर खड़ी करवा ली चार मंजिला मकान
पैसों में हनक और ताकत इतनी होती है कि उसके आगे न नियम होता न कोई कानून। एक ऐसा ही मामला है सुंदरपुर क्षेत्र के बृज इंक्लेव कॉलोनी का है जहां सद्दाम हुसैन नाम के व्यक्ति ने नियम कानून को ताख पर रखकर अवैध निर्माण कराया है। सूत्रों की माने तो जिस स्थान पर इस भवन का निर्माण कराया गया है उसका बहुतायत हिस्सा कब्रिस्तान का है। सूत्र यह भी बताते हैं कि अशफाक नगर निवासी सद्दाम हुसैन एवं अल्ताफ अंसारी बड़े शातिर किस्म के व्यक्ति है जिन्होंने पहले तो बिल्डर के जरिये अधिकारियों को मिलाकर उस जमीन के एक बिस्वा क्षेत्र के लिए भवन का नक्शा पास करा लिया फिर उसी नक्शे पर बिना मानचित्र स्वीकृत के तीन मंजिल की इमारत खड़ी कर दी। इतना ही नहीं, भवन पर वाकायदा वीडीए द्वारा मानवित्र स्वीकृत का बोर्ड लटकाकर सारे नियम-कानूनों को ताख पर रखते हुए लगभग 5 बिस्वा में अवैध रूप से 4 मंजिला व्यवसायिक भवन का निर्माण करवा लिया।
भेलूपुर जोनल रहा मेहरबान, सील के बाद भी होता रहा निर्माण
शहर में जितने भी अवैध निर्माण हुए हैं उसमें सबसे अहम भूमिका जोनल की होती है। जोनल अधिकारी के सांठ-गांठ का ही परिणाम है कि जिस भवन को अवैध मानकर सील किया जाता है, कुछ दिन बाद उसी भवन में पर्दे की आड़ से निर्माण को मूर्त रूप दिया जाता है। ऐसा नहीं कि पर्दे के पीछे से चल रहे निर्माण की जानकारी जोनल को नहीं होती, लेकिन आपको जानकर यह हैरानी होगी यह तरकीब जोनल द्वारा ही भवन स्वामी को दिया जाता है और इसके एवज में मोटी रकम वसूला जाता है।
बृज इंक्लेव कॉलोनी में निर्मित इस भवन का निर्माण बीते एक साल से अधिक समय से हो रहा है। जब से यह निर्माण शुरू हुआ तबसे आपके अपने अखबार "गूंज उठी रणभेरी" ने इस अवैध निर्माण के खिलाफ एक मुहिम चलाया। जब अवैध निर्माण की खबर प्रकाशित की गई तब जोनल पूर्व जोनल अधिकारी ने इस भवन को सील कर दिया था। लेकिन भवन स्वामी और शातिर ठेकेदार ने मिलकर वीडीए के वीसी को अपने पैसे के दम पर खरीद लिया और सील भवन में निर्माण कार्य करवाते हुए चार मंजिला इमारत खड़ी कर दी। सूत्रों की माने तो इस अवैध निर्माण के पीछे वीडीए वीसी और भेलूपुर जोनल का संरक्षण प्राप्त था। यही वजह है कि सील भवन में हो रहे निर्माण पर मुकदमा कायम होने के बावजूद निर्माण कार्य नहीं रुका। इससे यह बात साबित होती है कि वीडीए वीसी के मौन सहमति के कारण ही भवन निर्माणकर्ता के मन में न मुकदमे का डर था , न ही भवन के टूटने का। कुछ दिन पूर्व वीडीए के अधिकारीयों ने सद्दाम हुसैन द्वारा ब्रिज एंक्लेव कॉलोनी में स्वीकृत एकल आवासीय मानचित्र, बी प्लस जी प्लस टू के विरुद्ध किए गए जी प्लस 4 के फ्लैट निर्माण, जिसे पूर्व में सील कर थाना भेलूपुर की पुलिस अभिरक्षा में दिया गया था, तथा चोरी छिपे निर्माण करने पर एफआईआर भी दर्ज करा दी गई थी, को पुनः सील कर डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया गया कि "उक्त अनाधिकृत भवन में फ्लैट का क्रय- विक्रय न किया जाए, बावजूद इसके न निर्माण रुका न ही अबतक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई।
सीएम के आदेश को भी ठेंगे पर रखते हैं भेलूपुर जोनल संजीव कुमार
शहर में अवैध निर्माण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निदेशों के बावजूद धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। अवैध निर्माण होने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी नहीं होती। उच्च स्तर पर ऐसी शिकायतें भी पहुंती रहती है कुछ अधिकारीयों की मिलीभगत से अवैध निर्माण चरम पर है। सबसे अधिक अवैध निर्माणों की होड़ भेलूपुर जोन में मची है। भेलूपुर जोन के नगवां जोन में भी अवैध निर्माण की बाढ़ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निदेशों के बावजूद वाराणसी में अवैध निर्माण थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिना मानचित्र स्वीकृति के धड़ल्ले से बहुमंजिला इमारतें खड़ी हो रही हैं। संबंधित विभाग मौन बना हुआ है। नगवां जोन में तो हालात और भी बदतर हैं, जहां अवैध निर्माण की बाढ़ आई हुई है। विकास प्राधिकरण के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार खुलेआम जारी है। बीते दिनों सीएम ने अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थें की नगर विकास विभाग के आदेशानुसार, बिना स्वीकृत मानचित्र के निर्माण करना अपराध की श्रेणी में आता है, और ऐसे मामलों में संबंधित अवैध निर्माणकर्ताओं व जिम्मेदार कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। बावजूद इसके, वाराणसी विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार मुख्यमंत्री के आदेश को भी ठेंगा दिखाने से बाज नहीं आते।